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थ्री इडियट्स का हीरो क्यों बन गया विलेन? इस सख्त कानून के तहत हुई सोनम वांगचुक की गिरफ्तारी

सोनम वांगचुक के नेतृत्व में ही लेह में लंबे समय से आंदोलन चल रहा है. लेह पुलिस के मुताबिक 24 सितंबर को प्रदर्शनकारियों को हिंसा के लिए उकसाने के आरोप में सोनम वांगचुक के खिलाफ कई FIR दर्ज हुई थीं, जिसके बाद उनको गिरफ्तारी किया गया था.

कैसे खराब हो रही सोनम वांगचुक की छवि.
  • 24 सितंबर को लेह में लद्दाख को छठी अनुसूची में शामिल करने और राज्य का दर्जा देने के विरोध में हिंसा हुई थी.
  • हिंसा में चार लोगों की मौत हुई और लगभग सत्तर से अधिक लोग घायल हो गए थे.
  • सोनम वांगचुक को युवाओं को हिंसा के लिए उकसाने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है.
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लद्दाख इन दिनों मीडिया की सुर्खियां बना हुआ है. वजह है 24 सितंबर को लेह में हुई भीषण हिंसा, 4 लोगों की मौत, 70 से ज्यादा लोग घायल और एक्टिविस्ट सोनम वांगचुक की गिरफ्तारी... लद्दाख को छठी अनुसूची में शामिल करने, राज्य का दर्जा देने और लद्दाख क्षेत्र के संवेदनशील इकोसिस्टम की सुरक्षा की मांग को लेकर हुए विरोध-प्रदर्शन के दौरान 24 सितंबर को लेह में भीषण हिंसा हुई थी. बुधवार को उनकी भूख हड़ताल सभा से गुस्साए युवा अचानक भड़क गए. उन्होंने स्थानीय बीजेपी दफ्तर और पुलिस बल पर हमला किया. हालात बेकाबू होने पर सुरक्षा बलों ने आंसू गैस के गोले छोड़े, लाठीचार्ज किया और फायरिंग की. लेह में हुई इस एक घटना ने सोनम वांगचुक को सवालों के घेरे में खड़ा कर दिया है. उनकी हीरो वाली छवि विलेन में तब्दील हो गई है.

ये भी पढ़ें- लद्दाख हिंसा में गिरफ्तार सोनम वांगचुक जोधपुर जेल में शिफ्ट, हाई सिक्योरिटी वॉर्ड में 24 घंटे रहेगी नजर

थ्री इडियट्स का हीरो क्यों बन गया विलन?

सरकार का आरोप है कि आरोप है युवाओं को उकसाने का काम सोनम वांगचुक ने किया. दरअसल सोनम वांगचुक के नेतृत्व में ही लेह में लंबे समय से आंदोलन चल रहा है. लेह पुलिस के मुताबिक 24 सितंबर को प्रदर्शनकारियों को हिंसा के लिए उकसाने के आरोप में सोनम वांगचुक के खिलाफ कई FIR दर्ज हुई थीं, जिसके बाद उनको गिरफ्तार किया गया था.

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NSA के तहत सोनम वांगचुक की गिरफ्तारी

 लेह में हुई हिंसा के बाद विरोध प्रदर्शन का नेतृत्व कर रहे सोनम वांगचुक को NSA के तहत गिरफ्तार किया गया है. उनको जोधपुर सेंट्रल जेल में शिफ्ट कर दिया गया है. शुक्रवार देर रात उनको जोधपुर लाया गया. यहां पर उनको कड़ी सुरक्षा में रखा गया है. सूत्रों के मुताबिक, जेल प्रशासन ने उनकी सुरक्षा के लिए अतिरिक्त इंतजाम किए हैं.

PTI फोटो.

PTI फोटो.

NSA कानून है क्या?

