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This Article is From Jul 04, 2020

कपिल सिब्बल ने चीन की घुसपैठ को लेकर PM मोदी पर दागे कई सवाल, बोले- 'तस्वीरें झूठ नहीं बोलतीं'

India China Stand-off: सिब्बल ने आगे पूछा, "क्या चीनियों ने गलवान घाटी समेत ‘पैट्रोल प्वाइंट-14, जहां 16 बिहार रेजिमेंट के 20 जवानों ने सर्वोच्च बलिदान दिया, पर कब्जा कर लिया है?

कपिल सिब्बल ने चीन की घुसपैठ को लेकर PM मोदी पर दागे कई सवाल, बोले- 'तस्वीरें झूठ नहीं बोलतीं'
India China Stand-off: पूर्व केंद्रीय मंत्री कपिल सिब्बल ने प्रधानमंत्री से पूछे सवाल (फाइल फोटो)
नई दिल्ली:

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री कपिल सिब्बल (Kapil Sibal) ने चीनी घुसपैठ को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Modi) से कुछ सवाल पूछे हैं. कपिल सिब्बल ने बयान में कहा, "तस्वीरें झूठ नहीं बोलतीं". उन्होंने पूछा प्रधानमंत्री देश को जवाब देंगे- क्या वास्तविक व ताजा चित्र ‘पैंगोंग त्सो लेक' एरिया में ‘फिंगर 4 रिज़' तक हमारी सरजमीं पर चीनी कब्जे की सच्चाई बयां नहीं करते? क्या यह भारत का ही भूभाग है जिस पर चीनियों द्वारा अतिक्रमण कर राडार, हैलीपैड और दूसरी संरचनाएं खड़ी कर दी गई हैं? 

सिब्बल ने आगे पूछा, "क्या चीनियों ने गलवान घाटी समेत ‘पेट्रोल प्वाइंट-14, जहां 16 बिहार रेजिमेंट के 20 जवानों ने सर्वोच्च बलिदान दिया, पर कब्जा कर लिया है? क्या चीनियों ने भारतीय सीमा के अंदर ‘हॉट स्प्रिंग्स' इलाके को भी कब्जे में ले लिया है? क्या चीन ने ‘डेपसांग प्लेंस' में ‘वाई-जंक्शन' (एलएसी के 18 किलोमीटर अंदर) तक हमारी जमीन पर कब्जा कर भारत की सामरिक महत्व की ‘डी.बी.ओ. हवाई अड्डे' को खतरा उत्पन्न कर दिया है, जो ‘सियाचिन ग्लेशियर' एवं ‘काराकोरम पास' में हमारी सैन्य आपूर्ति की लाइफलाइन है?

उन्होंने कहा, "क्या भारत के पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री और इंदिरा गांधी हमारे सैनिकों का मनोबल बढ़ाने के लिए फॉरवर्ड लोकेशंस में नहीं गए थे? क्या पंडित जवाहर लाल नेहरु 1962 में एनईएफए (NEFA) में फॉरवर्ड लोकेशंस में हमारे सैनिकों का मनोबल बढ़ाने नहीं गए थे? लेकिन ऐसा लगता है कि हमारे मौजूदा प्रधानमंत्री 230 किलोमीटर दूर ‘नीमू, लेह' में ही रुके रहे."

पूर्व कानून मंत्री ने सवाल पूछा कि क्या यह सही नहीं कि लद्दाख में हमारे स्थानीय काउंसलर्स, जिनमें भाजपा के काउंसलर भी शामिल हैं, उन्होंने चीन द्वारा हमारी जमीन पर कब्जा करने के बारे में फरवरी, 2020 में प्रधानमंत्री मोदी को मैमोरेंडम भेजा? प्रधानमंत्री ने उस पर क्या कार्रवाई की? अगर प्रधानमंत्री ने समय रहते कदम उठाया होता, तो क्या हम चीनियों के अतिक्रमण को पहले ही नहीं रोक देते?

सिब्बल ने कहा कि समय की मांग है कि भारत, चीन की ‘आंखों में आंखें'डालकर स्पष्ट रूप से बता दे कि चीनियों को भारतीय सरजमीं पर अपने अवैध व दुस्साहसपूर्ण कब्जे को छोड़ना होगा. प्रधानमंत्री जी, यही एकमात्र ‘राज धर्म' है, जिसका पालन आपको हर कीमत पर करना चाहिए.

वीडियो: खबरों की खबर: लद्दाख से चीन को पीएम का संदेश

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