सरकार ने ऐलान किया है कि मध्य प्रदेश में अब पुलिसकर्मियों की तरह होमगार्ड को भी ड्यूटी के दौरान नाश्ता-भोजन के लिए भत्ता दिया जाएगा, साल में 2 महीने के बजाए 3 साल में फॉलऑन होगा. होमगार्ड और एसडीआरएफ के जवानों के लिये बजट में 25-25 लाख रुपये का प्रावधान भी किया जा रहा है, हालांकि खुद खाने-नाश्ते की रकम इतनी कम है कि इससे शायद ही एक बार भोजन मिले. पुलिसकर्मियों को ड्यूटी के दौरान 70 रुपए मिलते हैं, 20 रु. नाश्ते के लिये, 25 रुपये में दो वक्त का भोजन. थाने में बंद आरोपियों के खाने का भी यही बजट है. पौष्टिक भोजन के लिये पुलिसवालों को हर महीने 650 रुपए मिलते हैं, सिपाही से इंस्पेक्टर तक को 18 रुपए विशेष पुलिस भत्ता, 10 रु. राइफल भत्ता, 8 रु. आज भी साइकिल भत्ता मिलता है. पतलून सिलवाने के 105 रु., शर्ट के लिये 95 रु.
अब इसी आधार पर होमगार्ड के जवानों को भी भोजन भत्ता मिलेगा. पहले इन होमगार्ड्स के जवान को कोई भोजन भत्ता नहीं मिलता था लेकिन अब सरकार ने तय किया है होमगार्ड के जवानों को भी 24 घंटे ड्यूटी करने पर 70 रुपए की दर से भोजन दिया जाएगा. गृहमंत्री डॉ नरोत्तम मिश्र ने कहा होमगार्ड और एसडीईआरएफ के जवानों के भोजन और नाश्ते के लिए इस वर्ष बजट में 25 -25 लाख रुपए का प्रावधान किया गया है. मिश्र ने होमगार्ड के जवानों को आश्वस्त किया कि उन्हें किसी प्रकार से परेशानी नहीं आने दी जाएगी. सरकार के निर्णय लिया है कि जवानों को 3 साल में एक बार कॉल ऑफ किया जाएगा, अब प्रति वर्ष कॉल ऑफ नहीं किया जाएगा.
कांग्रेस को लगता है ये नाकाफी है, पार्टी प्रवक्ता फिरोज सिद्दीकी ने कहा जिस हिसाब से महंगाई की दर है 70 रु. में चाय, खाना और रात का भोजन संभव नहीं है जबतक पुलिस को 250-300 रु दैनिक भत्ता नहीं देंगे खाने के लिये तबतक पुलिस कैसे काम करेगी 16-17 घंटे वो काम करते हैं कांग्रेस मांग करती है 250-300 रु. प्रतिदिन दिये जाएं और कमलनाथ जी ने जो दैनिक अवकाश शुरू किया था उसे दिया जाए.
वैसे थाने में बंद आरोपियों को पुलिसकर्मियों से 10 रु. ज्यादा यानी 80 रु का भत्ता मिलता है. अब आरोपियों से लेकर पुलिसकर्मियों के भोजन भत्ते को बढ़ाने की सिफारिश हुई है लेकिन महीनों से ये लंबित ही है.
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