मैंने "हिंदूओं" नहीं "फितनों" कहा था, जिसका अर्थ होता है शरारती तत्व : वीडियो विवाद पर बोले मुस्तफा

मोहम्मद मुस्तफा का एक वीडियो वायरल हो रहा है, जिसको लेकर बीजेपी ने आरोप लगाया कि कांग्रेस के लोग माहौल बिगाड़ रहे हैं. मुस्तफा पर मलेरकोटला में एक जन सभा के दौरान सांप्रदायिक टिप्पणी करने का आरोप है.

चंडीगढ़:

पंजाब के पूर्व DGP, पंजाब कांग्रेस अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू के सलाहकार और पंजाब सरकार की मंत्री रजिया सुल्ताना के पति मोहम्मद मुस्तफा का एक वीडियो वायरल हो रहा है, जिसको लेकर बीजेपी ने आरोप लगाया है कि कांग्रेस के लोग माहौल बिगाड़ रहे हैं. मुस्तफा पर मलेरकोटला में एक जनसभा के दौरान सांप्रदायिक टिप्पणी करने का आरोप है. सोशल मीडिया पर वायरल एक वीडियो के जरिए यह दावा किया जा रहा है. हालांकि इस वीडियो को लेकर मोहम्मद मुस्तफा ने NDTV से बात की. उन्होंने कहा, "मैंने भावनाएं भड़काईं? वहां पर हिंदू मुसलमान का कोई मुद्दा नहीं था. अब जो मीडिया कर रहा है वह हिंदू मुसलमान का मुद्दा कर रहा है, वह भावनाएं भड़का रहा है. जो कल बीजेपी ने किया है वह है भावनाएं भड़काने वाला काम था. वहां कोई संदर्भ नहीं था, यह हैरान करने वाला और शर्मनाक है कि मुझे बार-बार इस पर सफाई देनी पड़ रही है."

मुस्तफा ने कहा, "दूसरा पक्ष भी 100% मुस्लिम था और हम भी पूरी तरह से मुस्लिम थे. जो भी हुआ वह तो मुस्लिम ग्रुप में हुआ. कौन सही है और कौन गलत यह जांच में फैसला होगा. खुदा के लिए इसको हिंदू मुसलमान मत बनाएं, इसके खिलाफ ही तो मैं लड़ता रहा हूं सारा जीवन. मैं सारी जिंदगी सांप्रदायिक सौहार्द बिगाड़ने वाले देश के दुश्मनों के खिलाफ लड़ता रहा हूं. मैंने 'हिंदुओं' शब्द का इस्तेमाल नहीं किया बल्कि फितनों शब्द का इस्तेमाल किया था. इसका मतलब होता है शरारती तत्व. फितनों का मतलब गैर मुस्लिम नहीं होता, इसका मतलब होता है समस्या पैदा करने वाला."

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उन्होंने आगे कहा, "हमारे इस्लामिक समाज में यह बहुत इस्तेमाल होता है, यह अरबी शब्द है. मैंने कहा था कि 'इन फितनों को जिन्होंने मेरे ऊपर हमला करने की कोशिश कि अगर इन 'फितनों ने दोबारा किया तो जलसा नहीं होने दूंगा. वो लोग गुंडे ठग और बदमाश हैं."

मुस्तफा ने कहा, "हां मैंने यह जरूर कहा था कि अगर इन्होंने दोबारा ऐसा किया तो मैं इनको घर में घुस कर मारूंगा. मैं महात्मा गांधी नहीं हूं कि मैं हाथ बांधकर खड़ा हो जाता कम से कम इतना तो मैं रिएक्शन जरूर दूंगा. मैं कोई झाड़ू लेकर लोगों के घरों में नहीं घुस रहा था, लेकिन एक इंसान के तौर पर इतना रिएक्शन तो करूंगा या नहीं करूंगा."

उन्होंने कहा, "उन्होंने मेरे सम्मान को चोट पहुंचाने की कोशिश की तो मैंने माइक पर बोला कि अगर मेरे साथ दोबारा ऐसी हरकत की, मेरी इज्जत पर हमला करेंगे तो मैं यह करूंगा. मैं कोई उनके घरों में घुसा नहीं हूं बल्कि यह मुहावरे होते हैं. आप यह कह सकते हैं कि मैं सीमा लांघ रहा था. आगे से एक जिम्मेदार नागरिक के तौर पर मैं ध्यान रखूंगा, लेकिन जो भी उस दिन हुआ वह एक इंसान के तौर पर त्वरित प्रतिक्रिया थी."

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उन्होंने पूछा, "सवाल यह है कि जब उस जगह पर पहले से ही कांग्रेस के लोग इकट्ठा थे, तो प्रशासन ने आम आदमी पार्टी के लोगों को वहां पर कार्यक्रम करने की इजाजत क्यों दी? इसके बाद जब मैं किसी के घर से चाय पीकर निकल कर जा रहा था तो उन्होंने मेरा पीछा करने की कोशिश की, मुझे चोट पहुंचाने की कोशिश की, मेरे खिलाफ गंदी भाषा क्यों इस्तेमाल की, तो मेरा गुस्सा उस बात पर था."

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वीडियो में मोहम्मद मुस्तफा को कहते सुना जा सकता है, "मैं कानून के हिसाब से चलने वाला इंसान हूं. आज उन्होंने जो हरकत की है. मेरा जलसा यहां होना था, उन्होंने शोर मचाने की कोशिश की है, अगर दोबारा इन्होंने ऐसा किया तो मैं अल्लाह की कसम खाकर कहता हूं इनका कोई जलसा नहीं होने दूंगा. मैं कौमी फौजी हूं, मैं कौमी सिपाही हूं, मैं RSS का एजेंट नहीं हूं जो डर कर घर में घुस जाऊंगा. अगर इन्होंने दोबारा ऐसी हरकत की तो खुदा की कसम घर में घुस कर मारूंगा. मैं वोटों के लिए नहीं लड़ रहा, मैं कौम के लिए लड़ रहा हूं. मैं पुलिस और जिला प्रशासन को भी बताना चाहता हूं अगर दोबारा ऐसी हरकत हुई मेरे जलसे के बराबर में अगर (आरोप के मुताबिक अगला शब्द 'हिंदुओं' जबकि मोहम्मद मुस्तफा के मुताबिक फितनों शब्द का इस्तेमाल) को इजाजत दी गई तो मैं ऐसे हालात पैदा कर दूंगा कि संभालने मुश्किल हो जाएंगे."