धार्मिक स्थलों पर हो रहे हमले को लेकर गृह मंत्रालय ने दिल्ली पुलिस से रिपोर्ट तलब की है। मंत्रालय ने दिल्ली पुलिस से कहा है कि बीते छह महीने में वह चर्चों पर हुए हमले का वह ब्योरा दे और यह भी बताए कि उसने क्या कार्रवाई की और कितने लोगों को गिरफ़्तार किया है।
मंत्रालय ने इसके अलावा धार्मिक स्थलों की सुरक्षा के लिए पुलिस द्वारा किए गए इंतज़ाम का भी ब्योरा मांगा है। दिल्ली के वसंत कुंज इलाके में सेंट एल्फॉन्स चर्च पर हुए हमले के बाद मंत्रालय ने दिल्ली पुलिस से यह रिपोर्ट मांगी है।
गौरतलब है कि सोमवार तड़के तीन बजे कुछ अनजान लोगों ने चर्च का मुख्य द्वार तोड़कर अंदर घुस गए और वहां तोड़़फो़ड की।
दिल्ली पुलिस हालांकि पहली नज़र में इसे लूट का मामला बता रही है लेकिन उसकी जांच जारी है। उधर चर्च प्रशासन का कहना है कि लूट का मामला होता तो बेशक़ीमती सामान छोड़ नहीं दिए जाते।
दिल्ली में बीते दो महीनों में चर्चों के भीतर तोड़फोड़ या गड़बड़ी का यह पांचवां मामला है। एक दिसंबर को दिलशाद गार्डन के सेबेस्टियन चर्च में आग लगी। इसके बाद सात दिसंबर को जसोला में चर्च के पास पथराव की घटना सामने आई। तीन जनवरी को रोहिणी के एक चर्च के बाहर वाले हिस्से में आग लगी और 14 जनवरी को विकासपुरी के एक चर्च में तोड़फो़ड का मामला सामने आया।
वहीं बेंगलुरु में राजनाथ सिंह का एक बयान चर्चा में है, जिसमें उन्होंने ओबामा द्वारा धार्मिक स्वतंत्रता को लेकर की गई टिप्पणी को दुर्भाग्यपूर्ण बताया है। जाहिर है, धर्मांतरण से लेकर तोड़फोड़ के इन मामलों के बीच यह बयान एक नया विवाद पैदा कर सकता है।
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