श्रीनगर:
श्रीनगर के सीआरपीएफ कैंप पर बुधवार को हुए आत्मघाती हमले की जिम्मेदारी कथित रूप से कश्मीर के आतंकवादी संगठन हिजबुल मुजाहिदीन ने ले ली है। हमले में क्रिकेटरों की वर्दी पहने दो आतंकवादी कैंप में घुस आए थे, और पांच जवानों को मार डाला था। हमले में छह सीआरपीएफ जवान घायल भी हुए, लेकिन दोनों आतंकवादियों को मार गिराया गया था।
हमले के तुरन्त बाद केंद्रीय गृहसचिव आरके सिंह ने दिल्ली में कहा था, "पहली नज़र में लगता है कि आतंकवादी सीमापार से आए थे, और पाकिस्तान के नागरिक थे..."
अब एक समाचार एजेंसी, कश्मीर न्यूज़ सर्विस, के मुताबिक हिजबुल मुजाहिदीन के प्रवक्ता बलीगुद्दीन ने फोन पर कहा है कि उनके संगठन के 'गुरिल्लों' ने सेंट्रल रिजर्व पुलिस फोर्स (सीआरपीएफ) के कैंप पर हमला किया, और बलीगुद्दीन ने ऐसे ही और हमले किए जाने की चेतावनी भी दी है। उल्लेखनीय है कि यह श्रीनगर में पिछले तीन साल में पहला फिदायीन हमला था।
उल्लेखनीय है कि बुधवार सुबह एक आत्मघाती हमले में आतंकवादियों ने श्रीनगर के बेमिना इलाके में केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) के एक शिविर पर हमला किया, जिसमें पांच जवान शहीद हो गए और छह अन्य घायल हुए। सूत्रों के मुताबिक, हमलावरों ने क्रिकेट यूनिफॉर्म पहनी हुई थी और उनके पास स्पोर्ट्स बैग था, जिसमें वे हथियार भरकर लाए थे।
इसके बाद गृहसचिव आरके सिंह ने कहा था कि शुरुआती जांच से लगता है कि मारे गए दोनों आतंकी पाकिस्तान से आए थे। सीमा पार से कुल चार आतंकवादियों के घुसने की खबर थी और दो आतंकवादी अभी भी हो सकते हैं, इसलिए सुरक्षा एजेंसियां एलर्ट हैं।
मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने जम्मू में राज्य विधानसभा में बताया कि सुबह पौने ग्यारह बजे हुए हमले में तीन नागरिक भी घायल हो गए। तीनों को अस्पताल पहुंचाया गया, जहां उनकी हालत खतरे से बाहर है। आईजीपी (कश्मीर) अब्दुल गनी मीर ने घटनास्थल पर संवाददाताओं को बताया, पांच जवान शहीद हो गए हैं और घायलों में चार से पांच सीआरपीएफ के जवान हैं।
उन्होंने कहा कि यह स्पष्ट नहीं है कि हमला करने वाले दो आतंकवादी थे या तीन, जिन्होंने सीआरपीएफ के शिविर पर ग्रेनेड फेंके और अंधाधुंध गोलीबारी की। मीर ने कहा, दो फिदायीन मारे गए हैं और तलाशी जारी है। उन्होंने कहा कि आतंकवादियों के समूह और उनकी पहचान की जांच की जा रही है।
बेमिना स्थित सीआरपीएफ शिविर के इर्दगिर्द पुलिस पब्लिक स्कूल तथा कई सरकारी इमारतें हैं। हालांकि, संसद हमले के दोषी अफजल गुरु के अवशेष लौटाने की मांग को लेकर अलगाववादियों द्वारा आहूत हड़ताल की वजह से स्कूल बंद था। पिछले तीन साल में कश्मीर में यह पहला आत्मघाती हमला है। इससे पहले जनवरी 2010 में इस तरह की घटना हुई थी। अब तक किसी आतंकी संगठन ने हमले की जिम्मेदारी नहीं ली है।
गत 2 मार्च को आतंकवादियों ने कुपवाड़ा जिले के हंदवाड़ा क्षेत्र में दो पुलिसकर्मियों की गोली मारकर हत्या कर दी थी। मुख्यमंत्री ने कहा कि हमले में चार से पांच सीआरपीएफ जवान घायल हुए हैं।
विधानसभा में सदस्य बलवंत सिंह मनकोटिया और इरफान शाह द्वारा मामला उठाए जाने पर जवाब में उन्होंने कहा कि इसके अलावा तीन नागरिक भी घायल हुए हैं। घायलों को अस्पताल में भर्ती कराया गया है। उमर ने कहा कि यह फिदायीन हमला था। हमले में शामिल दोनों आतंकी मारे गए है।
हमले के तुरन्त बाद केंद्रीय गृहसचिव आरके सिंह ने दिल्ली में कहा था, "पहली नज़र में लगता है कि आतंकवादी सीमापार से आए थे, और पाकिस्तान के नागरिक थे..."
