UP Assembly Elections 2022: उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के तीसरे चरण में हिन्दू-मुस्लिम वोटों के ध्रुवीकरण की अपेक्षा स्थानीय मुद्दे ज्यादा हावी होते दिख रहे हैं. तीसरे चरण में अलग-अलग मुद्दों पर मतदान हुआ है. यूपी में तीसरे चरण के मतदान में कोई लहर किसी भी पार्टी की नहीं दिख रही है. ऐसे में स्थानीय विधायक और अलग-अलग मुद्दों को लेकर मतदाता वोट डालते दिखे. यही वजह है कि नेता भी अपनी हार और जीत को लेकर बहुत ठोस दावे नहीं कर रहे हैं.
हाथरस के नंगला बिहारी गांव के पोलिंग बूथ पर दोपहर एक बजे तक 700 वोटों में से महज छह वोट ही पड़े...गांव के बाहर गंदा पानी भरा रहने के विरोध में ग्रामीणों ने दोपहर तक मतदान का बहिष्कार किया. लेकिन आश्वासन मिलने के बाद ग्रामीणों ने मतदान किया.
एक ग्रामीण ने कहा कि स्थानीय विधायक के घर से महज 500 मीटर पर हमारा गांव है, लेकिन हमारी समस्याएं कम नहीं हुईं, इसलिए मतदान का बहिष्कार कर रहे हैं. एक महिला ने कहा- हमारे बच्चे स्कूल नहीं जा पाते हैं. कई बार लोग गिर चुके हैं. हमने कई बार विधायक को बोला भी लेकिन इसके बावजूद समस्या खत्म नहीं हुई.
नंगला बिहारी गांव से करीब 30 किलोमीटर दूर सासनी ब्लॉक के मतदान स्थल पर लोग लंबी कतार में लगकर अपने मत डाल रहे थे. यहां कोई फ्री राशन तो कोई आवारा पशु और रोजगार के मुद्दे पर वोट डाल रहा था. एक मतदाता ने कहा कि, जनता के बीच जाति धर्म का कोई मुद्दा नहीं है, हमारे बीच विकास का मुद्दा है. एक अन्य व्यक्ति ने कहा कि गौ हत्या पहले होती थी, अब नहीं हो रही है इसीलिए छुट्टा मवेशी हैं. लेकिन यह सब हमारे लिए फिलहाल कोई मुद्दा नहीं है.
तीसरे चरण का मतदान खत्म हो चुका है लेकिन हर जगह मुकाबला कांटे का है. बीजेपी दावा कर रही है कि राशन पाने वाली महिलाएं उन्हें खामोशी से वोट दे रही हैं. जबकि सपा और बसपा का दावा है कि मंहगाई और रोजगार को लेकर उनको वोट मिल रहे हैं.
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