पकड़ा गया जिंदा आतंकी नावेद (फाइल फोटो)
नई दिल्ली:
उधमपुर में बीएसएफ की गाड़ी पर आतंकी हमले के बाद जिंदा पकड़े गए आतंकी नावेद के पिता मोहम्मद याकूब ने हिंदुस्तान टाइम्स से बातचीत में माना है कि वही इस आतंकी के अभागे पिता हैं।
हिंदुस्तान टाइम्स ने दावा किया है कि जो फोन नंबर उसे आतंकी नावेद से बातचीत में मिला था जब उस पर फोन किया गया तो नावेद के पिता ने फोन उठाया और कहा कि वह काफी डरे हुए हैं।
याकूब ने कहा कि घटना के बाद से पाकिस्तानी सेना और आतंकी संगठन लश्कर ए तैयबा उनके पीछे लगा है। उन्हें यह डर है कि उन्हें मार दिया जाएगा।
भारतीय अखबार का दावा है कि फोन पर नावेद के पिता याकूब से करीब 1.20 मिनट तक बात हुई और बात में उन्होंने फोन काट दिया। इसके बाद से वह फोन लगातार बंद बता रहा है।
उल्लेखनीय है कि उधमपुर में हुए आतंकी हमले में दो में से एक आतंकी को जिंदा पकड़ा गया है। इस आतंकी ने अपना नाम मोहम्मद नावेद बताया है। जांच में नावेद ने बताया कि पाकिस्तान के फैसलाबाद का रहने वाला है। और लश्कर के आतंकी शिविर में उसने प्रशिक्षण ग्रहण किया है।
उससे प्राप्त सूचना के अनुसार वह कई दिन पहले भारतीय सीमा में जंगलों के रास्ते आ गया था और साथी से मिलने के बाद आतंकी घटना को अंजाम दिया। नावेद ने बताया कि उसके दौ और भाई हैं और एक बहन है। एक भाई उसका शिक्षक है और भाई होजरी की दुकान चलाता है।
वहीं पाकिस्तानी विदेश मंत्रालय ने इस आतंकी घटना पर साफ कर दिया है कि बिना सबूत के पाकिस्तान पर आरोप लगाना गलत है।
हिंदुस्तान टाइम्स ने दावा किया है कि जो फोन नंबर उसे आतंकी नावेद से बातचीत में मिला था जब उस पर फोन किया गया तो नावेद के पिता ने फोन उठाया और कहा कि वह काफी डरे हुए हैं।
याकूब ने कहा कि घटना के बाद से पाकिस्तानी सेना और आतंकी संगठन लश्कर ए तैयबा उनके पीछे लगा है। उन्हें यह डर है कि उन्हें मार दिया जाएगा।
भारतीय अखबार का दावा है कि फोन पर नावेद के पिता याकूब से करीब 1.20 मिनट तक बात हुई और बात में उन्होंने फोन काट दिया। इसके बाद से वह फोन लगातार बंद बता रहा है।
उल्लेखनीय है कि उधमपुर में हुए आतंकी हमले में दो में से एक आतंकी को जिंदा पकड़ा गया है। इस आतंकी ने अपना नाम मोहम्मद नावेद बताया है। जांच में नावेद ने बताया कि पाकिस्तान के फैसलाबाद का रहने वाला है। और लश्कर के आतंकी शिविर में उसने प्रशिक्षण ग्रहण किया है।
उससे प्राप्त सूचना के अनुसार वह कई दिन पहले भारतीय सीमा में जंगलों के रास्ते आ गया था और साथी से मिलने के बाद आतंकी घटना को अंजाम दिया। नावेद ने बताया कि उसके दौ और भाई हैं और एक बहन है। एक भाई उसका शिक्षक है और भाई होजरी की दुकान चलाता है।
वहीं पाकिस्तानी विदेश मंत्रालय ने इस आतंकी घटना पर साफ कर दिया है कि बिना सबूत के पाकिस्तान पर आरोप लगाना गलत है।
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