नई दिल्ली:
सीमा पर तनाव कम करने के पाकिस्तानी प्रधानमंत्री के भरोसे के बाद भी जम्मू-कश्मीर में पाकिस्तान की ओर से भारी गोलाबारी हो रही है।
भारतीय सेना का कहना है कि उसे लगातार फायरिंग में उलझाए रखा जा रहा है। पिछले हफ़्ते से चल रहे इस सिलसिले में अब तक पांच भारतीय जवानों घायल हो चुके हैं।
एक भारतीय जवान की मौत मंगलवार को ही हुई है। जबकि चार लोग 28 और 29 सितंबर को मारे गए हैं। वैसे सेना ने इन खबरों को गलत बताया है कि पाक सेना ने एलओसी के पास एक भारतीय गांव पर कब्ज़ा कर लिया है।
सेना ने बुधवार को कहा कि कुपवाड़ा के केरन सेक्टर में सीमा पार से भारी गोलीबोरी तो हो रही है, लेकिन किसी भारतीय गांव पर कब्ज़े जैसी कोई बात नहीं है।
सेना के मुताबिक सीमा पार से फायरिंग में तब शुरू हुई जब पिछले हफ़्ते घुसपैठ की एक बड़ी कोशिश नाकाम कर दी गई। सेना के मुताबिक ये फौजी कार्रवाई का नौवां दिन है।
सेना की 15 वीं कोर के जनरल ऑफिसर कमांडिंग लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह ने कहा, ‘हमारा इस अभियान पर पूरा नियंत्रण है जो 24 सितंबर को छेड़ा गया था। हमारी चौकियों पर घुसपैठियों के कब्जे की खबर पूरी तरह बेबुनियाद है।’
उन्होंने कहा, ‘अबतक जो अभियान चल रहा है, (घुसपैठियों की) जो ताकत है तथा कई बिंदुओं से उन्होंने (घुसपैठ का) जो प्रयास किया है, उनसे संकेत मिलता है कि निश्चित तौर पर वे कुछ विशेष सैनिक हैं। हमने घुसपैठ के पिछले जो प्रयास देखे हैं, यह उनसे बिल्कुल भिन्न है।’
लेफ्टिनेंट जनरल सिंह ने कहा कि आज इस अभियान का नौवां दिन है जिसमें पांच सैनिक घायल हुए हैं। उन्होंने कहा, ‘सभी घायल सैनिक भर्ती किए गए हैं और उनकी हालत स्थिर है।’
सिंह ने यह कहते हुए इस अभियान का ब्यौरा देने से इनकार किया कि ऐसा करने से इलाके में छिपे घुसपैठियों के खिलाफ सेना की प्रभावकारिता एवं रणनीति प्रभावित हो सकती है। उन्होंने कहा कि केरन सेक्टर में नियंत्रण रेखा के पार से आतंकवादियों की संभावित घुसपैठ के बारे में विशेष खुफिया सूचना के आधार पर अभियान शुरू किया गया था।
हालांकि सैन्य कमांडर ने कहा कि यह कहना फिलहाल जल्दबाजी होगी कि पाकिस्तानी सेना आतंकवादियों की इस घुसपैठ में शामिल है या नहीं है, लेकिन सिंह ने कहा कि निश्चित ही ऐसे संकेत हैं कि कुछ विशेष सैनिक उसके अंग हैं। उन्होंने कहा कि सेना इस चुनौती से टकराने के लिए तैयार है।
उन्होंने कहा, ‘यह हमारी भूमिका है और हम हैं ही उसी के लिए।’ उन्होंने कहा कि आतंकवादियों को चारों ओर से सैनिकों ने घेर लिया है लेकिन भारतीय के जानमाल के नुकसान को रोकने के लिए इस अभियान में एक के बाद एक कर आगे बढ़ा जा रहा है।
सिंह ने कहा, ‘अभियान काफी सोच समझकर तैयार किया गया है। हम जल्दबाजी नहीं कर रहे हैं क्योंकि ऐसा करने का मतलब अपने लोगों की जान जोखिम में डालना है।’
