
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आस्ट्रेलिया के साथ संपन्न आर्थिक सहयोग एवं व्यापार समझौते को मौजूदा कारोबारी संभावनाओं के पूर्ण उपयोग में मददगार होने की उम्मीद जताते हुए शनिवार को कहा कि इससे दोनों देशों के बीच छात्रों, पेशेवरों एवं पर्यटकों का आदान-प्रदान भी सुगम होगा. वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल और ऑस्ट्रेलिया के व्यापार, पर्यटन एवं निवेश मंत्री डैन टेहन ने एक ऑनलाइन समारोह में भारत-ऑस्ट्रेलिया आर्थिक सहयोग एवं व्यापार समझौते पर दस्तखत किए. इस अवसर पर प्रधानमंत्री मोदी और ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री स्कॉट मॉरिसन भी मौजूद थे.
पीएम मोदी ने कहा कि इतने कम समय में इस द्विपक्षीय समझौते पर हस्ताक्षर होना दोनों देशों के बीच आपसी विश्वास की गहराई को दर्शाता है. उन्होंने कहा कि दोनों अर्थव्यवस्थाओं में एक-दूसरे की जरूरतों को पूरा करने की व्यापक संभावनाएं हैं और इस समझौते से दोनों देश इन अवसरों का पूरा लाभ उठा पाएंगे.
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, ‘यह भारत और ऑस्ट्रेलिया के आपसी संबंधों के लिए वास्तव में एक अहम पल है. इस समझौते के आधार पर हम आपूर्ति श्रृंखलाओं का जुझारूपन बढ़ाने के साथ ही हिंद-प्रशांत क्षेत्र में स्थिरता लाने में भी मिलकर योगदान दे सकेंगे.' उन्होंने कहा कि इस समझौते से छात्रों, पेशेवरों और पर्यटकों का दोनों देशों के बीच आदान-प्रदान सुगमता से हो सकेगा.
ऑस्ट्रेलियाई प्रधानमंत्री मॉरिसन ने इस समझौते को भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच बढ़ते संबंधों में एक महत्वपूर्ण पड़ाव बताते हुए कहा कि यह समझौता इस संबंध की वजह से आगे बढ़ेगा. उन्होंने कहा कि व्यापार और आर्थिक सहयोग बढ़ने के साथ-साथ यह समझौता कार्य, अध्ययन और यात्रा अवसरों का विस्तार करने के साथ दोनों देशों के लोगों के बीच ‘गर्मजोशी भरे रिश्तों' को गहरा करेगा.
मॉरिसन ने कहा कि यह समझौता भारत आने के इच्छुक घरेलू विनिर्माताओं और सेवा प्रदाताओं के लिए कारोबारी विविधता के अनगिनत अवसर पैदा करेंगे जिनका मूल्य प्रतिवर्ष 14.8 अरब डॉलर होगा. उन्होंने कहा,‘इस समझौते से ऑस्ट्रेलिया के किसानों, विनिर्माताओं, उत्पादकों और कई अन्य लोगों के लिए दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती प्रमुख अर्थव्यवस्था के लिए दरवाजे खुल जाएंगे.'
मॉरिसन ने कहा कि भारत के करीब 1.4 अरब उपभोक्ताओं के बाजार का रास्ता खोलकर ‘हम अर्थव्यवस्था को मजबूत कर रहे हैं और अपने देश में रोजगार बढ़ा रहे हैं.' उन्होंने कहा, ‘इस समझौते का आधार हमारी मजबूत सुरक्षा साझेदारी और क्वाड गठबंधन में हमारे संयुक्त प्रयास हैं.'
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