बीबीसी के लिए बनाए गए वृत्तचित्र में निर्भया कांड के मुख्य दोषी द्वारा महिलाओं को ही बलात्कार का जिम्मेदार ठहराने पर पूरी लोकसभा ने आज एकजुट होकर गहरा रोष जताया और सरकार ने कहा कि वह जेल में इस प्रकार का साक्षात्कार लेने की अनुमति देने वालों की जवाबदेही तय करेगी और साथ ही यह सुनिश्चित करेगी कि यह भारत सहित दुनिया में कहीं भी किसी भी रूप में प्रसारित नहीं होने पाए।
प्रश्नकाल के बाद सदन में यह मुद्दा उठाए जाने पर गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि जिस डॉक्यूमेंट्री को लेकर सारा देश शर्मिंदगी और नाराजगी महसूस कर रहा है उनके अंदर भी इसे लेकर भारी नाराजगी है।
उन्होंने कहा कि वह इस डाक्यूमेंट्री को किसी भी सूरत में जारी नहीं होने देंगे, चाहे वह इलेक्ट्रोनिक मीडिया पर हो, वेब मीडिया पर हो या प्रिंट मीडिया में हो। उन्होंने कहा कि इस बारे में कल ही अदालत से आदेश प्राप्त कर लिया गया है कि इस विवादास्पद डॉक्यूमेंट्री को भारत में जारी नहीं किया जाएगा।
सदस्यों द्वारा यह कहे जाने पर कि अगर यह विदेशों में जारी होती है तो इसका भारत में जारी होना या नहीं होना बेमानी साबित होगा, गृहमंत्री ने कहा, हमें भरोसा है कि यह डाक्यूमेंट्री ब्राडकास्ट नहीं होगी और इसके प्रयास किए जा रहे हैं। उल्लेखनीय है कि आगामी आठ मार्च को अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर इसे बीबीसी द्वारा प्रसारित किया जाना था।
उन्होंने बताया कि निर्भया कांड के दोषी से इस डाक्यूमेंट्री के लिए साक्षात्कार लेने की अनुमति जेल अधिकारियों द्वारा 25 जुलाई 2013 को दी गयी थी। उन्होंने कहा कि वह इस अनुमति से अचंभित हैं। उन्होंने कहा कि हो सकता है कि जेल में कैदियों से साक्षात्कार लेने के प्रावधान हों लेकिन जिस व्यक्ति को उच्चतम न्यायालय ने बलात्कारी करार दिया हो उससे साक्षात्कार की अनुमति देना चौंकाने वाली बात है।
गृहमंत्री ने कहा कि वह पूरे मामले की जांच कराएंगे और अगर जरूरी हुआ तो कैदियों से साक्षात्कार लेने वाले प्रावधान को समीक्षा करके उसमें आवश्यक संशोधन करवाएंगे।
गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि निर्भया कांड के दोषी से इंटरव्यू लिए जाने की घटना बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण है और इस बारे में जो भी आवश्यक कदम उठाए जा सकते हैं, उठाए जाएंगे। उन्होंने कहा कि किन परिस्थितियों में रिपोर्टर को इंटरव्यू लेने की अनुमति दी गयी इसकी जिम्मेदारी तय की जाएगी।
इससे पूर्व, इस विषय को उठाते हुए कांग्रेस की रंजीत रंजन ने कहा कि दुखद सिर्फ यह नहीं है कि एक ब्रिटिश फिल्म निर्माता ने निर्भया कांड के दोषी का इंटरव्यू लिया बल्कि दुखद यह है कि उसका पक्ष इस तरह रखा गया है कि जिससे कि ऐसे कांडों को दोहराने को बढ़ावा मिलेगा।
उन्होंने कहा कि इस इंटरव्यू में वीभत्स बलात्कार के दोषी ने बलात्कार के लिए लड़कियों को ही दोषी ठहराया है कि वे रात में क्यों निकलती हैं और ऐसे वैसे कपड़े क्यों पहनती हैं।
