विज्ञापन
This Article is From Mar 09, 2021

ब्रिटिश संसद में कृषि कानून पर चर्चा को लेकर भारत ने ब्रिटिश उच्‍चायुक्‍त के समक्ष जताई कड़ी आपत्ति : सरकार

विदेश सचिव ने ब्रिटेन के उच्चायुक्त से कहा कि ब्रिटिश संसद में भारत के कृषि सुधारों के बारे में चर्चा दूसरे लोकतांत्रिक देश की राजनीति में हस्तक्षेप है.

ब्रिटिश संसद में कृषि कानून पर चर्चा को लेकर भारत ने ब्रिटिश उच्‍चायुक्‍त के समक्ष जताई कड़ी आपत्ति : सरकार
नई दिल्ली:

भारत ने आज ब्रिटिश उच्‍चायुक्‍त (British High Commissioner) को तलब करके ब्रिटिश संसद में किसानों के विरोध प्रदर्शन और प्रेस की आजादी के मुददे पर हुई चर्चा को लेकर अपना सख्‍त ऐतराज जताया. करीब डेढ़ घंटे की यह बहस सोमवार को हुई, इस दौरान लेबर पार्टी, लिबरल डेमोक्रेट और स्‍कॉटिश नेशनल पार्टी के कई सांसदों ने प्रदर्शनकारियों के खिलाफ भारत सरकार की प्रतिक्रिया को लेकर चिंता का इजहार किया. ब्रिटिश सरकार ने कहा है कि जब दोनों देशों के प्रधानमंत्री मिलेंगे तो इस बारे में चिंता से भारत को अवगत कराया जाएगा.

राकेश टिकैत का 'अल्टीमेटम'- जब तक वापस नहीं होता कृषि कानून, चलता रहेगा किसान आंदोलन  

विदेश मंत्रालय की ओर से मंगलवार को कहा गया कि विदेश सचिव ने 'दूत' को तलब किया था और भारत में कृषि सुधारों के मसले पर ब्रिटेन की संसद में अवांछित (unwarranted) और पक्षपातपूर्ण चर्चा को लेकर कड़ा विरोध जताया.विदेश सचिव ने ब्रिटेन के उच्चायुक्त से कहा कि ब्रिटिश संसद में भारत के कृषि सुधारों के बारे में चर्चा दूसरे लोकतांत्रिक देश की राजनीति में हस्तक्षेप है.

कृषि कानूनों को लेकर नवजोत सिंह सिद्धू ने ट्वीट करके किया यह बड़ा ऐलान...

विदेश मंत्रालय के अनुसार, विदेश सचिव हर्ष वर्धन श्रृंगला ने ब्रिटेन के उच्चायुक्त से कहा भारत के कृषि सुधारों पर ब्रिटिश संसद में चर्चा कराया जाना दूसरे लोकतांत्रिक देश की राजनीति में दखलअंदाजी है. मंत्रालय ने कहा कि विदेश सचिव ने उच्चायुक्त को यह हिदायत भी दी कि ब्रिटिश सांसदों को विशेष रूप से अन्य लोकतांत्रिक देश से जुड़े घटनाक्रमों पर वोट बैंक की राजनीति करने से बचना चाहिए.

NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं

फॉलो करे:
Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com