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This Article is From Jun 01, 2019

कांग्रेस के गढ़ अमेठी में कैसे हारे राहुल गांधी, सामने आई अंदर की कहानी

राहुल गांधी (Rahul Gandhi) की हार के कारणों का पता लगाने वाली कांग्रेस की दो सदस्यीय समिति को बताया गया कि समाजवादी पार्टी (सपा) और बहुजन समाज पार्टी (बसपा) का सहयोग नहीं मिलना उनकी हार के लिए जिम्मेदार है.

कांग्रेस के गढ़ अमेठी में कैसे हारे राहुल गांधी, सामने आई अंदर की कहानी
कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी को अमेठी में हार का सामना करना पड़ा.
नई दिल्ली:

लोकसभा चुनाव में कांग्रेस की करारी हार के बाद पार्टी के अंदर उथल-पुथल और बैठकों का दौर जारी है. सबसे ज्यादा चर्चा खुद कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी की अमेठी लोकसभा सीट पर हार की है. राहुल गांधी (Rahul Gandhi) की हार के कारणों का पता लगाने वाली कांग्रेस की दो सदस्यीय समिति को बताया गया कि समाजवादी पार्टी (सपा) और बहुजन समाज पार्टी (बसपा) का सहयोग नहीं मिलना उनकी हार के लिए जिम्मेदार है. यूपीए अध्यक्ष सोनिया गांधी (Sonia Gandhi) के संसदीय क्षेत्र रायबरेली में उनके प्रतिनिधि कांग्रेस सचिव जुबेर खान और के. एल. शर्मा को स्पष्ट तौर पर बताया गया कि सपा और बसपा की अमेठी इकाइयों ने कांग्रेस को सहयोग नहीं किया और उनके एक बड़े वर्ग का वोट भाजपा को चला गया. एक स्थानीय नेता ने बताया, राहुल गांधी को 2014 के लोकसभा चुनाव (4.08 लाख वोट) से ज्यादा वोट 2019 (4.13 लाख वोट) मिले थे.

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बसपा प्रत्याशी को 2014 में 75,716 वोट मिले. अगर यह वोट कांग्रेस को मिला होता तो कांग्रेस की जीत होती. आपको बता दें कि इस बार भाजपा की स्मृति ईरानी ने राहुल गांधी (Rahul Gandhi) को 55,000 वोटों के अंतर से शिकस्त दी. अमेठी के जिला कांग्रेस अध्यक्ष योगेंद्र मिश्रा ने भी इस आरोप का समर्थन किया कि सपा और बसपा ने कांग्रेस के साथ सहयोग नहीं किया, जबकि उनके नेताओं ने राहुल के पक्ष में समर्थन का एलान किया था. योगेंद्र मिश्रा ने कहा, सपा के पूर्व मंत्री गायत्री प्रजापति के पुत्र अनिल प्रजापति खुलेआम स्मृति ईरानी के पक्ष में चुनाव प्रचार कर रहे थे. गौरीगंज से सपा विधायक राकेश सिंह अपने ब्लॉक प्रमुखों और जिला पंचायत सदस्यों को बचाए रखने के लिए भाजपा के साथ गए. हालांकि राकेश सिंह ने इस आरोप का खंडन किया.  

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चार विधानसभा क्षेत्रों में मिली हार 
राहुल (Rahul Gandhi) को अमेठी के चार विधानसभा क्षेत्रों में हार मिली और गौरीगंज में हार का अंतर सबसे ज्यादा (18,000) था. वह अमेठी में आगे रहे, लेकिन तिलाई, जगदीशपुर और सलोन विधानसभा क्षेत्रों में पिछड़ गए. दो सदस्यीय समिति ने गौरगंज और तिलोई में पार्टी कार्यकर्ताओं की प्रतिक्रिया ली. समिति अगले दो दिनों के दौरान जगदीशपुर, सलोन और अमेठी में कार्यकर्ताओं से मिलेगी. अंतिम रिपोर्ट कांग्रेस हाईकमान को अगले सप्ताह सौंपी जाएगी. (इनपुट-IANS) 

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