मौलिक अधिकारों पर यूनिफॉर्म एक जायज़ पाबंदी : कर्नाटक हाईकोर्ट के फैसले की 5 बड़ी बातें

कर्नाटक हाई कोर्ट ने हिजाब विवाद में आज एक अहम फैसला सुनाया कि हिजाब पहनना इस्लामी आस्था की अनिवार्य प्रथा नहीं है. मुस्लिम छात्राओं ने अदालत से गुहार लगाई थी कि हिजाब पहनना भारतीय संविधान के तहत एक मौलिक अधिकार है, इसलिए स्कूलों-कॉलेजों में हिजाब पहनने की अनुमति दी जाय.

नई दिल्ली: कर्नाटक हाई कोर्ट ने हिजाब विवाद में आज एक अहम फैसला सुनाया कि हिजाब पहनना इस्लामी आस्था की अनिवार्य प्रथा नहीं है. मुस्लिम छात्राओं ने अदालत से गुहार लगाई थी कि हिजाब पहनना भारतीय संविधान के तहत एक मौलिक अधिकार है, इसलिए स्कूलों-कॉलेजों में हिजाब पहनने की अनुमति दी जाय.

मामले से जुड़ी अहम जानकारियां :

  1. हाईकोर्ट ने अपने फैसले में कहा है कि हिजाब पहनना इस्लाम की अनिवार्य धार्मिक प्रथा नहीं है. हाईकोर्ट की तीन-सदस्यीय खंडपीठ ने कहा, "गणवेश (यूनिफॉर्म) पहनने से विद्यार्थी इनकार नहीं कर सकते." 

  2. हाईकोर्ट ने अपने फैसले में कहा कि यूनिफॉर्म मौलिक अधिकारों पर एक उचित प्रतिबंध है. इसके साथ ही  हाईकोर्ट ने मुस्लिम लड़कियों की याचिका खारिज कर दी. कोर्ट ने साफ कहा, "हिजाब पहनना अनिवार्य धार्मिक प्रथा नहीं है." मामले में हाईकोर्ट की पूर्ण पीठ ने पिछले महीने अपनी सुनवाई पूरी कर ली थी. खंडपीठ में मुख्य न्यायाधीश रितुराज अवस्थी, न्यायमूर्ति जेएम खाजी और न्यायामूर्ति कृष्ण एम दीक्षित शामिल हैं.

  3. एक दर्जन मुस्लिम छात्राओं सहित अन्य याचिकाकर्ताओं ने अदालत को बताया था कि हिजाब पहनना भारत के संविधान और इस्लाम की आवश्यक प्रथा के तहत एक मौलिक अधिकार की गारंटी है. सुनवाई के ग्यारह दिन बाद हाईकोर्ट ने 25 फरवरी को अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था.

  4. कर्नाटक सरकार ने 5 फरवरी को स्कूलों-कॉलेजों में हिजाब पहनने पर पाबंदी लगा दी थी. इसके खिलाफ कर्नाटक के कई शहरों में विरोध-प्रदर्शन हुए थे. इसके बाद मामला हाई कोर्ट पहुंचा, जहां कोर्ट ने 10 फरवरी को शैक्षणिक संस्थानों में सभी तरह के धार्मिक वेशभूषा पर अस्थायी रूप से प्रतिबंध लगा दिया था. इसके बाद राज्य के कई हिस्सों में हिजाब पहनने वाली छात्राओं और शिक्षिकाओं को स्कूलों और कॉलेजों में प्रवेश करने से रोक दिया गया था..

  5. कर्नाटक सरकार ने 5 फरवरी को स्कूलों-कॉलेजों में हिजाब पहनने पर पाबंदी लगा दी थी. इसके खिलाफ कर्नाटक के कई शहरों में विरोध-प्रदर्शन हुए थे. इसके बाद मामला हाई कोर्ट पहुंचा, जहां कोर्ट ने 10 फरवरी को शैक्षणिक संस्थानों में सभी तरह के धार्मिक वेशभूषा पर अस्थायी रूप से प्रतिबंध लगा दिया था. इसके बाद राज्य के कई हिस्सों में हिजाब पहनने वाली छात्राओं और शिक्षिकाओं को स्कूलों और कॉलेजों में प्रवेश करने से रोक दिया गया था..