हरियाणा में दुष्यंत चौटाला नए नेता के तौर पर उभरे हैं. सवाल है कि देवीलाल की विरासत का असली वारिस कौन है? मौजूदा चुनाव में INLD का जो हाल हुआ है और जननायक जनता पार्टी (JJP) जिस तरह नई ताक़त बन कर उभरी है, उसे देखते हुए माना जा रहा है कि देवीलाल की विरासत उन्हीं के हाथ में है. इस पूरी राजनीति में जेजेपी एक नई ताक़त और दुष्यंत चौटाला एक नए नेता के तौर पर उभरे हैं। ये साफ हो गया कि अब देवीलाल की विरासत उनके हाथ में है. शुक्रवार सुबह दुष्यंत चौटाला को विधायकों ने अपना नेता चुना. इसके बाद दुष्यंत तिहाड़ में बंद अपने पिता अजय चौटाला से मिले. दुष्यंत इसके पहले आइएनएलडी के टिकट पर ही हिसार से सांसद रह चुके हैं. लेकिन 2018 की टूट के बाद उन्होंने जननायक जनता पार्टी का गठन किया. वो जमीनी नेता माने जाते हैं जिनका लोगों और कार्यकर्ताओं से सीधा संपर्क है. दुष्यंत की पार्टी को 15 फ़ीसदी वोट मिले हैं, जिनमें बड़ी तादाद में युवाओं के वोट शामिल माने जा रहे हैं. हालांकि हरियाणा की मौजूदा राजनीति में 10 विधायकों के साथ अपना पहला क़दम तय करना दुष्यंत के लिए आसान नहीं है. जेजेपी के समर्थन के बाद हरियाणा की विधानसभा में बीजेपी गठबंधन के पास कुल 59 सीटें हो जाएंगी जो कि बहुमत से कहीं ज्यादा है.
10 बड़ी बातें
- शुक्रवार रात 9.30 बजे के आसपास बीजेपी अमित शाह अपने साथ मनोहरलाल खट्टर और दुष्यंत चौटाला को लेकर आए और साफ किया कि हरियाणा के जनादेश के मुताबिक बीजेपी और जेजेपी मिलकर सरकार बनाएंगी. उपमुख्यंत्री जेजेपी का होगा.
- हालांकि सुबह से तेज़ सियासत चलती रही. पहले बीजेपी ने 8 निर्दलीय विधायकों का समर्थन जुटाने का ऐलान किया.
- फिर गोपाल कांडा पर किरकिरी हुई तो कांडा के समर्थन से क़दम खींचती नज़र आई और अंत में जेजेपी के साथ जाने का फ़ैसला किया.
- दुष्यंत चौटाला (Dushyant Chautala) ने कहा कि राष्ट्रीय कार्यकारिणी ने मुझे अधिकृत किया है 'कॉमन मिनिमम प्रोग्राम' के तहत वृद्धा पेंशन और दूसरी मांगों पर जो दल सहमत होगा उसके साथ जेजेपी जाएगी और सरकार बनाने में मदद करेगी.
- चौटाला ने कहा कि हम पॉजिटिव हैं हरियाणा को आगे ले जाने के लिए. क्राइम कंट्रोल हो. युवा का रोजगार हमारी प्राथमिकता है. युवाओं को रोजगार और पेंशन भी हमारी प्राथमिकता है.
- दुष्यंत चौटाला ने कहा यह भी कहा कि बाहर से समर्थन का तो मतलब ही नहीं. अगर किसी पार्टी को सपोर्ट करेंगे तो सरकार में अंदर रहेंगे.
- इससे पहले देर शाम बैठकों का सिलसिला चला. अमित शाह के घर पहले बीजेपी नेता बैठे फिर अनुराग ठाकुर के साथ दुष्यंत आए.
- जेजेपी ने सरकार में शामिल होने की अपनी शर्त पहले से रखी कि उसे उपमुख्यमंत्री पद सहित तीन मंत्री पद चाहिए. बीजेपी ने इसे मान लिया.
- बीजेपी ने कहा कि निर्दलीय भी उसके साथ होंगे. लेकिन यह नहीं बताया कि गोपाल कांडा का क्या होगा.