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This Article is From Jul 27, 2016

वीडियो मामला : मान को सख्‍त सजा देने के पक्ष में है सांसदों की समिति, सिर्फ तृणमूल का रुख नरम

वीडियो मामला : मान को सख्‍त सजा देने के पक्ष में है सांसदों की समिति, सिर्फ तृणमूल का रुख नरम
आप सांसद भगवंत मान (फाइल फोटो)
नई दिल्‍ली: आम आदमी पार्टी के सांसद भगवंत मान ने विवादों को जन्‍म देने वाली संसद की अपनी रिकॉर्डिंग को 'एजुकेशनल वीडियो' करार दिया है। इस वीडियो में, कमेंटेटर के तौर पर मान संसद में प्रवेश से पहले विभिन्‍न सुरक्षा जांच (सिक्‍युरिटी चेक्‍स) की जानकारी दे रहे हैं। गौरतलब है कि संसद को वर्ष 2001 में आतंकवादियों ने निशाना बनाया था।

इस 'कार्य' को लेकर मान को तब तक संसद नही आने को कहा गया है जब तक कि 9 सदस्‍यों की सांसदों की समिति उनके काम की जांच और दंड की सिफारिश नहीं कर देती। समिति में हर प्रमुख विपक्षी पार्टी का एक-एक सदस्‍य शामिल है और इसके प्रमुख सत्ताधारी बीजेपी के किरीट सोमैया हैं। समिति ने सांसद मान की ओर से फेसबुक पर पोस्‍ट की गई 12 मिनट की फिल्‍म देखी है। मान ने अपने बचाव में कहा है कि वे चाहते है कि पंजाब के उनके संसदीय क्षेत्र को यह जानकारी मिले कि संसद किस तरह चलती है। वे शुक्रवार को इस समिति के सामने पेश होंगे।

हालांकि उन्‍होंने संसदीय अधिकारियों को लिखे अपने पत्र में इस वीडियो के लिए खेद जताया है, लेकिन 'आप' सांसद ने यह भी कहा है कि वह सुरक्षा नियमों से समझौता करने के दोषी हैं तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी इसके दोषी हैं, जिन्‍होंने पाकिस्‍तानी खुफिया एजेंसी ISI सहित पाकिस्‍तानी अफसरों को पठानकोट एयरफोर्स बेस का दौरा करने की अनुमति दी। गौरतलब है कि इस वर्ष के प्रारंभ में पाकिस्‍तानी आतंकियों ने इस एयरफोर्स बेस को निशाना बनाया था।

जानकारी के अनुसार, जांच कमेटी के ज्‍यादातर सदस्‍य मान को सख्‍त सजा देने के पक्ष में हैं, लेकिन पश्चिम बंगाल में सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस ने अपने प्रतिनिधि को मान मामले को लेकर नरम रुख अख्तियार करने की हिदायत दी है। सूत्रों ने NDTV को बताया कि तृणमूल सुप्रीमो ममता बनर्जी ने अपनी पार्टी की डॉ. रत्‍ना डे से यह विचार जताने को कहा है कि मान का इरादा संदिग्‍ध नहीं, बल्कि 'अपरिपक्‍वतापूर्ण' था। पार्टी के अनुसार, मान इस मामले में लोकसभा स्‍पीकर सुमित्रा महाजन से लिखित में माफी मांग चुके हैं। ऐसे में किसी राजनीतिक बदले की भावना से कार्रवाई नहीं होनी चाहिए।

जांच समिति ने संसद के बाहर सुरक्षा व्‍यवस्‍था करने वाली दिल्‍ली पुलिस के प्रमुख और संसद भवन की सुरक्षा देखने वाले अधिकारियों से भी मुलाकात की है। बताया जाता है कि संसद की सुरक्षा टीम ने मान के वीडियो को सुरक्षा प्रक्रिया को आघात पहुंचाने वाला करार दिया है। गौरतलब है कि 2001 में लश्‍कर के संसद पर हमले के बाद संसद की सुरक्षा को नए उपकरणों और तकनीक के जरिये चाकचौबंद किया गया था।

उधर, मान की पार्टी ने कहा है कि सांसद उन पर लगाए गए आरोपों के कसूरवार नहीं है और दूसरी पार्टियां उन्‍हें इसलिए आरोपित कर रही हैं, क्‍यों‍कि पंजाब में विधानसभा चुनाव से पहले 'आप' की लोकप्रियता बढ़ती जा रही है। हालांकि आप संयोजक और दिल्‍ली के सीएम अरविंद केजरीवाल का इस बारे में बयान नहीं आया है।

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