अहमदाबाद:
बुधवार देर रात से बारिश सौराष्ट्र और गुजरात के अन्य हिस्सों में बंद रही, जिस वजह से गुरुवार को बाढ़ के हालात में काफी सुधार आया। लेकिन तब तक गुजरात के सौराष्ट्र इलाकों में 40 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी थी।
अमरेली ज़िले के बगसरा और अन्य जगहों पर गुरुवार को भी कई गावों से संपर्क नहीं हो पाया, क्योंकि इन इलाकों में ज्यादातर रास्ते बाढ़ के कारण टूट गए थे। राज्य सरकार ने बरसात बंद होने से राहत कार्य में तेजी दिखाई। करीब 4000 लोगों को सुरक्षित स्थानों पर ले जाया गया है।
गुरुवार को राज्य के कई इलाकों में भारी बारिश की चेतावनी दी गई थी, लेकिन राहत की बात यह रही कि बारिश नहीं हुई। जानकारों ने बताया कि सौराष्ट्र में अचानक आई बाढ़ ने काफी लोगों की जान ली।
आम तौर पर गुजरात की बड़ी नदियां जैसे कि नर्मदा, तापी, मही, साबरमती जैसी नदियों के इलाके में कुछ दिन से लगातार भारी बारिश हो रही थी, जिसकी वजह से इनमें बाढ़ का खतरा पैदा हुआ। लेकिन सौराष्ट्र इलाके की नदियां ज्यादा गहरी या बड़ी नहीं होती, जिस वजह से कम बारिश होने पर भी इनमें बाढ़ सी आ जाती है। ऐसे में, पूरे सौराष्ट्र में 10 इंच से लेकर 25 इंच तक की बारिश ने नदियों में बाढ़ ला दी है। लोगों को सावधान होने का तक का समय नहीं मिला, जिस वजह से इतने लोगों ने अपनी जान गवाई।
दूसरी ओर अहमदाबाद जैसे बड़े शहरों में भले ही बाढ़ ना आई हो, लेकिन कुछ घंटों की बारिश ने प्रशासन की डिसास्टर मैनेजमेंट के दावों की पोल खोल दी है। पूरे शहर में कई जगह सड़कें जमीन में धंस चुकी हैं।
एक जगह तो मुख्य सड़क पर करीब 50 मीटर जितना बड़ा गढ्ढा भी हो गया और बुधवार को एक महिला के उसमें गिरने से उसकी जान बाल-बाल बच गई। सरकार की इन नाकामियों के बीच राहत बस इतनी रही कि बारिश थम चुकी है और बाढ़ के हालात अब सामान्य हो रहे हैं।
अमरेली ज़िले के बगसरा और अन्य जगहों पर गुरुवार को भी कई गावों से संपर्क नहीं हो पाया, क्योंकि इन इलाकों में ज्यादातर रास्ते बाढ़ के कारण टूट गए थे। राज्य सरकार ने बरसात बंद होने से राहत कार्य में तेजी दिखाई। करीब 4000 लोगों को सुरक्षित स्थानों पर ले जाया गया है।
गुरुवार को राज्य के कई इलाकों में भारी बारिश की चेतावनी दी गई थी, लेकिन राहत की बात यह रही कि बारिश नहीं हुई। जानकारों ने बताया कि सौराष्ट्र में अचानक आई बाढ़ ने काफी लोगों की जान ली।
आम तौर पर गुजरात की बड़ी नदियां जैसे कि नर्मदा, तापी, मही, साबरमती जैसी नदियों के इलाके में कुछ दिन से लगातार भारी बारिश हो रही थी, जिसकी वजह से इनमें बाढ़ का खतरा पैदा हुआ। लेकिन सौराष्ट्र इलाके की नदियां ज्यादा गहरी या बड़ी नहीं होती, जिस वजह से कम बारिश होने पर भी इनमें बाढ़ सी आ जाती है। ऐसे में, पूरे सौराष्ट्र में 10 इंच से लेकर 25 इंच तक की बारिश ने नदियों में बाढ़ ला दी है। लोगों को सावधान होने का तक का समय नहीं मिला, जिस वजह से इतने लोगों ने अपनी जान गवाई।
दूसरी ओर अहमदाबाद जैसे बड़े शहरों में भले ही बाढ़ ना आई हो, लेकिन कुछ घंटों की बारिश ने प्रशासन की डिसास्टर मैनेजमेंट के दावों की पोल खोल दी है। पूरे शहर में कई जगह सड़कें जमीन में धंस चुकी हैं।
एक जगह तो मुख्य सड़क पर करीब 50 मीटर जितना बड़ा गढ्ढा भी हो गया और बुधवार को एक महिला के उसमें गिरने से उसकी जान बाल-बाल बच गई। सरकार की इन नाकामियों के बीच राहत बस इतनी रही कि बारिश थम चुकी है और बाढ़ के हालात अब सामान्य हो रहे हैं।
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