भारत व्यापार के क्षेत्रों में चीन के साथ संबंधों का आकलन कर रहा : विदेश सचिव श्रृंगला

अपने प्रमुख रणनीतिक और सुरक्षा हितों को ध्यान में रखते हुए भारत को आपूर्ति श्रृंखला, निवेश गठजोड़ और प्रौद्योगिकी के संदर्भ में चीन के साथ अपने संबंधों का मूल्यांकन करने की जरूरत है.

भारत व्यापार के क्षेत्रों में चीन के साथ संबंधों का आकलन कर रहा : विदेश सचिव श्रृंगला

 भारत और चीन ने सीमा मुद्दों पर कई दौर की बातचीत करके उनमें से कुछ का समाधान किया है

नई दिल्ली:

विदेश सचिव हर्षवर्धन श्रृंगला (Harsh Vardhan Shringla) ने बुधवार को कहा कि भारतीय अर्थव्यवस्था को किसी भी संवेदलशील स्थिति से बचाने के लिए भारत चीन के साथ अपने व्यापार संबंधों के संदर्भ में विभिन्न विकल्पों का सावधानीपूर्वक आकलन कर रहा है. उनकी यह टिप्पणी पूर्वी लद्दाख (Laddakh) में सीमा गतिरोध की पृष्ठभूमि में आयी है. उन्होंने एक उद्योग चैंबर में संवाद सत्र में कहा कि अपने प्रमुख रणनीतिक और सुरक्षा हितों को ध्यान में रखते हुए भारत को आपूर्ति श्रृंखला, निवेश गठजोड़ और प्रौद्योगिकी के संदर्भ में चीन के साथ अपने संबंधों का मूल्यांकन करने की जरूरत है. श्रृंगला ने कहा, "व्यापार जारी है, निवेश संबंध हैं जो कायम हैं लेकिन इन सभी की बहुत सावधानी से पड़ताल की जानी चाहिए और सरकार इन सभी विकल्पों की बहुत, बहुत सावधानी से जांच कर रही है ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि हमारी अखंडता और सुरक्षा अक्षुण्ण रहे." विदेश सचिव ने कहा कि चीन ने आक्रामक रुख कायम रखा और पूर्वी लद्दाख में सीमा पर कई बार अतिक्रमण करने का प्रयास किया जो शांति और सुरक्षा के लिहाज से अनुकूल नहीं था.

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उन्होंने कहा, "और इसके फलस्वरूप, हमारे संबंध सामान्य संबंध नहीं हो पा रहे हैं. यह कहने के बाद कि, निश्चित रूप से, व्यापार जारी है, आयात और निर्यात हो रहे हैं, चीन एक आर्थिक भागीदार बना हुआ है... लेकिन स्पष्ट रूप से हमें आज यह मूल्यांकन करने की जरूरत है कि क्या हम अपनी आपूर्ति श्रृंखला के संदर्भ में, हमारे निवेश गठजोड़ के संदर्भ में, हमें मिलने वाली तकनीक के संदर्भ में अति विस्तारित हैं." इस डिजिटल संवाद सत्र का आयोजन इंडियन चैंबर ऑफ कॉमर्स द्वारा किया गया था. श्रृंगला ने कहा, "हमें उन सब की काफी सावधानी से जांच करने की जरूरत है ताकि यह देखा जा सके कि यह हमारे प्रमुख रणनीतिक और सुरक्षा हितों को ध्यान में रखते हुए हैं एवं जाहिर है, जैसे-जैसे हम आगे बढ़ते हैं, हमारी अपनी अर्थव्यवस्था बढ़ती है, हमारे अपने संवाद बढ़ते हैं."

उन्होंने कहा कि भारत को यह सुनिश्चित करने की जरूरत है कि वह किसी भी तरह से असुरक्षित नहीं हो. उन्होंने कहा, "इसके विपरीत, हमारी प्रगति और विकास तेज और बेहतर सुनिश्चित हो सकता है... यह एक ऐसी प्रक्रिया है जो मैं समझता हूं कि हमें यह देखना होगा कि यह कैसे जारी रहता है." श्रृंगला ने कहा कि भारत और चीन ने सीमा मुद्दों पर कई दौर की बातचीत की है और उनमें से कुछ का समाधान किया है. उन्होंने कहा, "हमने कुछ मुद्दों को सुलझा लिया है लेकिन कुछ मुद्दे अब भी बाकी हैं और जब तक हम उन मुद्दों को भी हल नहीं कर लेते, जाहिर तौर पर हमारे संबंध सामान्य रूप में नहीं होंगे."

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(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)