मुंबई:
मुंबई के सीएसटी में 11 अगस्त को प्रदर्शन के बाद हुई हिंसा के मामले में बॉम्बे हाईकोर्ट ने तीन आरोपियों को जमानत दे दी है। सीएसटी हिंसा के मामले हाईकोर्ट ने पहली बार किसी आरोपी को जमानत दी है।
सीएसटी हिंसा के मामले में मुंबई पुलिस ने अब तक 62 लोगों को गिरफ्तार किया है जिसमें एक म्यांमार का नागरिक भी शामिल है। हाईकोर्ट ने अमिन चौधरी, उमेर अंसारी और नज़र सिद्दीकी को 30-30 हजार के निजी मुचलके पर जमानत दी है।
नजर को सीएसटी में प्रदर्शन के दौरान गोली लग गई थी। मुंबई पुलिस ने उसे जेजे अस्पताल से उस वक़्त गिरफ्तार किया जब उसे वहां से डिस्चार्ज किया गया था। जमानत का फैसला सुनाते वक़्त हाईकोर्ट ने कहा, "फिलहाल इन आरोपियों पर हत्या या हत्या की साजिश का मामला नहीं दिख रहा है।"
हाईकोर्ट जस्टिस अभय थिपसे ने कहा, "भले ही इन लोगों पर दंगा, सार्वजनिक संपत्ति का नुकसान करने जैसे धाराओं के तहत मामला चल जाए लेकिन पुलिस अब तक इन तीनों के खिलाफ दफा 302 और दफा 307 का कोई भी सबूत नहीं ला पाई है।"
अपने फैसले के दौरान हाईकोर्ट ने यह भी कहा कि ये तीनों आरोपी अगस्त महीने से ही जेल में हैं और पुलिस को अब इनकी हिरासत की कोई भी जरूरत नहीं है। अपनी जमानत याचिका में तीनों आरोपियों ने दलील दी थी सीएसटी में हुए हिंसा में वे शामिल नहीं थे। आरोपियों ने दावा किया कि हिंसा के दौरान वे सीएसटी से गुजर रहे थे जब पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार किया।
25 अक्टूबर को हाईकोर्ट दंगों के मामले में गिरफ्तार आरोपी अकबर खान की जमानत याचिका पर सुनवाई करेगी। 11 अगस्त को मुंबई के सीएसटी में प्रदर्शन के बाद हुई हिंसा के बाद दो लोगों की मौत हो गई थी। हिंसा में 60 से ज्यादा लोग घायल भी हुए थे जिसमें ज्यादातर पुलिस के जवान शामिल थे।
सीएसटी हिंसा के मामले में मुंबई पुलिस ने अब तक 62 लोगों को गिरफ्तार किया है जिसमें एक म्यांमार का नागरिक भी शामिल है। हाईकोर्ट ने अमिन चौधरी, उमेर अंसारी और नज़र सिद्दीकी को 30-30 हजार के निजी मुचलके पर जमानत दी है।
नजर को सीएसटी में प्रदर्शन के दौरान गोली लग गई थी। मुंबई पुलिस ने उसे जेजे अस्पताल से उस वक़्त गिरफ्तार किया जब उसे वहां से डिस्चार्ज किया गया था। जमानत का फैसला सुनाते वक़्त हाईकोर्ट ने कहा, "फिलहाल इन आरोपियों पर हत्या या हत्या की साजिश का मामला नहीं दिख रहा है।"
हाईकोर्ट जस्टिस अभय थिपसे ने कहा, "भले ही इन लोगों पर दंगा, सार्वजनिक संपत्ति का नुकसान करने जैसे धाराओं के तहत मामला चल जाए लेकिन पुलिस अब तक इन तीनों के खिलाफ दफा 302 और दफा 307 का कोई भी सबूत नहीं ला पाई है।"
अपने फैसले के दौरान हाईकोर्ट ने यह भी कहा कि ये तीनों आरोपी अगस्त महीने से ही जेल में हैं और पुलिस को अब इनकी हिरासत की कोई भी जरूरत नहीं है। अपनी जमानत याचिका में तीनों आरोपियों ने दलील दी थी सीएसटी में हुए हिंसा में वे शामिल नहीं थे। आरोपियों ने दावा किया कि हिंसा के दौरान वे सीएसटी से गुजर रहे थे जब पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार किया।
25 अक्टूबर को हाईकोर्ट दंगों के मामले में गिरफ्तार आरोपी अकबर खान की जमानत याचिका पर सुनवाई करेगी। 11 अगस्त को मुंबई के सीएसटी में प्रदर्शन के बाद हुई हिंसा के बाद दो लोगों की मौत हो गई थी। हिंसा में 60 से ज्यादा लोग घायल भी हुए थे जिसमें ज्यादातर पुलिस के जवान शामिल थे।
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