आयकर विभाग (Income Tax) ने तमिलनाडु के एक कारोबारी समूह से जुड़े 15 ठिकानों पर तलाशी अभियान चलाया. यह कार्रवाई समूह के एरोड और चेन्नई स्थित परिसरों में की गई. छापेमारी की कार्रवाई के दौरान आयकर विभाग को 21 करोड़ रुपये की बेनामी नकदी मिली, जिसे जब्त कर लिया गया है. वित्त मंत्रालय ने गुरुवार को यह जानकारी दी. मंत्रालय के मुताबिक, यह समूह सरकारी कामों के लिए एक नामी सिविल ठेकेदार है.
यह समूह तटीय इलाकों में समुद्री लहरों को रोकने वाली दीवार बनाने का विशेषज्ञ माना जाता है. साथ ही समूह बस परिवहन, मैरिज हॉल और खाद्य मसालों के व्यापार में भी शामिल है.
मंत्रालय ने कहा कि तलाशी के दौरान 21 करोड़ रुपये की बेनामी नकदी जब्त की गई है. विज्ञप्ति में कहा गया, "समूह ने खरीद और अनुबंध के अन्य कामकाजों में खर्च को बढ़ाकर चढ़ाकर दिखाया है. यह भी पता चला है कि सप्लायर और सब कॉन्ट्रैक्टर को इस तरह के बढ़े हुए बिल का भुगतान करने के बाद कंपनी के पास यह पैसा नकदी के रूप में वापस पहुंच जाता है."
मंत्रालय के मुताबिक, इस तरह से करीब 700 करोड़ रुपये की बेनामी कमाई का पता चला है, जिसका इस्तेमाल रियल एस्टेट में निवेश के लिए और कारोबार को बढ़ाने में किया गया. मंत्रालय ने कहा कि इसमें से समूह ने 150 करोड़ रुपये की अघोषित आय की बात अब तक स्वीकार की है. सर्च के परिणामस्वरूप, 700 करोड़ रुपये की बेनामी आय का पता चला है और 21 करोड़ रुपये की बेनामी नकदी जब्त की गई है.
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं