दिल्ली के एक डाक्टर को एक NGO की मदद से और अपने पैसे से मास्क और फेस शील्ड बांटना मंहगा पड़ गया...डॉक्टर को रातोरात बर्खास्तगी का ऑर्डर पकड़ा दिया गया. मामला उत्तरी दिल्ली नगर निगम के हिन्दू राव अस्पताल का है जहां काम करने वाले डा पीयूष ने कुछ दिन पहले मास्क और PPE किट न होने की बात कही थी. फिर डा पीयूष ने एक NGO की मदद से 100 फेस शील्ड अपने साथी डाक्टर और स्वास्थ्य कर्मियों में बंटवा दिया. लेकिन जैसे ही उन्होंने फेस शील्ड बंटवाया कुछ ही घंटों के भीतर अस्पताल प्रशासन ने डा पीयूष पर अस्पताल की बदनामी करने का आरोप लगाकर उन्हें बर्खास्तगी की चिट्ठी पकड़ा दी.
यही नहीं उत्तरी दिल्ली नगर निगम की कमिश्नर वर्षा जोशी इससे एक कदम आगे निकल कर ट्वीट किय कि इस जेंटलमैंन ने खराब काम किया है..अस्पताल के स्टोर में रखे जीवन दायक सामानों को बांटकर अस्पताल में काम करने वाले डाक्टरों की जिंदगी से खिलवाड़ किया है. हालांकि NDTV के पास जो पत्र है उसमें एक NGO ने डा पीयूष के नाम से 100 फेस शील्ड भेजा है. इसे उन्होंने अपने साथी डाक्टरों में बांटा था. डा पीयूष मे बताया "उन्होंने अपने पैसे और एक दोस्त के NGO से बात करके ये सामान मंगवाया था फिर उसे बांटा था लेकिन अगर वो कहती है मैं चोर हूं तो उन्हें प्रूव करना पड़ेगा कि मैं चोर हूं.हर डाक्टर को उन्होंने खींच दिया इस बात को कहकर कि एक डाक्टर चोर है..क्या वही काम कर रही हैं हम नहीं कर रहे हैं हमारा जीवन उनसे ज्यादा खतरे में हैं."
इस मामले पर मेयर मेयर अवतार सिंह ने कहा है कि डॉक्टर को बर्खास्त करना गलत है. साथ ही उन्होंने कहा कि वो इस मामले पर कमिश्नर से बात करेंगे. गौरतलब है कि डा पीयूष ने अस्पताल के छत का प्लास्टर गिरने और तनख्वाह न मिलने के मुद्दे के खिलाफ भी आवाज उठाई थी.
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