नई दिल्ली : भयंकर भूकंप की त्रासदी झेल रहे नेपाल की मुसीबत कम होने का नाम नहीं ले रहे। रविवार को 6.9 स्तर का बड़ा झटका आया और अब भारी बारिश शुरू हो गई है।
भारतीय मौसम विभाग के महानिदेशक एल एस राठौड़ ने एनडीटीवी को बताया है कि नेपाल और ख़ासतौर पर पूर्वी नेपाल में अगले 48 घंटे के भारी बारिश का अनुमान है। इससे भूस्खलन और हिमस्खलन का ख़तरा बढ़ेगा और राहत और बचाव काम में बाधा होगी। काठमांडू का हवाई अड्डा छोटा होने की वजह यहां बहुत ज़्यादा विमानों की आवाजाही नहीं हो सकती। ऐसे में फंसे हज़ारों लोगों को निकालने के लिए सड़क मार्ग के इस्तेमाल की तैयारी चल रही है। बसें भेजी जा रही हैं। लेकिन बारिश इन तमाम कामों में बाधा डालेगी। खुले आसमान के नीचे रहने को मजबूर लोगों को बारिश और परेशान करेगी। क्षतिग्रस्त मकानों के गिरने का ख़तरा भी बढ जाएगा।
राठौड़ के मुताबिक शनिवार से रविवार तक रिक्टर स्केल पर 4 और उससे ज़्यादा स्तर के अब तक 46 झटके आ चुके हैं। हालांकि झटके को लेकर कोई भविष्यवाणी नहीं की जा सकती लेकिन आशंका जतायी जा रही है कि जब तक भूकंप से पैदा हुआ रैपचर पूरी तरह से बैठ नहीं जाता तब तक इस तरह के झटके आते रहेंगे। कुछ दिनों से लेकर कुछ हफ्तों और महीनों तक ये प्रक्रिया चल सकती है।
वहीं पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय ने बयान जारी कर कहा, '27 अप्रैल और 28 अप्रैल को मौसम खराब रहने की ज्यादा संभावना है और खासकर नेपाल के पूर्वी हिस्से में यह ज्यादा खराब रह सकता है।' बयान में काठमांडू के लिए भी ऐसे ही मौसम का अनुमान जताया गया है। इसमें कहा गया है कि ऐसे मौसम के लिए एहतियात के कदम उठाए जाएं और कुछ स्थानों पर भूस्खलन की भी आशंका है।
बयान के अनुसार पश्चिम बंगाल और सिक्किम में भी अगले तीन दिनों में भारी बारिश से लेकर गरज के साथ छींटे पड़ने का अनुमान है। इसने कहा कि बिहार और पूर्वी उत्तर प्रदेश के अलग-अलग हिस्सों में भी अगले दो से तीन दिनों में गरज के साथ बारिश होने की संभावना है। (एजेंसी इनपुट के साथ)
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