स्वास्थ्य मंत्रालय (Ministry Of Health) के अधिकारियों ने बृहस्पतिवार को कहा कि जयपुर के एक अस्पताल में कोरोनावायरस (Coronavirus) से संक्रमित इतलावी दंपत्ति को एंटी एचआईवी दवाएं (Anti HIV Medicine) लोपिनाविर और रिटोनाविर देने का फैसला 'प्रारंभिक तौर पर स्थानीय रूप से' किया गया. अधिकारियों ने कहा कि इस अस्पताल को भविष्य में कोविड -19 मरीजों को ऐसी दवाएं देने से पहले स्वास्थ्य मंत्रालय एवं भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) को सूचित करने को कहा गया है.
ऐसा पहली बार हुआ है कि भारत में कोरोना वायरस के बढ़ते मामलों के बीच कोविड -19 के मरीजों का इलाज करने के लिए इन दोनों दवाओं का इस्तेमाल किया गया. इस इतालवी दंपत्ति का जयपुर के एसएमएस अस्पताल में इलाज चल रहा है. आईसीएमआर में महामारी विज्ञान एवं संक्रामक रोग-। के प्रमुख रमन आर गंगाखेडकर ने कहा, ''लोपिनाविर और रिटोनाविर देने का फैसला ''प्रारंभिक रूप से स्थानीय रूप से'' किया गया क्योंकि उन्होंने सोचा कि यह गंभीर बीमारी है एवं उन्होंने दवा शुरू कर दी. लेकिन हमें उससे ज्यादा निष्कर्ष निकालने की जरूरत नहीं है क्योंकि किसी एक मरीज पर प्रयोग से ज्यादातर मामलों में सच्चाई पता नहीं चलती. हमें संगठित अध्ययन की जरूरत है.''
उन्होंने कहा, ''जब तक हमारे पास बड़े आंकड़े नहीं होते, जो ऐसे परीक्षणों से आते हैं, तब तक हम कोई ज्यादा निष्कर्ष नहीं निकाल पायेंगे. लेकिन चूंकि यह दवा दी गयी, हम इस पर अध्ययन में जुट गये हैं और यह देखने के लिए नियमित रूप से नमूने इकट्ठा किये जा रहे हैं कि क्या यह दवा असरकारी है.'' एसएमएस अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक डॉ एस मीणा ने कहा कि लोपिनाविर और रिटोनाविर देने का फैसला तब किया गया जब इतालवी व्यक्ति और उसकी पत्नी को सांस लेने में गंभीर परेशान होने लगी.
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