अनुराग तिवारी 2007 बैच के कर्नाटक कैडर के अधिकारी थे .(फाइल फोटो)
कर्नाटक कैडर के IAS अधिकारी अनुराग तिवारी की मौत दम घुटने से हुई. पोस्टमार्टम रिपोर्ट की पहली जानकारी से यह बात निकलकर आई है. अनुराग तिवारी की बॉडी पिछले बुधवार की सुबह राजधानी लखनऊ में एक सड़क किनारे मिली थी. पुलिस ने इसको 'रहस्यमय परिस्थितियों' में मौत कहा था. उसके बाद परिजनों की मांग पर योगी आदित्यनाथ सरकार ने इस मामले की जांच सीबीआई को सौंप दी है.
अनुराग तिवारी 2007 बैच के कर्नाटक कैडर के आईएएस थे. वह यूपी के ही बहराइच के रहने वाले थे. पुलिस के मुताबिक उनकी बॉडी हजरतगंज इलाके में मीरा बाई गेस्ट हाउस के पास मिली थी. अनुराग तिवारी की गिनती होशियार नौकरशाह के रूप में होती थी.
पिछले साल जब वो बीदर के डिप्टी कलेक्टर बन कर गए थे तो वहां पानी की कमी से जूझ रहे लोगों के लिए बेहतरीन काम किया था. बीदर में 130 से ज्यादा टैंक और 100 से ज्यादा कुंआ खुदवाकर सुर्खियों में आ गए थे. यही नहीं पांच सौ साल पुरानी सूख चुकी जहाज की बावड़ी की सफाई कराकर फिर से पानी से लबालब कर दिया था और इसके चलते जिले के लोग उन्हें प्यार से वाटरमैन के नाम से पुकारते थे.
अनुराग तिवारी 2007 बैच के कर्नाटक कैडर के आईएएस थे. वह यूपी के ही बहराइच के रहने वाले थे. पुलिस के मुताबिक उनकी बॉडी हजरतगंज इलाके में मीरा बाई गेस्ट हाउस के पास मिली थी. अनुराग तिवारी की गिनती होशियार नौकरशाह के रूप में होती थी.
पिछले साल जब वो बीदर के डिप्टी कलेक्टर बन कर गए थे तो वहां पानी की कमी से जूझ रहे लोगों के लिए बेहतरीन काम किया था. बीदर में 130 से ज्यादा टैंक और 100 से ज्यादा कुंआ खुदवाकर सुर्खियों में आ गए थे. यही नहीं पांच सौ साल पुरानी सूख चुकी जहाज की बावड़ी की सफाई कराकर फिर से पानी से लबालब कर दिया था और इसके चलते जिले के लोग उन्हें प्यार से वाटरमैन के नाम से पुकारते थे.
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