  • नेशनल सिक्योरिटी एक्ट के मुताबिक अगर किसी व्यक्ति से कोई खास खतरा सामने आता है, तो उसे हिरासत में लिया जा सकता है.
  • सरकार को लगता है कि उस शख्स से देश को खतरा है, तो उसे गिरफ्तार किया जा सकता है.
  • इस कानून को साल 1980 में देश की सुरक्षा के लिहाज से सरकार को ज्यादा शक्ति देने के मकसद से बनाया गया था.
  • NSA एक्ट सरकार को शक्ति प्रदान देता है कि वह देशहित में किसी शख्स को गिरफ्तार कर सकती है.
  • यह एक्ट किसी भी संदिग्ध व्यक्ति को गिरफ्तार करने का अधिकार सरकार को देता है.

सोनम से पहले ये हस्तियां भी NSA के तहत हुईं गिरफ्तार

  • 'वारिस पंजाब दे' संगठन के प्रमुख और सांसद अमृतपाल सिंह पर NSA एक्ट लगाया गया है.
  • इंदौर में कांग्रेस पार्षद अनवर कादरी पर हिंदू लड़कियों से शादी कर धर्म बदलवाने पर इनाम के मामले में NSA लगाा गया था.

कब लगता है NSA कानून?

सरकार को अगर लगता है कि कोई व्यक्ति कानून-व्यवस्था के बीच बाधा पैदा कर रहा है तो उस व्यक्ति को NSA के तहत गिरफ्तार किया जा सकता है. इस कानून के तहत संदिग्ध को बिना किसी आरोप के 12 महीने तक जेल में रखा जा सकता है.

सोनम वांगचुक कौन हैं?

सोनम वांगचुक लद्दाख के एक जाने-माने पर्यावरण कार्यकर्ता होने के साथ ही एक इंजीनियर, शिक्षक भी हैं. उन्होंने NIT श्रीनगर से मैकेनिकल इंजीनियरिंग करने के बाद शिक्षा और पर्यावरण संरक्षण के क्षेत्र में काम कना शुरू किया. थ्री ईडियट्स फिल्म भी उनके कारनामों पर ही आधारित है. वांगचुक लेह एपेक्स बॉडी (एलएबी) के वरिष्ठ सदस्य भी हैं. LAB कारगिल डेमोक्रेटिक अलायंस के साथ मिलकर पिछले पांच सालों से लद्दाख को छठी अनुसूची में शामिल करने और राज्य के दर्जे के लिए आंदोलन चला रही है.

क्या है सोनम वांगचुक की मांग?

पर्यावरण संरक्षण में उनकी भूमिका अहम रही है. उनके इसी कार्य ने उनको वैश्विक मंचों पर पहचान दिलाई. वह जलवायु परिवर्तन के मुद्दे को अंतररराष्ट्रीय मंचों पर भी उठाते रहे हैं. लद्दाख को पूर्ण राज्य का दर्जा दिए जाने और उसे छठी अनुसूची में शामिल करने वाली मांग को लेकर वह कई बार अनशन कर चुके हैं. वह हमेशा यह कहते रहे हैं कि उनका ये संघर्ष लद्दाख की सांस्कृतिक पहचान और पर्यावरण को सहेजने के लिए है. वह लद्दाख को आत्मनिर्भर बनाने की बात कहते रहे हैं.

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लेह हिंसा में 24 सितंबर को क्या हुआ था?

लद्दाख को छठी अनुसूची में शामिल करने, राज्य का दर्जा देने और लद्दाख क्षेत्र के संवेदनशील इकोसिस्टम की सुरक्षा की मांग को लेकर 24 सितंबर को जमकर हिंसा हुई थी. हालात इतने बेकाबू हो गए थे कि सुरक्षा बलों को मजबूरन आंसू गैस के गोले छोड़ने पड़े और लाठीचार्ज और फायरिंग करनी पड़ी. इस दौरान 4 प्रदर्शनकारी मारे गए थे और करीब 70 घायल हुए थे. कानून-व्यवस्था बहाल करने के लिए लेह में कर्फ्यू लगाना पड़ा था.

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