चीन के साथ सिक्किम में सीमा पर तनाव के बीच भारतीय जल क्षेत्र में दिखीं चीनी पनडुब्बियां

चीन का यह  एक प्रकार का दोहरा रवैया रहा है. रक्षा जानकारों का मानना है कि चीन भारत को घेर रहा है.

चीन के साथ सिक्किम में सीमा पर तनाव के बीच भारतीय जल क्षेत्र में दिखीं चीनी पनडुब्बियां

खास बातें

  • हिन्द महासागर में चीन की मौजूदगी भारत के लिए चिंता का विषय
  • डोका ला क्षेत्र में भारतीय और चीनी सेना के बीच एक महीने से गतिरोध जारी
  • कम से कम 14 चीनी पोतों को भारतीय समुद्री क्षेत्र में घूमते देखा गया
नई दिल्ली:

सिक्किम के डोका ला क्षेत्र में भारतीय सेना और चीनी सेना के बीच एक महीने से जहां गतिरोध जारी है वहीं भारतीय समुद्री क्षेत्र में चीन की पनडुब्बियां देखी गई हैं. जानकारी के अनुसार चीन एंटी पाइरेसी ऑपेरशन के नाम पर पिछले आठ साल से ऐसा करता आ रहा है जबकि वह दक्षिण चीन सागर में किसी को जाने नहीं देता है. जबकि ये भी अंतरराष्ट्रीय वाटर है और वो भी. चीन का यह  एक प्रकार का दोहरा रवैया रहा है. रक्षा जानकारों का मानना है कि चीन भारत को घेर रहा है. हिन्द महासागर में उसकी मौजूदगी भारत के लिए चिंता का विषय है. रक्षा जानकार कहते हैं कि चीन पाकिस्तान के ग्वादर, श्रीलंका के हम्बनटोटा, अफ्रीका का जगोती, म्यांमारऔर बांग्लादेश हर जगह पैर पसार रहा है.

बताया जा रहा है कि युआन क्लास की ये पारंपरिक डीजल इलेक्ट्रिक पनडुब्बी क्षेत्र में तैनात की जाने वाली 7वीं पनडुब्बी है. भारत की ओर से इस पनडुब्बी को हाल में भारतीय समुद्री क्षेत्र में प्रवेश करते देखा गया. भारतीय नौसेना ने चीन की सेना की ओर से भारतीय समुद्री क्षेत्र में गतिविधियां बढ़ने के बारे में नई दिल्ली को सूचित कर दिया है. पनडुब्बी के साथ चीनी नौसेना पोत चोंगमिंगडाओ का सपोर्ट भी यहां पर देखा गया है.

बता दें कि चीनी युद्धपोत और पनडुब्बियों को तीन साल पहले 2013-14 में भारतीय समुद्री क्षेत्र में देखा गया था. तब चीन ने अपनी सफाई में अदन की खाड़ी में बनावटी एंटी पाइरेसी ऑपरेशन्स का हवाला दिया था. तब (2013-14) तीन युद्धपोतों- दो डेस्ट्रॉयर्स और एक सपोर्ट शिप का छोटा बेड़ा था. उसके बाद से चीनी युद्धपोतों का भारत के आसपास के जलक्षेत्र में संदिग्ध ढंग से घूमने का सिलसिला चला आ रहा है.

उल्लेखनीयै है कि हाल ही में भारतीय सैटेलाइट्स और नौसेना निगरानी तंत्र ने कम से कम 14 चीनी नौसेना पोतों को भारतीय समुद्री क्षेत्र में घूमते देखा. इनमें आधुनिक लुआंग-3 और कुनमिंग क्लास स्टील्थ डेस्ट्रॉयर्स भी शामिल हैं. भारतीय नौसेना चीनी पोतों की हर हरकत पर बारीकी से नजर रखे हुए है. 

रक्षा जानकारों से प्राप्त सूचना के अनुसार दिसंबर 2013 में पहली चीनी परमाणु पनडुब्बी को देखा गया था. शांग क्लास- न्यूक्लियर प्रोपेल्ड पनडुब्बी भारत के आसपास करीब तीन महीने फरवरी 2014 तक तैनात रही थी. इसके बाद 2014 में ही अगस्त से दिसंबर के बीच और तीन महीने तक सोंग क्लास- डीजल इलेक्ट्रिक-पनडुब्बी क्षेत्र में रही. इसके बाद हान क्लास परमाणु पनडुब्बी को देखा गया था. बीते साल चीन ने हान क्लास परमाणु पनडुब्बी और एक पारंपरिक पनडुब्बी को भारत के आसपास के समुद्री क्षेत्र में तैनात किया. ये दोनों करीब छह महीने तक भारतीय समुद्र के आसपास जासूसी करते रहे.

कहा जा रहा है कि ये पोत भारतीय समुद्री क्षेत्र में भारत-अमेरिका-जापान के बीच होने वाले वार्षिक नौसैनिक अभ्यास- 'मालाबार' को मॉनीटर करने के लिए चीनी पोत को भेजा गया है. ये नौसैनिक अभ्यास 7 जुलाई से शुरू हो रहा है. इसी चीनी पोत को पहले भी भारत-अमेरिकी नौसैनिक अभ्यास की जासूसी करने के लिए तैनात किया गया था.


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