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This Article is From Jan 10, 2018

गणतंत्र दिवस 2018: प्‍लास्टिक का झंडा न करें इस्तेमाल, वरना...

इस गणतंत्र दिवस अगर आपने प्‍लास्टिक का झंडा इस्‍तेमाल किया तो आपको कानूनी कार्रवाई का सामना करना पड़ा सकता है और आपको जेल भी हो सकती है. गृहमंत्रालय ने इस संबंध में सभी राज्‍यों को केन्‍द्र शासित प्रदेशों को फ्लैग कोड का कड़ाई से पालन करने का निर्देश दिया है. 

गणतंत्र दिवस 2018: प्‍लास्टिक का झंडा न करें इस्तेमाल, वरना...
गृहमंत्राल ने सभी राज्‍यों को निर्देश दिया कि गणतंत्र दिवस पर प्‍लास्टिक का झंडा न हो इस्‍तेमाल (फाइल फोटो)
नई दिल्ली: इस गणतंत्र दिवस अगर आपने प्‍लास्टिक का झंडा इस्‍तेमाल किया तो आपको कानूनी कार्रवाई का सामना करना पड़ा सकता है और आपको जेल भी हो सकती है. गृहमंत्रालय ने इस संबंध में सभी राज्‍यों को केन्‍द्र शासित प्रदेशों को फ्लैग कोड का कड़ाई से पालन करने का निर्देश दिया है. 

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मंत्रालय ने सभी लोगों से आग्रह किया है कि वह प्लास्टिक के बने राष्ट्रीय झंडे का उपयोग न करें. इतना ही नहीं एडवाजरी भी जारी की है राष्ट्रीय ध्वज देश के लोगों की उम्मीदों और आकांक्षाओं को दर्शाता है और इसलिए इसे सम्मान प्राप्त होना चाहिए.

मंत्रालय ने कहा कि उसका ध्यान इस ओर दिलाया गया है कि महत्वपूर्ण अवसरों पर कागज के तिरंगे की बजाय प्लास्टिक के तिरंगे का इस्तेमाल किया जा रहा है. परामर्श के मुताबिक, चूंकि प्लास्टिक से बने झंडे कागज के समान जैविक रूप से अपघटनशील नहीं होते हैं, ये लंबे समय तक नष्ट नहीं होते हैं और ये वातावरण के लिए हानिकारक होते हैं. इसके अलावा, प्लास्टिक से बने राष्ट्रीय झंडों का सम्मानपूर्वक उचित निपटान सुनिश्चित करना एक समस्या है.

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राष्ट्रीय गौरव अपमान निवारण अधिनियम, 1971 की धारा-दो के मुताबिक - कोई भी व्यक्ति जो किसी सार्वजनिक स्थान पर या किसी भी अन्य स्थान पर सार्वजनिक रूप से भारतीय राष्ट्रीय झंडे या उसके किसी भाग को जलाता है, विकृत करता है, विरूपित करता है, दूषित करता है, कुरूपित करता है, नष्ट करता है, कुचलता है या उसके प्रति अनादर प्रकट करता है या (मौखिक या लिखित शब्दों में, या कृत्यों द्वारा) अपमान करता है तो उसे तीन वर्ष तक के कारावास से, या जुर्माने से, या दोनों से दंडित किया जाएगा.

परामर्श में कहा गया कि महत्वपूर्ण राष्ट्रीय, सांस्कृतिक और खेलकूद के अवसरों पर भारतीय ध्वज संहिता के प्रावधान के अनुरूप, जनता केवल कागज से बने झंडों का ही प्रयोग करे तथा समारोह के पूरा होने के बाद ऐसे कागज के झंडों को न विकृत किया जाए और न ही जमीन पर फेंका जाए. ऐसे झंडों का निपटारा उनकी मर्यादा के अनुरूप एकांत में किया जाए. 

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प्लास्टिक से बने झंडे का उपयोग न करने के बारे में व्यापक प्रचार इलेक्ट्रॉनिक एवं प्रिंट मीडिया में विज्ञापन के साथ किया जाए.

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