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This Article is From Aug 12, 2020

भारत-नेपाल संबंधों में तनाव के बाद 17 अगस्त को दोनों देशों के बीच उच्चस्तरीय बैठक

भारत (India) और नेपाल (Nepal) के बीच के बीच 17 अगस्त को बातचीत होने वाली है. सूत्रों के मुताबिक ये एक पहले से तय प्रक्रिया के तहत बैठक है जो वक्त-वक्त पर होती रहती है.

भारत-नेपाल संबंधों में तनाव के बाद 17 अगस्त को दोनों देशों के बीच उच्चस्तरीय बैठक
भारत और नेपाल के बीच उच्चस्तरीय वार्ता होगी.
नई दिल्ली:

भारत (India) और नेपाल (Nepal) के बीच के बीच 17 अगस्त को बातचीत होने वाली है. सूत्रों के मुताबिक ये एक पहले से तय प्रक्रिया के तहत बैठक है जो वक्त-वक्त पर होती रहती है. ये बैठक नेपाल में भारत के राजदूत विनय मोहव क्वात्रा और नेपाल के विदेश सचिव शंकर दास बैरागी के बीच होगी. हालांकि लिपुलेख -कालापानी (Lipulekh -Kalapani) में सड़क उद्घाटन के बाद भारत नेपाल के रिश्तों (India-Nepal Relations)में आई तल्खी के बाद दोनों देशों के बीच ये पहली बैठक है लेकिन सूत्रों के मुताबिक 2016 से इस तरह की बैठकें हो रही हैं और इनमें दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय आर्थिक और डेवलपमेंट प्रोजेक्ट पर बात होती है. 

हालांकि ये बैठक  काठमांडू में मार्च में हुए भारत- नेपाल संयुक्त प्रोजेक्ट मॉनिटरिंग समिति की बैठक के बाद हो रही है.
लेकिन ये साफ है कि दोनों देशों के बीच लिपुलेख-कालापानी सड़क, नेपाल के नए विवादास्पद मानचित्र, भगवान राम के जन्मस्थान को लेकर पीएम ओली के बयानों से हुए तमाम तनाव के बीच ये पहली उच्चस्तरीय बैठक है. दोनों देशों के बीच तनाव कम करने में ये बैठक कारगर हो सकती है.

यह भी पढ़ें: विवाद के बीच भारत का बयान, "कोई संदेह नहीं" गौतम बुद्ध का जन्म नेपाल में ही हुआ था

हालांकि भारत ने विवादास्पद मानचित्र पर साफ कहा था कि  कृत्रिम तरीके से बढाए गए नेपाल के इलाके को वो स्वीकार नहीं करता और नेपाल को सीमा विवाद (India-Nepal Border Dispute) पर बातचीत के लिए एक सकरात्मक माहौल बनाना चाहिए. भारत लगातार ये कहता रहा है कि सीमा विवाद पर बातचीत कोविड-19 महामारी से निपटने के बाद ही हो सकती है. 

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