कुमारस्वामी सरकार से समर्थन वापस लेने वाले तीन बागी विधायकों को स्पीकर रमेश कुमार ने अयोग्य घोषित किया

कर्नाटक (Karnataka) की एचडी कुमारस्वामी (HD Kumaraswamy) सरकार से समर्थन वापस लेने वाले तीन बागी विधायकों को स्पीकर रमेश कुमार (Ramesh Kumar) ने अयोग्य घोषित कर दिया.

कुमारस्वामी सरकार से समर्थन वापस लेने वाले तीन बागी विधायकों को स्पीकर रमेश कुमार ने अयोग्य घोषित किया

कर्नाटक विधानसभा के अध्यक्ष केआर रमेश कुमार.

खास बातें

  • कर्नाटक के तीन बागी विधायक अयोग्य घोषित
  • स्पीकर रमेश कुमार ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में दी जानकारी
  • कुमारस्वामी सरकार से वापस लिया था समर्थन
बेंगलुरु:

कर्नाटक (Karnataka) की एचडी कुमारस्वामी (HD Kumaraswamy) सरकार से समर्थन वापस लेने वाले तीन बागी विधायकों को विधानसभा के स्पीकर केआर रमेश कुमार (Ramesh Kumar) ने अयोग्य घोषित कर दिया. इनमें निर्दलीय विधायक विधायक आर शंकर भी शामिल है. विधानसभा अध्यक्ष ने कांग्रेस के दो विधायकों और एक निर्दलीय विधायक को 2023 में मौजूदा विधानसभा का कार्यकाल खत्म होने तक अयोग्य करार दिया. अपना फैसला सुनाते हुए अध्यक्ष ने कहा कि वह अगले कुछ दिनों में शेष 14 मामलों पर फैसला करेंगे. कुमार ने कहा कि दल-बदल विरोधी कानून के तहत अयोग्य करार दिए गए सदस्य ना तो चुनाव लड़ सकते हैं, ना ही सदन का कार्यकाल खत्म होने तक विधानसभा के लिए निर्वाचित हो सकते हैं.

बता दें कि कांग्रेस-जेडीएस गठबंधन के 15 बागी विधायकों की किस्मत पर फैसले को लेकर चल रहे संदेह के बीच स्पीकर आर रमेश कुमार ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की. यदि अध्यक्ष इस्तीफा स्वीकार नहीं करते हैं तो तो विधायक विधानसभा के सदस्य बने रहेंगे और सदन की ताकत 225 रहेगी, जिसमें एक नामित सदस्य भी शामिल होगा. ऐसी स्थिति में बहुमत का आंकड़ा 113 होगा. निर्दलीय विधायक के अयोग्य होने से स्थिति में बदलाव नहीं होता है.

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इससे पहले बीजेपी प्रवक्ता जी मधुसूदन ने संकेत दिया था कि वर्तमान में पार्टी के पास 105 सदस्य हैं और हम अल्पसंख्यक सरकार बनाने के इच्छुक नहीं हैं. भाजपा के राज्य प्रवक्ता जी मधुसूदन ने कहा, 'अगर विधानसभा अध्यक्ष बागी विधायकों के इस्तीफे को स्वीकार करने या खारिज करने में ज्यादा समय लेते हैं तो राज्यपाल (वजुभाई वाला) राज्य में राष्ट्रपति शासन की सिफारिश कर सकते हैं, क्योंकि इस तरह की स्थिति में हम सरकार बनाने के लिए दावा करना पसंद नहीं करेंगे.'

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बता दें कि दो दिन पहले यानी 23 जुलाई को कई दिनों से चल रहे सियासी उठापटक पर उस समय विराम लग गया था जब कर्नाटक में 14 महीने पुरानी कांग्रेस-जेडीएस (Congress-JDS) सरकार गिर गई थी. विधानसभा में फ्लोर टेस्ट के दौरान सरकार के पक्ष में 99 और विरोध में 105 वोट डाले गए थे.

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