प्रतीकात्मक फोटो
नई दिल्ली:
इस साल अब तक देश भर में चिकनगुनिया के 10 हजार से ज्यादा मामले सामने आ गए हैं. जानकार और डॉक्टर कह रहे हैं कि यह खतरा और बड़ा हो सकता है, जब बाढ़ का पानी घटेगा तब खतरा और बढ़ेगा.
उत्तर भारत अभी बाढ़ से प्रभावित है. यह पानी उतरेगा तो मच्छरों से होने वाली बीमारियों का अंदेशा और बड़ा हो जाएगा. अब तक देश के कम से कम आधे राज्यों में चिकनगुनिया के हजारों मामले सामने आ चुके हैं.
एनडीटीवी से बातचीत में नेशनल वैक्टर बोर्न डिज़ीज़ कंट्रोल प्रोग्राम के डायरेक्टर एसी धारीवाल ने यह बात कही. धारीवाल ने कहा, "बाढ़-प्रभावित राज्यों को अलर्ट किया गया है...जैसे-जैसे बाढ़-प्रभावित इलाकों में पानी उतरेगा, चिकनगुनिया, डैंगू जैसी बीमारियों के बढ़ने की संभावना है..."
स्वास्थ्य मंत्रालय के पास मौजूद आंकड़ों के मुताबिक पिछले महीने के अंत तक ही देश के 13 राज्यों में चिकनगुनिया के करीब दस हजार से ज्यादा संदिग्ध मामले सामने आए. जाहिर है पिछले तीन हफ्तों में देश के नए इलाकों से ऐसे सैकड़ों नए मामले सामने आ चुके हैं. अब जानकार मानते हैं कि बाढ़-प्रभावित इलाको में पानी का स्तर घटने के बाद स्वास्थ्य मंत्रालय को विशेष सतर्कता बरतनी होगी.
नेशनल वैक्टर बोर्न डिज़ीज़ कंट्रोल प्रोग्राम के मुताबिक 28 जुलाई तक कर्नाटक में 7591, महाराष्ट्र में 689, दिल्ली में 528, आंध प्रदेश में 451 मामले रिकार्ड किए जा चुके थे.
उधर विश्व स्वास्थ्य संगठन यानी (डब्ल्यूएचओ) ने भारत सरकार को आगाह किया है कि खतरा बड़ा है क्योंकि आने वाले दिनों में मॉनसून की वजह से बीमारी फैलाने वाली एडीस मच्छर की संख्या बढ़ने वाली है. डब्ल्यूएचओ के रीजनल डायरेक्टर जमशीद मोहम्मद ने एनडीटीवी से कहा, "अब सरकार को पूरा ध्यान मच्छरों को खत्म करने पर देना होगा, क्योंकि हमें अंदेशा है कि उनकी संख्या बढ़ने वाली है."
यानी आने वाले दिनों में चिकनगुनिया ही नहीं, मच्छरों से होने वाली डेंगू और मलेरिया जैसी दूसरी बीमारियां भी लोगों को परेशान कर सकती हैं.
उत्तर भारत अभी बाढ़ से प्रभावित है. यह पानी उतरेगा तो मच्छरों से होने वाली बीमारियों का अंदेशा और बड़ा हो जाएगा. अब तक देश के कम से कम आधे राज्यों में चिकनगुनिया के हजारों मामले सामने आ चुके हैं.
एनडीटीवी से बातचीत में नेशनल वैक्टर बोर्न डिज़ीज़ कंट्रोल प्रोग्राम के डायरेक्टर एसी धारीवाल ने यह बात कही. धारीवाल ने कहा, "बाढ़-प्रभावित राज्यों को अलर्ट किया गया है...जैसे-जैसे बाढ़-प्रभावित इलाकों में पानी उतरेगा, चिकनगुनिया, डैंगू जैसी बीमारियों के बढ़ने की संभावना है..."
स्वास्थ्य मंत्रालय के पास मौजूद आंकड़ों के मुताबिक पिछले महीने के अंत तक ही देश के 13 राज्यों में चिकनगुनिया के करीब दस हजार से ज्यादा संदिग्ध मामले सामने आए. जाहिर है पिछले तीन हफ्तों में देश के नए इलाकों से ऐसे सैकड़ों नए मामले सामने आ चुके हैं. अब जानकार मानते हैं कि बाढ़-प्रभावित इलाको में पानी का स्तर घटने के बाद स्वास्थ्य मंत्रालय को विशेष सतर्कता बरतनी होगी.
नेशनल वैक्टर बोर्न डिज़ीज़ कंट्रोल प्रोग्राम के मुताबिक 28 जुलाई तक कर्नाटक में 7591, महाराष्ट्र में 689, दिल्ली में 528, आंध प्रदेश में 451 मामले रिकार्ड किए जा चुके थे.
उधर विश्व स्वास्थ्य संगठन यानी (डब्ल्यूएचओ) ने भारत सरकार को आगाह किया है कि खतरा बड़ा है क्योंकि आने वाले दिनों में मॉनसून की वजह से बीमारी फैलाने वाली एडीस मच्छर की संख्या बढ़ने वाली है. डब्ल्यूएचओ के रीजनल डायरेक्टर जमशीद मोहम्मद ने एनडीटीवी से कहा, "अब सरकार को पूरा ध्यान मच्छरों को खत्म करने पर देना होगा, क्योंकि हमें अंदेशा है कि उनकी संख्या बढ़ने वाली है."
यानी आने वाले दिनों में चिकनगुनिया ही नहीं, मच्छरों से होने वाली डेंगू और मलेरिया जैसी दूसरी बीमारियां भी लोगों को परेशान कर सकती हैं.
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