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रॉबर्ट वाड्रा और डीएलएफ के बीच हरियाणा में जमीन के लेन-देन की जांच बिठाने वाले वरिष्ठ आईएएस अफसर डॉ. अशोक खेमका का तबादला कर दिया गया है।
वैसे, एनडीटीवी के पास इसके दस्तावेज मौजूद हैं, जिससे पता चलता है कि आईएएस अफसर अशोक खेमका को किस तरह सजा दी गई। जब केजरीवाल और इंडिया अगेंस्ट करप्शन ने वाड्रा और डीएलएफ के बीच भ्रष्टाचार के आरोप लगाए तो अशोक खेमका ने इन सौदों की जांच के आदेश दिए। इसके तीन दिन बाद उनका तबादला कर दिया गया।
अशोक खेमका ने चार जिलों में आधिकारिक जांच बिठाई। खेमका ने कहा कि वाड्रा की कंपनियों की तरफ से जिन भूखंडों की रजिस्ट्री हुई है, उनमें से कुछ के दाम कम लगाए गए हैं।
15 अक्तूबर को अपने कार्यकाल के आखिरी दिन अशोक खेमका ने रॉबर्ट वाड्रा और डीएलएफ के बीच एक जमीन सौदा रद्द किया। हैरान करने वाली बात है कि 65 दिन के भीतर साढ़े सात करोड़ की जमीन 65 करोड़ की हो गई। अशोक खेमका ने अपने तबादले का विरोध भी किया है।
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