गृहमंत्री राजनाथ सिंह रमजान के दौरान सीज़फ़ायर के फ़ैसले की अधिकारियों से समीक्षा करेंगे.
नई दिल्ली:
केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह आज से दो दिनों के लिए जम्मू-कश्मीर में होंगे.कश्मीर के युवाओं तक पहुंचने के लिए रमज़ान के दौरान सीज़फ़ायर के फ़ैसले की गृह मंत्री अधिकारियों से समीक्षा करेंगे.साथ ही गृहमंत्री कुपवाड़ा भी जाएंगे जहां एक हफ़्ते पहले आर्मी पैट्रोल पार्टी पर हमला हुआ था.बीते कुछ दिनों में पाकिस्तान की तरफ से लगातार सीज फायर के उल्लंघन के बीच राजनाथ सिंह का यह दौरा काफी अहम माना जा रहा है. गौरतलब है कि जम्मू एवं कश्मीर में अंतर्राष्ट्रीय सीमा (आईबी) पर संघर्षविराम को बनाए रखने के लिए सोमवार फ्लैग मीटिंग हुई थी. इस मीटिंग के कुछ घंटों के भीतर ही पाकिस्तानी रेंजर्स ने मंगलवार को भारतीय चौकियों पर मोर्टार दागे. खास बात यह है कि कमांडर स्तर की बैठक की अपील पाकिस्तान की तरफ से ही हुई थी. पुलिस ने कहा कि अखनूर सेक्टर में पाकिस्तानी रेंजर्स ने बीती रात लगभग एक बजे दो से तीन मोर्टार दागे.
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पुलिस अधिकारी ने कहा, "सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के सैनिकों ने जवाबी हमला नहीं किया. पाकिस्तानी गोलाबारी से कोई हताहत नहीं हुआ है और न ही कोई नुकसान हुआ है." यह बैठक पाकिस्तान के अनुरोध पर हुई थी, जिसमें दोनों पक्षों ने युद्धविराम समझौते का सम्मान करने पर सहमति जताई थी.आपको बता दें कि भारत और पाकिस्तान ने जम्मू-कश्मीर में अंतरराष्ट्रीय सीमा पर शांति सुनिश्चित करने के लिए 'गोलीबारी रोकने' का फैसला सोमवार को ही किया था. पाकिस्तान के संघर्षविराम का उल्लंघन करने के कारण सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के दो जवानों की मौत हो गई थी. पाकिस्तान की ओर से यह हरकत उस समय की गई थी जब कुछ दिन पहले ही दोनों देशों के डीजीएमओ की हुई बातचीत में 2003 में संघर्ष विराम के समझौते को लागू करने का फैसला किया गया था.
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पुलिस अधिकारी ने कहा, "सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के सैनिकों ने जवाबी हमला नहीं किया. पाकिस्तानी गोलाबारी से कोई हताहत नहीं हुआ है और न ही कोई नुकसान हुआ है." यह बैठक पाकिस्तान के अनुरोध पर हुई थी, जिसमें दोनों पक्षों ने युद्धविराम समझौते का सम्मान करने पर सहमति जताई थी.आपको बता दें कि भारत और पाकिस्तान ने जम्मू-कश्मीर में अंतरराष्ट्रीय सीमा पर शांति सुनिश्चित करने के लिए 'गोलीबारी रोकने' का फैसला सोमवार को ही किया था. पाकिस्तान के संघर्षविराम का उल्लंघन करने के कारण सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के दो जवानों की मौत हो गई थी. पाकिस्तान की ओर से यह हरकत उस समय की गई थी जब कुछ दिन पहले ही दोनों देशों के डीजीएमओ की हुई बातचीत में 2003 में संघर्ष विराम के समझौते को लागू करने का फैसला किया गया था.
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