अब एक समाचार एजेंसी, कश्मीर न्यूज़ सर्विस, के मुताबिक हिजबुल मुजाहिदीन के प्रवक्ता बलीगुद्दीन ने फोन पर कहा है कि उनके संगठन के 'गुरिल्लों' ने सेंट्रल रिजर्व पुलिस फोर्स (सीआरपीएफ) के कैंप पर हमला किया, और बलीगुद्दीन ने ऐसे ही और हमले किए जाने की चेतावनी भी दी है। उल्लेखनीय है कि यह श्रीनगर में पिछले तीन साल में पहला फिदायीन हमला था।
उल्लेखनीय है कि बुधवार सुबह एक आत्मघाती हमले में आतंकवादियों ने श्रीनगर के बेमिना इलाके में केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) के एक शिविर पर हमला किया, जिसमें पांच जवान शहीद हो गए और छह अन्य घायल हुए। सूत्रों के मुताबिक, हमलावरों ने क्रिकेट यूनिफॉर्म पहनी हुई थी और उनके पास स्पोर्ट्स बैग था, जिसमें वे हथियार भरकर लाए थे।
इसके बाद गृहसचिव आरके सिंह ने कहा था कि शुरुआती जांच से लगता है कि मारे गए दोनों आतंकी पाकिस्तान से आए थे। सीमा पार से कुल चार आतंकवादियों के घुसने की खबर थी और दो आतंकवादी अभी भी हो सकते हैं, इसलिए सुरक्षा एजेंसियां एलर्ट हैं।
मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने जम्मू में राज्य विधानसभा में बताया कि सुबह पौने ग्यारह बजे हुए हमले में तीन नागरिक भी घायल हो गए। तीनों को अस्पताल पहुंचाया गया, जहां उनकी हालत खतरे से बाहर है। आईजीपी (कश्मीर) अब्दुल गनी मीर ने घटनास्थल पर संवाददाताओं को बताया, पांच जवान शहीद हो गए हैं और घायलों में चार से पांच सीआरपीएफ के जवान हैं।
उन्होंने कहा कि यह स्पष्ट नहीं है कि हमला करने वाले दो आतंकवादी थे या तीन, जिन्होंने सीआरपीएफ के शिविर पर ग्रेनेड फेंके और अंधाधुंध गोलीबारी की। मीर ने कहा, दो फिदायीन मारे गए हैं और तलाशी जारी है। उन्होंने कहा कि आतंकवादियों के समूह और उनकी पहचान की जांच की जा रही है।
बेमिना स्थित सीआरपीएफ शिविर के इर्दगिर्द पुलिस पब्लिक स्कूल तथा कई सरकारी इमारतें हैं। हालांकि, संसद हमले के दोषी अफजल गुरु के अवशेष लौटाने की मांग को लेकर अलगाववादियों द्वारा आहूत हड़ताल की वजह से स्कूल बंद था। पिछले तीन साल में कश्मीर में यह पहला आत्मघाती हमला है। इससे पहले जनवरी 2010 में इस तरह की घटना हुई थी। अब तक किसी आतंकी संगठन ने हमले की जिम्मेदारी नहीं ली है।
गत 2 मार्च को आतंकवादियों ने कुपवाड़ा जिले के हंदवाड़ा क्षेत्र में दो पुलिसकर्मियों की गोली मारकर हत्या कर दी थी। मुख्यमंत्री ने कहा कि हमले में चार से पांच सीआरपीएफ जवान घायल हुए हैं।
विधानसभा में सदस्य बलवंत सिंह मनकोटिया और इरफान शाह द्वारा मामला उठाए जाने पर जवाब में उन्होंने कहा कि इसके अलावा तीन नागरिक भी घायल हुए हैं। घायलों को अस्पताल में भर्ती कराया गया है। उमर ने कहा कि यह फिदायीन हमला था। हमले में शामिल दोनों आतंकी मारे गए है।
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