विज्ञापन
This Article is From Sep 16, 2019

भारत ने सऊदी अरब के तेल संयंत्रों पर हमलों की निंदा की

भारत ने सऊदी अरब में तेल संयंत्रों पर हुए हमलों की सोमवार को निंदा की और हर तरह के आतंकवाद का विरोध करने के अपने संकल्प को दोहराया.

भारत ने सऊदी अरब के तेल संयंत्रों पर हमलों की निंदा की
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार (फाइल फोटो).
नई दिल्ली:

भारत ने सऊदी अरब में तेल संयंत्रों पर हुए हमलों की सोमवार को निंदा की और हर तरह के आतंकवाद का विरोध करने के अपने संकल्प को दोहराया. विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने कहा, 'हम सऊदी अरब के अबकैक तेल संयंत्र और खुरैस तेल क्षेत्र में 14 सितंबर 2019 को हुए हमलों की निंदा करते हैं.' उन्होंने कहा, 'हम हर तरह के आतंकवाद का विरोध करने का अपना संकल्प दोहराते हैं.' गौरतलब है कि यमन के हूती विद्रोहियों ने शनिवार को सऊदी अरब स्थित दुनिया के सबसे बड़े तेल संयंत्र पर ड्रोन हमले किए. इसका असर तेल के वैश्विक बाजार पर भी पड़ा है.

क्या सऊदी के तेल संयंत्रों पर हमले का असर भारत की तेल आपूर्ति पर होगा? पेट्रोलियम मंत्री ने दिया यह जवाब...

बता दें कि इससे पहले पेट्रोलियम मंत्रालय ने कहा था, 'सऊदी अरामको के अधिकारियों ने 15 सितंबर को भारतीय रिफाइनरी कंपनियों को सूचित किया है कि उनके लिए आपूर्ति में किसी तरह की कमी नहीं होने दी जायेगी. पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्रालय भारतीय रिफाइनरी कंपनियों तथा सऊदी अरामको के साथ स्थिति पर निगाह रखे हुए है.' सऊदी अरब की कंपनी अरामको द्वारा परिचालित दुनिया के सबसे बड़े कच्चा तेल प्रसंस्करण कारखाने में ड्रोन हमले के बाद हुए नुकसान के समाचारों से कच्चे तेल के दाम अपने चार माह के उच्चस्तर पर पहुंच गए हैं.

सऊदी अरब के कच्चे तेल की रिफ़ाइनरी पर ड्रोन हमले का असर भारत पर भी पड़ेगा

इस हमले से सऊदी अरब का आधा उत्पादन प्रभावित हुआ है. इससे दुनिया में करीब पांच प्रतिशत आपूर्ति बाधित हुई है. भारत अपनी कच्चे तेल की जरूरत का 83 प्रतिशत आयात करता है. इराक के बाद भारत का सबसे बड़ा तेल आपूर्तिकर्ता सऊदी अरब है. वित्त वर्ष 2018-19 में सऊदी अरब ने भारत को 4.03 करोड़ टन कच्चा तेल बेचा. वित्त वर्ष के दौरान भारत का कच्चे तेल का आयात 20.73 करोड़ टन रहा. कच्चे तेल के दाम में सोमवार को भारी उछाल आया. ब्रेंट कच्चा तेल 19.5 प्रतिशत बढ़कर 71.95 डॉलर प्रति बैरल पर पहुंच गया. कच्चे तेल का वायदा 1988 में शुरू हुआ था. उसके बाद से डॉलर मूल्य के लिहाज से यह सबसे बड़ी वृद्धि हुई है. अमेरिका का वेस्ट टेक्सास इंटरमीडिएट वायदा 15.5 प्रतिशत बढ़कर 63.34 डॉलर प्रति बैरल पर चल रहा था.

VIDEO: कच्चे तेल के खेल में फंसा भारत

(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं

फॉलो करे:
डार्क मोड/लाइट मोड पर जाएं
Previous Article
दिल्ली, यूपी, बिहार सहित जानिए किन राज्यों में आज भी होगी झमाझम बरसात?
भारत ने सऊदी अरब के तेल संयंत्रों पर हमलों की निंदा की
भर्ती परीक्षा में नकल रोकने की कोशिश, असम में आज तीन घंटे के लिए मोबाइल इंटरनेट रहेगा बंद
Next Article
भर्ती परीक्षा में नकल रोकने की कोशिश, असम में आज तीन घंटे के लिए मोबाइल इंटरनेट रहेगा बंद
Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com