बेंगलूर:
कर्नाटक के लोकायुक्त और लोकपाल मसौदा समिति के सदस्य संतोष हेगड़े ने गुरुवार को कहा कि समिति की 20 और 21 जून को होने वाली बैठकें महज एक औपचारिकता होगी क्योंकि सरकार के साथ चर्चा के लिए कोई गुंजाइश नहीं बची है। हेगड़े ने कहा, अगली दो बैठकें महज विधेयक के दो मसौदों का आदान-प्रदान करने की औपचारिकता भर होगी। लिहाजा, मेरे विचार से चर्चा का मुख्य हिस्सा खत्म हो चुका है। हर किसी को महसूस हो रहा है कि फैसला कर लिया गया है और अब अधिक चर्चा नहीं हो सकती। कम से कम समाज के सदस्यों को तो ऐसा ही लगता है। उन्होंने कहा कि अन्ना हज़ारे के लिये निर्णय करने की प्रक्रिया में अब कोई भूमिका नहीं बची है। कर्नाटक के लोकायुक्त ने जोर दिया कि भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई जारी रहनी चाहिए। उन्होंने कहा कि न सिर्फ केंद्र में सत्तारूढ़ दल, बल्कि देश में शासन करने वाली लगभग हर पार्टी ने व्यावहारिक तौर पर प्रभावशाली लोकपाल के लिये गंभीर कोशिशें नहीं की हैं। आजादी के बाद आयी सरकारों पर इस मुद्दे के प्रति गंभीर नहीं रहने का आरोप लगाते हुए हेगड़े ने कहा कि लोकपाल के अब तक आठ बार विधेयक तैयार हो चुके हैं लेकिन कानून नहीं बन सका है। उन्होंने कहा कि यह अपने आप में इस बात का संकेत है कि कोई भी सरकार एक मजबूत भ्रष्टाचार निरोधक कानून बनाने या भ्रष्टाचार से निपटने के लिये कोई सख्त संस्थान बनाने का इरादा नहीं रखती।
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