 
                                            सुप्रीम कोर्ट ने कहा, ऑनर किलिंग रोकने के लिए स्पेशल सेल बनवाए केंद्र सरकार (प्रतीकात्मक फोटो)
                                                                                                                        
                                        
                                        
                                                                                नई दिल्ली: 
                                        ऑनर किलिंग को लेकर सुप्रीम कोर्ट तय करेगा कि खाप पंचायत और अन्य को लेकर कानून आने तक कोई गाइडलाइन जारी करे या नहीं. केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में कहा कि ऑनर किलिंग IPC में हत्या के अपराध के तहत आती है. ऑनर किलिंग को लेकर लॉ कमिशन की सिफारिशों पर विचार हो रहा है. इस संबंध में 23 राज्यों के विचार प्राप्त हो चुके हैं. 6 राज्यों के विचार आने बाकी हैं. इस दौरान सुप्रीम कोर्ट इस संबंध में दिशा निर्देश जारी कर सकती है. केंद्र ने कहा कि कोर्ट सभी राज्यों को हर जिले में ऑनर किलिंग को रोकने के लिए स्पेशल सेल बनाने के निर्देश जारी करे. अगर कोई युगल शादी करना चाहता है और उसे जान का खतरा है तो राज्य उनके बयान दर्ज कर कार्रवाई करे.
सुप्रीम कोर्ट ने आदेश सुरक्षित रखा है. पिछली सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने साफ कहा कि अगर दो वयस्क शादी करते हैं तो कोई तीसरा उसमें दखल नहीं दे सकता. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हम यहां कहानी लिखने नहीं बैठे हैं और न ही इसलिए की शादी किस तरह से हो रही है. सुप्रीम कोर्ट ने खाप पंचायत के वकील को कहा कि आप कौन होते हैं दो वयस्कों की शादी में दखल देने वाले. कानून यहां है वो अपने हिसाब से काम करेगा. सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र से जवाब मांगा था.
कपल की सुरक्षा को लेकर दायर याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में केंद्र सरकार ने यह सलाह दी :
                                                                                
                                                                                
                                                                                                                        
                                                                                                                    
                                                                        
                                    
                                सुप्रीम कोर्ट ने आदेश सुरक्षित रखा है. पिछली सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने साफ कहा कि अगर दो वयस्क शादी करते हैं तो कोई तीसरा उसमें दखल नहीं दे सकता. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हम यहां कहानी लिखने नहीं बैठे हैं और न ही इसलिए की शादी किस तरह से हो रही है. सुप्रीम कोर्ट ने खाप पंचायत के वकील को कहा कि आप कौन होते हैं दो वयस्कों की शादी में दखल देने वाले. कानून यहां है वो अपने हिसाब से काम करेगा. सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र से जवाब मांगा था.
कपल की सुरक्षा को लेकर दायर याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में केंद्र सरकार ने यह सलाह दी :
- शादी करने वाले कपल को लेकर अगर कोई बाधा पहुंचाता है तो राज्य सरकार उनके खिलाफ कठोर कदम उठाए
- सभी राज्य सरकारों के पास स्पेशल यूनिट है जो भी अपनी मर्जी से शादी कर रहे हैं उन्हें प्रोटेक्शन दिया जाए
- जब अपनी मर्जी से शादी करने वाले कपल शादी के लिए रजिस्ट्रेशन करने के लिए जाए तो उसी समय उनको यह बता देना चाहिए कि उनकी जान को खतरा है
- पुलिस को शादी करने वाले कपल की सुरक्षा के लिए और कानून को अपने हाथ मे लेने के लिए कई तरह की गाइडलाइन्स पहले ही मिली हुई हैं
- उन पुलिस वालों के खिलाफ कठोर कदम उठाने चाहिए जो शिकायत के बावजूद भी कोई कदम नहीं उठाते हैं
- उन लोगों के खिलाफ केस चलना चाहिए जो अपनी मर्जी से शादी करने वाले कपल को परेशान करते हैं
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं
