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16 दिसम्बर सामूहिक बलात्कार के दोषियों ने 23 वर्षीया पैरामेडिकल छात्रा से सामूहिक बलात्कार करने से पहले कथित रूप से जिस रामाधार नामक व्यक्ति से लूटपाट की थी उसने गुरुवार को दिल्ली की एक अदालत से कहा कि यदि उसे चलती बस से नीचे नहीं फेंका गया होता तो दोषी उ
पेशे से बढ़ई रामाधार ने मामले में अपनी गवाही के दौरान अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश दया प्रकाश के समक्ष कहा, ‘दोषी यदि मुझे नीचे नहीं फेंकते तो मेरी भी हत्या कर दी गई होती।’
रामाधार ने इससे पहले अदालत कक्ष में मौजूद चारों वयस्क दोषियों मुकेश (26), विनय शर्मा (20), पवन गुप्ता (19) और अक्षय सिंह ठाकुर (28) की पहचान की थी। उसने बताया कि उससे लूटपाट और पिटायी की थी।
दोषियों ने गत वर्ष 16 दिसम्बर को दक्षिण दिल्ली में लड़की से चलती बस में बलात्कार करने से पहले कथित रूप से रामाधार को बस में फुसलाकर चढ़ाया और उससे लूटपाट की। लड़की की बाद में सिंगापुर के अस्पताल में 2 दिसम्बर को मौत हो गई थी।
चारों व्यक्तियों को गत 10 सितम्बर को फास्ट ट्रैक अदालत ने सामूहिक बलात्कार मामले में दोषी करार दिया था। उन्हें सज कल सुनाई जाएगी जो फांसी भी हो सकती है।
रामाधार ने अदालत को यह भी बताया कि उसने मामले की जांच के दौरान उस बस और उसके पंजीकरण नम्बर की पहचान की थी जिसमें घटना हुई थी।
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