संवाददताओं से चर्चा करते हुए बीएसएफ के डीजी डीके पाठक एवं अन्य अधिकारी।
नई दिल्ली: पाकिस्तान की ओर से आतंकियों की घुसपैठ का प्रयास हताशा और दुस्साहस से भरा है, जो पिछले साल की तुलना में काफी बढ़ा है। बार्डर सिक्युरिटी फोर्स के डीजी डीके पाठक ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय सीमा पर इस साल घुसपैठ की 62 कोशिशें हुईं। पिछले साल यह तादाद महज 48 ही थी।
आतंकी समूहों की आईएस से दोस्ती चिंता का विषय
डीजी ने बीएसएफ के 50 वें स्थापना दिवस से पहले यह भी दावा किया कि भले ही आतंकियों ने घुसपैठ की कोशिश की हो लेकिन एक भी आतंकी घुसपैठ कर पाने में कामयाब नहीं हो पाया। यह अलग बात है कि इससे जम्मू-कश्मीर में आतंकी कार्रवाई में शायद ही कोई कमी आई है। इसी साल गुरुदासपुर और कठुआ में अंतरराष्ट्रीय सीमा के रास्ते से आतंकी पंजाब और जम्मू में दाखिल हुए और आम नागरिक की जान ली। सरहद पर रखवाली करने वाली फोर्स होने के नाते बीएसएफ के लिए यह चिंता का विषय है कि आतंकी ग्रुप और आईएसआईएस के बीच सहयोग बढ़ने की खबर आ रही है। डीजी ने कहा कि फोर्स इस तरह के हालात से निपटने के लिए हर संभव कदम उठाएगी।