पूर्व लोकसभा अध्यक्ष पीए संगमा चुनाव लड़ने पर अड़ गए हैं और उन्होंने इसके लिए राजग के सहयोगी दलों, तृणमूल कांग्रेस और अपनी पार्टी राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) से समर्थन मांगा है।
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नई दिल्ली:
पूर्व लोकसभा अध्यक्ष पीए संगमा चुनाव लड़ने पर अड़ गए हैं और उन्होंने इसके लिए राजग के सहयोगी दलों, तृणमूल कांग्रेस और अपनी पार्टी राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) से समर्थन मांगा है। हालांकि सूत्रों ने बताया है कि राकांपा सुप्रीमो ने संगमा को चुनाव लड़ने पर गम्भीर परिणामों की चेतावनी है।
संगमा ने राष्ट्रपति चुनाव की दौड़ से बाहर होने की खबरों का खंडन करते हुए रविवार को अपनी ही पार्टी राकांपा से समर्थन की अपील की।
एक दिन पहले ही राकांपा सुप्रीमो शरद पवार ने कहा था कि संगमा पार्टी के फैसले का सम्मान करेंगे। इस पर संगमा ने रविवार को कहा कि राष्ट्रपति पद के चुनाव के लिए पार्टी से कोई लेना देना नहीं है।
संगमा ने कहा, "मैं अभी भी दौड़ में हूं। शरद पवार कह रहे हैं कि वह मुझसे उम्मीदवार न बनने की अपील करेंगे लेकिन मैं उनसे अपील करता हूं कि वह मेरा समर्थन करें।" उन्होंने कहा, "मैं जनजातीय मंच का सदस्य होने के नाते चुनाव लड़ रहा हूं। इसका किसी राजनीतिक दल से कोई लेना देना नहीं है। मैं राकांपा का उम्मीदवार नहीं हूं।"
संगमा ने कहा कि उन्होंने शनिवार को इस सिलसिले में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) के नेताओं और तृणमूल कांग्रेस की अध्यक्ष ममता बनर्जी से बात की।
बकौल संगमा, "चूंकि राजग की बैठक आज थी इसलिए मैंने सभी राजग नेताओं से सम्पर्क साधा। उनके बीच कुछ मतभेद हैं जो लोकतंत्र में स्वाभाविक भी है।" उन्होंने कहा, "मैंने ममता बनर्जी से शुक्रवार को बात की थी लेकिन उन्होंने कहा कि वह डा. एपीजे अब्दुल कलाम का समर्थन कर रही हैं। मैंने उनसे कहा कि वह दौड़ से बाहर हो गए हैं, इसलिए आपको मेरा समर्थन करना चाहिए।"
उल्लेखनीय है कि केंद्र में सत्तारूढ़ संप्रग ने प्रणब मुखर्जी को अपना उम्मीदवार घोषित किया है। मतदान 19 जुलाई को होना है, जिसके लिए नामांकन पत्र 30 जून तक दाखिल किया जाएगा।
संगमा ने राष्ट्रपति चुनाव की दौड़ से बाहर होने की खबरों का खंडन करते हुए रविवार को अपनी ही पार्टी राकांपा से समर्थन की अपील की।
एक दिन पहले ही राकांपा सुप्रीमो शरद पवार ने कहा था कि संगमा पार्टी के फैसले का सम्मान करेंगे। इस पर संगमा ने रविवार को कहा कि राष्ट्रपति पद के चुनाव के लिए पार्टी से कोई लेना देना नहीं है।
संगमा ने कहा, "मैं अभी भी दौड़ में हूं। शरद पवार कह रहे हैं कि वह मुझसे उम्मीदवार न बनने की अपील करेंगे लेकिन मैं उनसे अपील करता हूं कि वह मेरा समर्थन करें।" उन्होंने कहा, "मैं जनजातीय मंच का सदस्य होने के नाते चुनाव लड़ रहा हूं। इसका किसी राजनीतिक दल से कोई लेना देना नहीं है। मैं राकांपा का उम्मीदवार नहीं हूं।"
संगमा ने कहा कि उन्होंने शनिवार को इस सिलसिले में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) के नेताओं और तृणमूल कांग्रेस की अध्यक्ष ममता बनर्जी से बात की।
बकौल संगमा, "चूंकि राजग की बैठक आज थी इसलिए मैंने सभी राजग नेताओं से सम्पर्क साधा। उनके बीच कुछ मतभेद हैं जो लोकतंत्र में स्वाभाविक भी है।" उन्होंने कहा, "मैंने ममता बनर्जी से शुक्रवार को बात की थी लेकिन उन्होंने कहा कि वह डा. एपीजे अब्दुल कलाम का समर्थन कर रही हैं। मैंने उनसे कहा कि वह दौड़ से बाहर हो गए हैं, इसलिए आपको मेरा समर्थन करना चाहिए।"
उल्लेखनीय है कि केंद्र में सत्तारूढ़ संप्रग ने प्रणब मुखर्जी को अपना उम्मीदवार घोषित किया है। मतदान 19 जुलाई को होना है, जिसके लिए नामांकन पत्र 30 जून तक दाखिल किया जाएगा।
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