इन खबरों पर कि पाकिस्तानी सैनिकों ने कुछ भारतीय चौकियों पर कब्जा कर लिया है, सिंह ने कहा, ‘मैंने कुछ खबरें देखी हैं, मुझे ऐसा जान पड़ता है कि कुछ विरोधी एवं विध्वंसकारी तत्व इस दुष्प्रचार को हवा दे रहे हैं।’
उन्होंने कहा कि इस घुसपैठ प्रयास के विश्लेषण से बोर्डर एक्शन टीम (बीएटी) की संलिप्तता का संकेत मिलता है और इस टीम में पाकिस्तानी सैनिक एवं आतंकवादी शामिल हैं।
उन्होंने कहा, ‘इस घुसपैठ के तरीके का विश्लेषण करने के बाद मैं बस इतना कह सकता हूं कि यह विशुद्ध घुसपैठ (प्रयास) नहीं है। यह बीएटी सह घुसपैठ प्रयास था। यहां घुसपैठ करने वाले आतंकवादियों की संख्या बहुत ज्यादा है। कल रात 10-12 आतंकवादियों ने सीमापार से घेरेबंदी वाले इलाके में घुसने की कोशिश की।’
सिंह ने मीडिया की इन खबरों का खंडन किया कि तंगधार में 70 साल के एक बुजुर्ग मारे गए। सैन्य कमांडर ने कहा, ‘आतंकवादी 40-45 साल का था। उसके पास से एक ए के 47 राइफल मिली। इलाके में व्यापक छानबीन करने पर कुछ और हथियार एवं विस्फोटक मिले, जिनमें 12 ए के राइफलें शामिल थी और वह पाकिस्तान में बनी थी।’
26 सितंबर को सिंह ने संवाददाताओं से कहा था कि अभियान में मारे गए 10-12 आतंकवादियों के शव सैनिकों ने देखे। आज जब उनसे पूछा गया कि क्या अबतक कोई शव मिला है, उन्होंने कहा, ‘शव हमारे लिए महत्वपूर्ण नहीं है। महत्वपूर्ण जो है, वह यह है कि अभियान पूरी तरह सुनियोजित ढंग से संचालित किया जा रहा है।’
उन्होंने कहा कि इस अभियान का पूरा विवरण तभी साझा किया जाएगा जब सेना यह सुनिश्चित कर लेगी कि सारे घुसपैठियों का सफाया हो गया। हालांकि उन्होंने इस अभियान के पूरा होने की समय सीमा तय करने से इनकार कर दिया।
एक सवाल के जवाब में सिंह ने कहा कि इस अभियान के शुरू होने के बाद से इस इलाके में पाकिस्तानी पक्ष द्वारा बड़े संघर्षविराम उल्लंघन नहीं हुए।
कमांडर ने इन खबरों को भी खारिज कर दिया कि वायुसेना इस अभियान में सेना की मदद कर रही है। उन्होंने कहा, ‘मुझे यह तो और बेतुका लगा। कैसे आप यह कल्पना भी कर सकते हैं कि वायुसेना इसमें शामिल की जाएगी। यहां की भौगोलिक स्थिति बहुत ही विषम है।’
(इनपुट भाषा से भी)
भारतीय सेना का कहना है कि उसे लगातार फायरिंग में उलझाए रखा जा रहा है। पिछले हफ़्ते से चल रहे इस सिलसिले में अब तक पांच भारतीय जवानों घायल हो चुके हैं।
एक भारतीय जवान की मौत मंगलवार को ही हुई है। जबकि चार लोग 28 और 29 सितंबर को मारे गए हैं। वैसे सेना ने इन खबरों को गलत बताया है कि पाक सेना ने एलओसी के पास एक भारतीय गांव पर कब्ज़ा कर लिया है।
सेना ने बुधवार को कहा कि कुपवाड़ा के केरन सेक्टर में सीमा पार से भारी गोलीबोरी तो हो रही है, लेकिन किसी भारतीय गांव पर कब्ज़े जैसी कोई बात नहीं है।
सेना के मुताबिक सीमा पार से फायरिंग में तब शुरू हुई जब पिछले हफ़्ते घुसपैठ की एक बड़ी कोशिश नाकाम कर दी गई। सेना के मुताबिक ये फौजी कार्रवाई का नौवां दिन है।
