उत्तर भारत में मानसून इस बार जमकर बरसा है, जिसके चलते उत्तर प्रदेश और बिहार जैसे राज्यों को बाढ़ का सामना करना पड़ा. बिहार की राजधानी पटना तो करीब-करीब बाढ़ के पानी में डूब ही गई. यही हाल उत्तर प्रदेश के प्रयागराज और पीएम मोदी के संसदीय क्षेत्र बनारस का भी रहा. हालांकि इन दिनों तक मानसून उत्तर भारत से लौट जाता था लेकिन इस बार वह देर तक टिका रहा है. अब भारतीय मौसम विभाग (आईएमडी) ने रविवार को मानसून के लौटने के बारे में बात करते हुए कहा कि करीब एक महीने की देरी के बाद 10 अक्टूबर से मानसून के लौटने की उम्मीद है.
बता दें कि मौसम विभाग के आंकड़ों के मुताबिक मानसून की वापसी में यह अब तक का सबसे अधिक विलंब है. इस साल मानसून 'सामान्य से अधिक' रहा है और आईएमडी ने वर्षा का दीर्घ कालिक औसत (LPA) 110 फीसद दर्ज किया है. LPA 1961 से 2010 के बीच 88 सेंटीमीटर था. मौसम विभाग ने एक पूर्वानुमान में कहा, 'राजस्थान में औसत समुद्र तल से करीब डेढ़ किमी ऊपर छह अक्टूबर के आस-पास हवा के उच्च दबाव का क्षेत्र बनने के कारण उत्तर पश्चिमी भारत से 10 अक्तूबर के करीब दक्षिण-पश्चिम मानसून की वापसी शुरू होने की उम्मीद है.'
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वहीं स्काइमेट वेदर के उपाध्यक्ष (मौसव एवं जलवायु परिवर्तन) महेश पलावत ने कहा कि सात अक्टूबर के बाद उत्तर-पश्चिम भारत में बारिश के रुकने की उम्मीद है और मानसून की वापसी की स्थिति बनेंगी. आम तौर पर मानसून की वापसी राजस्थान से एक सितंबर तक शुरू हो जाती है.
VIDEO: पटना में हर तरफ पानी ही पानी.
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं