किसान पिता की मौत के बाद बेटे ने टांगा बैनर, रिश्वत के लिए पैसे जमा करने में मदद करें

किसान पिता की मौत के बाद बेटे ने टांगा बैनर, रिश्वत के लिए पैसे जमा करने में मदद करें

खास बातें

  • 45 वर्षीय कोलांजी का पिछले साल फरवरी में निधन हो गया था
  • परिवार को 12,500 रुपये के मुआवजे के लिए डेढ़ साल इंतजार करना पड़ा
  • मुआवजा जारी करने की ऐवज में अधिकारी ने कथित रूप से 3,000 की रिश्वत मांगी
चेन्नई:

तमिलनाडु के विल्लुपुरम जिले में एक मृत किसान के 15 वर्षीय लड़के की लोगों से पैसे मांगते यह तस्वीर प्रशासन के लिए शर्मिंदगी का सबब बनी गई है.

दरअसल जिले के एम कुन्नाथूर गांव के 45 वर्षीय कोलांजी का पिछले साल फरवरी में निधन हो गया था. उनके बेटे अजित को राज्य सरकार द्वारा किसानों की सामाजिक सुरक्षा योजना के तहत दिए जाने 12,500 रुपये के मुआवजे के लिए डेढ़ साल तक इंतजार करना पड़ा. हालांकि जब उसकी बारी आई तो गांव के प्रशासनिक अधिकारी ने चेक जारी करने के ऐवज में अजित से कथित रूप से तीन हजार रुपये की रिश्वत मांगी.

लाख कोशिशों के बाद जब अजीत पैसों का इंतजाम नहीं कर पाया, तो हताश होकर उसने सड़क पर बैनर लगाकर रिश्वत के लिए पैसे इकट्ठा करने में मदद मांगने लगा. उस बैनर पर तमिल में लिखा था कि वह पिता का अंतिम संस्कार करने के लिए उठाए कर्ज को चुकाने की स्थिति में नहीं है और उसके परिवार को 12,500 हजार रुपये का जो मुआवजा मिलना था, उसके लिए गांव के अधिकारी उससे 3,000 रुपये की रिश्वत मांग रहे हैं.

इस घटना का वीडियो और तस्वीरें वायरल हो गईं, जिसमें अजित बसों और अन्य सार्वजनिक जगहों पर लोगों से पैसे मांगता दिख रहा है. इसे लेकर हुई फजीहत के बाद जिला प्रशासन ने शनिवार को मामले की जांच के आदेश दे दिए हैं. राजस्व विभाग के अधिकारी सेथामराई ने मामले की जांच पूरी होने तक आरोपी अधिकारी वीएओ सुब्रमण्यन को उनके पद से हटा दिया है.

इस संबंध में सेंथामरई एनडीटीवी से कहते हैं कि उक्त अधिकारी रिश्वत मांगने के आरोपों से इनकार कर रहा है. वह बताते हैं, 'मुआवजे का चेक कोलांजी की पत्नी विजया के नाम पर बना था. उनके बेटे अजित को वह चेक नहीं दिया जा सकता, क्योंकि वह नाबालिग है. हम अब सोमवार को मुंबई में उसकी मां के बैंक खाते में सीधे पैसे ट्रांसफर करेंगे.'


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