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दिलीप सिंह राणा उर्फ द ग्रेट खली ने WWE में भारत को पहचान दिलाई है (फाइल फोटो)
हाथरस:
यहां ऐतिहासिक किला क्षेत्र में जुड़े मेला दाऊजी महाराज के दंगल में कुश्ती प्रेमियों को डब्ल्यूडब्ल्यूई के अंतर्राष्ट्रीय स्तर के रेसलर दिलीप सिंह राणा उर्फ द ग्रेट खली को देखने का मौका मिला. खली जब हाथ में गदा लिए दंगल के अखाड़े में आए तो कुश्ती प्रेमियों ने तालियों से उनका स्वागत किया.
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इस दौरान हुई पत्रकारों से बातचीत करते हुए खली ने बड़ी बेबाकी से स्वीकार किया कि रेसलर और खिलाड़ियों के लिए भारत में सुविधाओं की कमी है. उन्होंने कहा कि सरकार की ओर से सुविधाओं की कमी के साथ-साथ यहां खिलाड़ियों की सोच का फर्क रहता है. यहां खिलाड़ी बिजनेस की ओर जाता है. नौकरी मिल जाती है तो नौकरी करता है और खेल को छोड़ देता है.
VIDEO: WWE में पहुंचा भारत का एक और रेसलर खली ने इस दौरान अपने करियर में हासिल की गई सफलताओं का उल्लेख करते हुए कहा कि वह अमेरिका से स्वदेश इसलिए आए हैं ताकि कई खली तैयार कर सकें. उन्होंने कहा कि लोग दिल्ली में घर बनाकर वापस अपने गांव नहीं लौटते हैं, लेकिन वे हॉलीवुड की मूवी, अमेरिका में घर और बिजनेस के बावजूद इस जुनून के साथ भारत वापस आए हैं, ताकि हजारों खली तैयार कर सकें. खली ने कहा कि इस काम के लिए सरकार ने न तो उन्हें जमीन दी है और न ही बिल्डिंग बनाकर दी है. यहां तक कि कोच के तौर पर फीस तक नहीं दी गयी है. खली अपने खर्च से यह सब कर रहे हैं.
(इनपुट आईएएनएस से)
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इस दौरान हुई पत्रकारों से बातचीत करते हुए खली ने बड़ी बेबाकी से स्वीकार किया कि रेसलर और खिलाड़ियों के लिए भारत में सुविधाओं की कमी है. उन्होंने कहा कि सरकार की ओर से सुविधाओं की कमी के साथ-साथ यहां खिलाड़ियों की सोच का फर्क रहता है. यहां खिलाड़ी बिजनेस की ओर जाता है. नौकरी मिल जाती है तो नौकरी करता है और खेल को छोड़ देता है.
VIDEO: WWE में पहुंचा भारत का एक और रेसलर खली ने इस दौरान अपने करियर में हासिल की गई सफलताओं का उल्लेख करते हुए कहा कि वह अमेरिका से स्वदेश इसलिए आए हैं ताकि कई खली तैयार कर सकें. उन्होंने कहा कि लोग दिल्ली में घर बनाकर वापस अपने गांव नहीं लौटते हैं, लेकिन वे हॉलीवुड की मूवी, अमेरिका में घर और बिजनेस के बावजूद इस जुनून के साथ भारत वापस आए हैं, ताकि हजारों खली तैयार कर सकें. खली ने कहा कि इस काम के लिए सरकार ने न तो उन्हें जमीन दी है और न ही बिल्डिंग बनाकर दी है. यहां तक कि कोच के तौर पर फीस तक नहीं दी गयी है. खली अपने खर्च से यह सब कर रहे हैं.
(इनपुट आईएएनएस से)
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