देश के प्रमुख मुस्लिम संगठन जमीयत उलेमा-ए-हिंद ने कहा है कि अगर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ और भाजपा मुसलमानों को लेकर अपने नजरिए में बदलाव करते हैं तो वह देश को मजबूत बनाने के लिए उनके साथ चलने और मिलकर काम करने को तैयार है।
जमीयत उलेमा-ए-हिंद के अध्यक्ष मौलाना सैयद अरशद मदनी ने कहा, 'हमारी उनसे (संघ एवं भाजपा) कोई सियासी लड़ाई नहीं है। कोई सत्ता की लड़ाई नहीं है। अगर वे कहते हैं कि हमसे (मुसलमानों के) करीब होना चाहते हैं, हमारा नजरिया पहले जैसा नहीं है और हम प्यार-मोहब्बत को बढ़ावा देना चाहते हैं हम बात करेंगे और आगे बढ़ेंगे। ऐसा होना तो बड़ी अच्छी बात है।'
उनसे सवाल किया गया था कि अगर संघ और भाजपा अपने नजरिए में बदलाव लायें तो वह देश को मजबूत बनाने के लिए उनके साथ चलने और मिलकर काम करने को तैयार हैं?
उन्होंने आगे कहा, 'अगर मोहन भागवत (संघ प्रमुख) उस नजरिए को खत्म कर देंगे जिससे हमें विरोध है, भाई-चारे को लेकर चलेंगे और हिंदू और मुसलमान दोनों के लिए एक पैमाना रखेंगे तो हम उनके साथ क्यों नहीं जा सकते। हम अगर किसी कांग्रेसी के साथ चल सकते हैं, अगर हम समाजवादी पार्टी और बहुजन समाज पार्टी वालों के साथ चल सकते हैं तो हम ऐसा क्यों कहेंगे आरएसएस और भाजपा के साथ नहीं चलेंगे।'
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