रंजन ने रोष जताते हुए कहा कि आज बलात्कार का भी बाजारीकरण किया जा रहा है। कभी निर्भया बलात्कार कांड के नाटकीय मंचन के रूप में बस में फैशन शो आयोजित किए जाते हैं तो अब बलात्कारी को सही तथा महिला को दोषी बताने वाली एक डाक्यूमेंट्री अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस पर दिखाई जाने वाली है।
उन्होंने कहा कि बलात्कार के लिए लड़की को ही जिम्मेदार ठहराने वाले इस इंटरव्यू को देखकर उस लड़की के माता पिता पर क्या गुजरेगी ? माकपा की पी के श्रीमती टीचर ने कहा कि यह बहुत ही स्तब्ध करने वाली बात है कि ‘‘इंडियाज डॉटर्स ’’ के नाम से एक डाक्यूमेंट्री बनायी गयी है और उसका ‘‘स्टार’’ वह बलात्कारी है जो निर्भया कांड के लिए उच्चतम न्यायालय द्वारा फांसी की सजा सुनाए जाने पर तिहाड़ जेल में बंद है।
भाजपा की किरण खेर ने कहा कि निर्भया कांड का दोषी ढाई साल से जेल में है, लेकिन इतने सालों में भी उसे यह समझ नहीं आया कि उसने कुछ गलत किया है। वह यह नसीहत दे रहा है कि लड़कियों को रात में नहीं निकलना चाहिए या कैसे लिबास पहनने चाहिए। उन्होंने कहा कि यह बात दर्शाती है कि समाज की मानसिकता को बदलने की कितनी ज्यादा जरूरत है।
इसी पार्टी की मीनाक्षी लेखी ने कहा कि यह डॉक्यूमेंट्री भारत की प्रतिष्ठा पर आघात लगाने की कोशिश है। उन्होंने कहा कि निर्भया कांड के बलात्कारी से इंटरव्यू लेने की अनुमति सरकारी आदेश से हुई है और इस बात की जांच होनी चाहिए।
शिवसेना के विनायक राउत ने बलात्कार के आरोप में फांसी की सजा पाए दोषी से इंटरव्यू की अनुमति देने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने की मांग की।
अन्नाद्रमुक के सदस्य के रूप में सदन के उपाध्यक्ष एम थम्बीदुरै ने कहा कि महिलाओं की सुरक्षा संसद की जिम्मेदारी है और सरकार को इस बारे में बयान देना चाहिए। माकपा के ए संपत ने सुझाव दिया कि किसी प्रैक्टिसिंग वकील को ऐसे मामलों में बयान देने की अनुमति नहीं होनी चाहिए।
उन्होंने कहा कि निर्भया कांड के दोषी के वकील ने भी विवादास्पद बयान में बलात्कार के लिए महिलाओं को दोषी बताते हुए ऐसा जघन्य कांड करने वालों को जायज ठहराया है।
इस पर संसदीय कार्य मंत्री एम वेंकैया नायडू ने कहा कि वह इस सुझाव को विधि मंत्री के संज्ञान में लाएंगे।
वहीं राज्यसभा के भी कई सदस्य डॉक्यूमेंट्री का प्रसारण रोके जाने का विरोध करते दिखे। अनु आगा ने कहा कि प्रसारण रोक देना इसका जवाब नहीं है जबकि जावेद अख़्तर ने कहा कि अच्छा है कि ये डॉक्यूमेंट्री बनी।
सांसद अनु आगा ने कहा कि फांसी की सजा मांगना या इस फिल्म पर पाबंदी लगा देना जवाब नहीं है। हमें इस समस्या से लड़ना होगा। भारत में पुरुष महिलाओं की इज्ज़त नहीं करते और जब भी कोई रेप की घटना होती है तो महिलाओं पर दोष मढ़ दिया जाता है कि उसने ढंग के कपड़े नहीं पहने थे या वो पुरुष को उकसा रही थी। ये सिर्फ़ जेल में बंद आरोपी की सोच नहीं है, बल्कि ये सोच देश के कई पुरुषों की है।
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