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This Article is From Jan 21, 2013

बीजेपी अध्यक्ष पद की दौड़ में गडकरी को मिल सकती है जेठमलानी से चुनौती

बीजेपी अध्यक्ष पद की दौड़ में गडकरी को मिल सकती है जेठमलानी से चुनौती
नई दिल्ली: बीजेपी अध्यक्ष पद की दौड़ में नितिन गडकरी को बीजेपी के राज्यसभा सांसद रामजेठमलानी के बेटे महेश जेठमलानी से चुनौती मिल सकती है।

महेश जेठमलानी का कहना है कि वह नितिन गडकरी के खिलाफ चुनाव में खड़े हो सकते हैं, लेकिन उन्होंने अभी इस पर अंतिम फैसला नहीं लिया है। उन्होंने कहा कि अगर टोकन कॉन्टेस्ट होता है तो वह चुनाव लड़ सकते हैं।

इससे पहले खबर आई थी कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) समर्थित नितिन गडकरी को भाजपा अध्यक्ष का दूसरा कार्यकाल देने पर आम सहमति बनती दिख रही है। इस पद के लिए 23 जनवरी को चुनाव होगा।

पार्टी सूत्रों ने बताया कि वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी अंतत: सहमत हो गए हैं, क्योंकि किसी अन्य उम्मीदवार के नाम पर सहमति नहीं बन सकी है। पहले उन्हें गडकरी को दूसरा कार्यकाल देने पर आपत्ति थी।

पिछले सप्ताह तक आडवाणी खेमा और आरएसएस आमसहमति से किसी उम्मीदवार को चुनने में लगा था।

सूत्रों के अनुसार, आडवाणी को पूर्ति समूह के संदिग्ध धनस्रोत के आरोपों से घिरे गडकरी को दूसरा कार्यकाल सौंपने पर आपत्ति थी। उन्होंने इससे पहले इस पद के लिए रविशंकर प्रसाद के नाम का सुझाया था।

लोकसभा में विपक्ष की नेता सुषमा स्वराज के नाम पर भी चर्चा की गई थी, लेकिन उन्होंने खुद ही इस पद के लिए ज्यादा उत्सुकता नहीं दिखाई।

गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी के नाम की भी चर्चा चल रही थी, लेकिन पार्टी के नेताओं ने इसकी संभावनाओं ने इनकार करते हुए कहा कि उनका नाम आडवाणी की संभावितों की सूची में शामिल नहीं है।

सूत्रों ने कहा कि मोदी खुद भी पार्टी अध्यक्ष बनने के इच्छुक नहीं हैं, लेकिन वह अगले लोकसभा चुनावों में केन्द्रीय स्तर पर भाजपा के लिए चुनाव प्रबंधन में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं। आरएसएस गडकरी को दूसरी बार पार्टी अध्यक्ष बनाने पर बल देता रहा है और स्वयं संघ प्रमुख मोहन भागवत खुद भी उनका समर्थन कर रहे हैं। संघ को लगता है कि लगातार दूसरी बार लोकसभा चुनाव हारने के बाद पार्टी की कमान संभालने वाले गडकरी को अगले लोकसभा में पार्टी का नेतृत्व मिलना चाहिए।

उसका मानना है कि गडकरी ने तीन साल पहले जो काम अपने हाथ में लिया था वह अब भी पूरा नहीं हो पाया है। भाजपा ने राष्ट्रीय अध्यक्ष के चुनाव के लिए आज अधिसूचना जारी की।

यहां जारी एक अधिसूचना में पार्टी ने कहा कि 23 जनवरी सुबह दस बजे से लेकर साढ़े ग्यारह बजे तक नामांकन पत्र दाखिल किए जाएंगे और साढ़े ग्यारह बजे से लेकर 12 बजे तक उनकी जांच की जाएगी।

बारह बजे से लेकर साढ़े बारह बजे तक नाम वापस लिये जाने के बाद यदि जरूरत महसूस हुई तो चुनाव की तिथि घोषित की जाएगी। यदि प्रतिस्पर्धा नहीं हुई तो उसी दिन साढ़े बारह बजे निर्वाचित उम्मीदवार की घोषणा की जाएगी।

सूत्रों ने यहां बताया कि नितिन गडकरी 23 जनवरी को नामांकन पत्र दाखिल कर सकते हैं और यदि कोई अन्य नामांकन नहीं मिला तो उन्हें निर्विरोध निर्वाचित घोषित कर दिया जाएगा। इस बीच पार्टी ने गडकरी को दूसरा कार्यकाल दिए जाने पर रस्साकस्सी संबंधी खबरों पर कन्नी काट ली।

जब पार्टी प्रवक्ता मुख्तार अब्बास नकवी से पूछा गया कि क्या आडवाणी ने अध्यक्ष पद के लिए सुषमा स्वराज का नाम प्रस्तावित किया है तो उन्होंने कहा, ‘हमारे यहां वंशवाद नहीं बल्कि लोकतंत्र है और इस पर कोई भ्रम नहीं होना चाहिए। हमारी पार्टी में आंतरिक लोकतंत्र है और संविधान है। उसके अनुसार, हम क्षेत्रीय स्तर से लेकर राष्ट्रीय स्तर तक चुनाव कराते हैं और चुनाव प्रक्रिया चल रही है। जब उनसे पूछा गया कि क्या गडकरी के अलावा दूसरे नाम भी इस प्रतिस्पर्धा में हैं उन्होंने कहा, ‘आपको इसके बारे में और नामांकन के बारे भी बताया जाएगा। कुछ भी गुपचुप नहीं किया जाएगा। उधर, गडकरी ने भी भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष के लिए अन्य उम्मीदवारों के बारे में किये गए सवालों से कन्नी काट ली।

उन्होंने कहा, ‘मुझे इस बात की कभी परवाह नहीं है कि मुझे पार्टी अध्यक्ष का पद मिलता है या नहीं। मैं हमेशा भाजपा के जमीनी कार्यकर्ता के रूप में काम करता रहूंगा।’

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