कांग्रेस अध्यक्ष ने अपने दीवाली संदेश में सरकार पर साधा निशाना, कहा- आपको राजधर्म निभाने पर...

सोनिया गांधी ने कहा कि सरकार की किसान विरोधी नीतियों की वजह से देश के किसान इस दीवाली को 'काली दीवाली' के तौर पर मनाने को मजबूर हैं. सरकार की वजह से किसानों को उनकी फसल के लिए सरकार द्वारा ही तय किया गया न्यूनतम समर्थन मूल्य भी नहीं मिल पा रहा है.

कांग्रेस अध्यक्ष ने अपने दीवाली संदेश में सरकार पर साधा निशाना, कहा- आपको राजधर्म निभाने पर...

सोनिया गांधी ने मोदी सरकार पर साधा निशाना

खास बातें

  • सोनिया गांधी ने कहा कि सरकार ने कुछ नहीं किया
  • कहा- किसानों की हालत सबसे ज्यादा बुरी है
  • सोनिया गांधी ने कहा कि किसानों को मिले उनका हक
नई दिल्ली:

कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने अपने दीवाली संदेश में मोदी सरकार को राजधर्म की याद दिलाई है. सरकार पर हमला करते हुए सोनिया गांधी ने खास तौर पर किसानों की मौजूदा हालात को लेकर सवाल खड़े किए. उन्होंने कहा कि सरकार की किसान विरोधी नीतियों की वजह से देश के किसान इस दीवाली को 'काली दीवाली' के तौर पर मनाने को मजबूर हैं. सरकार की वजह से किसानों को उनकी फसल के लिए सरकार द्वारा ही तय किया गया न्यूनतम समर्थन मूल्य भी नहीं मिल पा रहा है. बता दें कि न्यूनतम समर्थन में वह राशि है जिसपर सरकार किसानों से फसल खरीदती है. सोनिया गांधी ने मोदी सरकार को पिछले साल उनके द्वारा किए गए उस वादे की भी याद दिलाई जिसमें उन्होंने किसानों को 50 फीसदी ज्यादा न्यूनतम समर्थन मूल्य देने की बात कही थी. कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि आज स्थिति यह है कि किसानों को अपनी खरीफ की फसल सरकार द्वारा तय न्यूनतम समर्थन मूल्य से 22.5 फीसदी कम कीमत पर बेचनी पड़ रही है. सरकार की इस नीति से किसानों को 50 हजार करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है. उन्होंने कहा कि बीजेपी सरकार ने सत्ता में आने के साथ ही किसानों के साथ धोखा करने की नीति पर काम करना शुरू कर दिया था. सोनिया गांधी ने सरकार पर किसानी से जुड़ी चिजों पर जीएसटी लगाने का भी विरोध किया. साथ ही उन्होंने डीजल की कीमत में आए दिन हो रहे इजाफे को भी गलत बताया. उन्होंने कहा कि इसका सीधा असर किसानों की आय पर पड़ता है. 

लोकसभा में राहुल गांधी को पहली लाइन में सीट नहीं मिलेगी, सरकार ने अनुरोध ठुकराया

इससे पहले भी सोनिया गांधी ने मोदी सरकार पर निशाना साधा था. कांग्रेस (Congress) की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी (Sonia Gandhi) ने पार्टी के महासचिवों, राज्यों के प्रभारियों और प्रदेश अध्यक्षों के साथ बैठक की थी. कांग्रेस मुख्यालय में हुई इस बैठक पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह, गुलाम नबी आजाद, केसी वेनुगोपाल और एके एंटनी समेत पार्टी के तमाम बड़े नेता शामिल हुए. माना जा रहा था कि आगामी विधानसभा चुनावों की तैयारियों के लिए यह बैठक बुलाई गई. सोनिया गांधी ने इस बैठक में कहा कि लोकतंत्र खतरे में है और 2019 के जनादेश का खतरनाक तरीके से गलत इस्तेमाल किया जा रहा है. सोनिया गांधी ने यह भी कहा कि सरकार राजनीतिक बदले के लिए नेताओं को झूठे आरोप में फंसा रही है. उन्होंने कहा था कि ये सब देश की खराब आर्थिक हालत से ध्यान हटाने के लिए किया जा रहा है. 

BLOG : कांग्रेस की बैठक से ही स्पष्ट है, कितने बड़े संकट में है सबसे पुरानी पार्टी

अर्थव्यवस्था के हालात पर जताई चिंता
कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने देश की अर्थव्यवस्था के 'मुश्किल' हालात पर चिंता जताई और कहा था कि मौजूदा समय में पार्टी को आंदोलनकारी एजेंडे की जरूरत है. कांग्रेस एक सूत्र के मुताबिक सोनिया ने कहा था कि कांग्रेस को आंदोलनकारी एजेंडे पर चलने की जरूरत है. हमारे संकल्प और संयम की परीक्षा ली जा रही है. सूत्रों का कहना है कि इस बैठक में पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने भी अर्थव्यवस्था की स्थिति को लेकर चिंता जताई. सोनिया गांधी के अंतरिम अध्यक्ष बनने के बाद उनकी अगुवाई में यह पहली बैठक है.

संकट से जूझ रही कांग्रेस के लिए क्या सोनिया गांधी आज कोई निकाल पाएंगी रास्ता?

बता दें कि कांग्रेस इस समय सबसे बड़े संकट के दौर से गुजर रही है. अनुच्छेद 370 को लेकर जहां राष्ट्रीय स्तर के नेताओं पर आपसी मतभेद उभरकर सामने आए तो राज्यों में भी आपस में पटरी नहीं खा रही है. मध्य प्रदेश में जहां सीएम कमलनाथ, दिग्विजय सिंह और ज्योतिरादित्य सिंधिया के बीच पटरी नहीं खा रहे हैं तो राजस्थान में सीएम अशोक गहलोत और सचिन पायलट के बीच तनातनी साफ दिखाई दे रही थी. वहीं महाराष्ट्र में भी पार्टी की नेता छोड़कर बीजेपी के साथ जा रहे हैं तो हरियाणा में भूपेंद्र सिंह हुड्डा कुछ दिन पहले तक बागी तेवर अपना चुके हैं.

सोनिया गांधी की अध्यक्षता में चल रही कांग्रेस की अहम बैठक में आखिर क्यों नहीं गए राहुल गांधी

राहुल नहीं हैं बैठक में
पार्टी की इस महत्वपूर्ण बैठक में कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी मौजूद नहीं हैं. बताया जा रहा है कि राहुल गांधी इस बैठक में आने की पात्रता नहीं रखते हैं क्योंकि वह सिर्फ सांसद और कांग्रेस कार्यसमिति की सदस्य मात्र हैं. गौरतलब है कि लोकसभा चुनाव में पार्टी की करारी हार के बाद अध्यक्ष पद से राहुल गांधी ने इस्तीफा दे दिया था. उनके इस फैसले के बाद पार्टी के कई नेताओं ने उन्हें मनाने की कोशिश की लेकिन वह इस पर अडिग रहे. इसके बाद पिछले महीने सोनिया गांधी को पार्टी का अंतरिम अध्यक्ष बनाया गया है.  

Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com