विज्ञापन
This Article is From Aug 21, 2014

गृहमंत्रालय के ऐतराज के बाद सूचना प्रसारण मंत्रालय ने पंजाबी फिल्म 'कौम दे हीरे' पर लगाई रोक

गृहमंत्रालय के ऐतराज के बाद सूचना प्रसारण मंत्रालय ने पंजाबी फिल्म 'कौम दे हीरे' पर लगाई रोक
फिल्म ‘कौम दे हीरे’ का एक दृश्य
नई दिल्ली:

'कौम दे हीरे' पंजाबी फिल्म पर गृह मंत्रालय के ऐतराज़ के बाद सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने रोक लगा दी है। अब यह फिल्म शुक्रवार को रिलीज़ नहीं हो सकती है।

गृहमंत्रालय ने इस फिल्म को क्लीयरेंस पर सूचना और प्रसारण मंत्रालय से फिर विचार करने के लिए कहा था। सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय को लिखे पत्र में गृह मंत्रालय ने कहा कि पंजाबी भाषा की फिल्म ‘‘कौम दे हीरे’’ पंजाब और अन्य उत्तर भारत के राज्यों में सांप्रदायिक सौहार्द को प्रभावित कर सकती है। फिल्म कल रिलीज होने वाली थी।

गृह मंत्रालय ने सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय से कहा कि फिल्म की कुछ सामग्री बेहद आपत्तिजनक है और समुदायों के बीच शत्रुता पैदा कर सकती है और इससे सांप्रदायिक तनाव पैदा हो सकता है।

यह फिल्म इंदिरा गांधी हत्याकांड पर की घटना पर आधारित है। कहा जा रहा है कि इस फिल्म को मंजूरी के लिए सेंसर बोर्ड ने रिश्वत ली थी। वहीं, फिल्म के निर्माताओं ने सेंसर बोर्ड को किसी प्रकार की घूस दिए जाने की बात से इनकार किया है।

भूतपूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के हत्यारों - सतवंत सिंह और बेअंत सिंह - पर बनी एक पंजाबी फिल्म को कड़े चौतरफा राजनैतिक विरोध और प्रतिबंध की मांगों का सामना करना पड़ रहा है। दरअसल, भूतपूर्व प्रधानमंत्री के हत्यारों को 'कौम के हीरे' बताने वाली यह फिल्म शुक्रवार, 22 अगस्त को रिलीज़ होने जा रही है।

राज्य में विपक्षी पार्टी कांग्रेस की युवा शाखा के अध्यक्ष विक्रमजीत सिंह ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर फिल्म की रिलीज़ नहीं रोके जाने की स्थिति में राज्यव्यापी विरोध-प्रदर्शनों की चेतावनी दी है, जबकि राज्य में सत्तारूढ़ गठबंधन की घटक बीजेपी के एक सदस्य ने भी यही मांग की है।

इस फिल्म 'कौम दे हीरे' (समुदाय के हीरे) की कहानी 'ऑपरेशन ब्लूस्टार' से शुरू होती है, और सतवंत सिंह की फांसी पर खत्म होती है। उल्लेखनीय है कि बेअंत सिंह को इंदिरा गांधी के अन्य अंगरक्षकों ने गोलियां बरसाए जाने के तुरन्त बाद मौका-ए-वारदात पर ही मार डाला था। इंदिरा गांधी की हत्या के बाद देशभर में सिख-विरोधी दंगे भड़क गए थे, जिनमें लगभग 3,000 सिख मार दिए गए थे।

शिरोमणि अकाली दल समर्थित शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी ने पिछले साल एक कार्यक्रम के दौरान सतवंत सिंह और बेअंत सिंह को 'शहीदों' के रूप में सम्मानित किया था, जिसकी चौतरफा आलोचना की गई थी। आलोचकों के अनुसार इस फिल्म में भी हत्यारों का महिमामंडन किया गया है।

दरअसल, इस फिल्म को कई महीनों से विरोध का सामना कर पड़ रहा था, लेकिन निर्माताओं द्वारा सेंसर बोर्ड द्वारा बताए गए कुछ कट मंजूर कर लेने के बाद इसे रिलीज़ की अनुमति दे दी गई। लोकसभा चुनाव से पहले इस फिल्म की रिलीज़ को पहले 28 फरवरी को रोका गया, और फिर 14 मार्च को, लेकिन विदेशों में रिलीज़ कर दिया गया था, जहां इसे कुछ हद तक कामयाबी मिली है।

NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं

फॉलो करे:
कौन दे हीरे, पंजाबी फिल्म, पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी, ऑपरेशन ब्लू स्टार, गृहमंत्रालय, राजनाथ सिंह, इंदिरा गांधी की हत्या, सतवंत सिंह, बेअंत सिंह, Kaum De Heere, Punjabi Film, Indira Gandhi, Operation Blue Star, Home Ministry, Rajnath Singh, Censon Board, सेंसर बोर्
Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com