
नई दिल्ली:
कोयला घोटाले की सीबीआई जांच में दखल को लेकर विपक्षी पार्टियों का वार झेल रहे कानून मंत्री अश्वनी कुमार ने कहा है कि उन्होंने कुछ भी गलत नहीं किया। कांग्रेस ने भी अश्वनी कुमार का बचाव करते हुए उनके इस्तीफे की संभावना खारिज की है।
सोनिया गांधी की अध्यक्षता में हुई यूपीए की एक बैठक के बाद कुमार ने कहा, मैंने कुछ गलत नहीं किया। सच की जीत होगी। बैठक में प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह भी शामिल थे।
विपक्षी दल अश्विनी कुमार को बर्खास्त किए जाने की मांग कर रहे हैं। अश्विनी कुमार ने प्रधानमंत्री से भी मुलाकात की और उन्हें इस मुद्दे पर अपना जवाब दिया। कानून मंत्री ने संसदीय मामलों के मंत्री कमलनाथ से अलग से मुलाकात की। कमलनाथ ने बैठक के बाद संवाददाताओं से कहा, उनके (अश्विनी कुमार) इस्तीफे का प्रश्न ही नहीं उठता। वह इस्तीफा देने नहीं जा रहे हैं।
सीबीआई के हलफनामे के संबंध में कमलनाथ ने कहा, इस पर निर्णय करना अदालत का काम है। उन्होंने कहा कि सीबीआई ने केवल यह कहा है कि रिपोर्ट का मसौदा मंत्री को दिखाया गया न कि अंतिम रिपोर्ट उन्हें दिखाई गई। यह पूछे जाने पर कि कानून मंत्री के साथ सीबीआई की बैठक में पीएमओ और कोयला मंत्रालय के अधिकारी भी क्यों उपस्थित थे, उन्होंने कहा कि रिपोर्ट की विषयवस्तु कोयला मंत्रालय द्वारा उपलब्ध कराई जानी थी और प्रधानमंत्री के पास कुछ समय के लिए कोयला मंत्रालय का प्रभार था। उन्होंने कहा, कानूनी पहलू कानून मंत्री को देखना होता है।
सोनिया गांधी की अध्यक्षता में हुई यूपीए की एक बैठक के बाद कुमार ने कहा, मैंने कुछ गलत नहीं किया। सच की जीत होगी। बैठक में प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह भी शामिल थे।
विपक्षी दल अश्विनी कुमार को बर्खास्त किए जाने की मांग कर रहे हैं। अश्विनी कुमार ने प्रधानमंत्री से भी मुलाकात की और उन्हें इस मुद्दे पर अपना जवाब दिया। कानून मंत्री ने संसदीय मामलों के मंत्री कमलनाथ से अलग से मुलाकात की। कमलनाथ ने बैठक के बाद संवाददाताओं से कहा, उनके (अश्विनी कुमार) इस्तीफे का प्रश्न ही नहीं उठता। वह इस्तीफा देने नहीं जा रहे हैं।
सीबीआई के हलफनामे के संबंध में कमलनाथ ने कहा, इस पर निर्णय करना अदालत का काम है। उन्होंने कहा कि सीबीआई ने केवल यह कहा है कि रिपोर्ट का मसौदा मंत्री को दिखाया गया न कि अंतिम रिपोर्ट उन्हें दिखाई गई। यह पूछे जाने पर कि कानून मंत्री के साथ सीबीआई की बैठक में पीएमओ और कोयला मंत्रालय के अधिकारी भी क्यों उपस्थित थे, उन्होंने कहा कि रिपोर्ट की विषयवस्तु कोयला मंत्रालय द्वारा उपलब्ध कराई जानी थी और प्रधानमंत्री के पास कुछ समय के लिए कोयला मंत्रालय का प्रभार था। उन्होंने कहा, कानूनी पहलू कानून मंत्री को देखना होता है।
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