सेना की 15 वीं कोर के जनरल ऑफिसर कमांडिंग लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह ने कहा, ‘हमारा इस अभियान पर पूरा नियंत्रण है जो 24 सितंबर को छेड़ा गया था। हमारी चौकियों पर घुसपैठियों के कब्जे की खबर पूरी तरह बेबुनियाद है।’
उन्होंने कहा, ‘अबतक जो अभियान चल रहा है, (घुसपैठियों की) जो ताकत है तथा कई बिंदुओं से उन्होंने (घुसपैठ का) जो प्रयास किया है, उनसे संकेत मिलता है कि निश्चित तौर पर वे कुछ विशेष सैनिक हैं। हमने घुसपैठ के पिछले जो प्रयास देखे हैं, यह उनसे बिल्कुल भिन्न है।’
लेफ्टिनेंट जनरल सिंह ने कहा कि आज इस अभियान का नौवां दिन है जिसमें पांच सैनिक घायल हुए हैं। उन्होंने कहा, ‘सभी घायल सैनिक भर्ती किए गए हैं और उनकी हालत स्थिर है।’
सिंह ने यह कहते हुए इस अभियान का ब्यौरा देने से इनकार किया कि ऐसा करने से इलाके में छिपे घुसपैठियों के खिलाफ सेना की प्रभावकारिता एवं रणनीति प्रभावित हो सकती है। उन्होंने कहा कि केरन सेक्टर में नियंत्रण रेखा के पार से आतंकवादियों की संभावित घुसपैठ के बारे में विशेष खुफिया सूचना के आधार पर अभियान शुरू किया गया था।
हालांकि सैन्य कमांडर ने कहा कि यह कहना फिलहाल जल्दबाजी होगी कि पाकिस्तानी सेना आतंकवादियों की इस घुसपैठ में शामिल है या नहीं है, लेकिन सिंह ने कहा कि निश्चित ही ऐसे संकेत हैं कि कुछ विशेष सैनिक उसके अंग हैं। उन्होंने कहा कि सेना इस चुनौती से टकराने के लिए तैयार है।
उन्होंने कहा, ‘यह हमारी भूमिका है और हम हैं ही उसी के लिए।’ उन्होंने कहा कि आतंकवादियों को चारों ओर से सैनिकों ने घेर लिया है लेकिन भारतीय के जानमाल के नुकसान को रोकने के लिए इस अभियान में एक के बाद एक कर आगे बढ़ा जा रहा है।
सिंह ने कहा, ‘अभियान काफी सोच समझकर तैयार किया गया है। हम जल्दबाजी नहीं कर रहे हैं क्योंकि ऐसा करने का मतलब अपने लोगों की जान जोखिम में डालना है।’
इन खबरों पर कि पाकिस्तानी सैनिकों ने कुछ भारतीय चौकियों पर कब्जा कर लिया है, सिंह ने कहा, ‘मैंने कुछ खबरें देखी हैं, मुझे ऐसा जान पड़ता है कि कुछ विरोधी एवं विध्वंसकारी तत्व इस दुष्प्रचार को हवा दे रहे हैं।’
उन्होंने कहा कि इस घुसपैठ प्रयास के विश्लेषण से बोर्डर एक्शन टीम (बीएटी) की संलिप्तता का संकेत मिलता है और इस टीम में पाकिस्तानी सैनिक एवं आतंकवादी शामिल हैं।
उन्होंने कहा, ‘इस घुसपैठ के तरीके का विश्लेषण करने के बाद मैं बस इतना कह सकता हूं कि यह विशुद्ध घुसपैठ (प्रयास) नहीं है। यह बीएटी सह घुसपैठ प्रयास था। यहां घुसपैठ करने वाले आतंकवादियों की संख्या बहुत ज्यादा है। कल रात 10-12 आतंकवादियों ने सीमापार से घेरेबंदी वाले इलाके में घुसने की कोशिश की।’
सिंह ने मीडिया की इन खबरों का खंडन किया कि तंगधार में 70 साल के एक बुजुर्ग मारे गए। सैन्य कमांडर ने कहा, ‘आतंकवादी 40-45 साल का था। उसके पास से एक ए के 47 राइफल मिली। इलाके में व्यापक छानबीन करने पर कुछ और हथियार एवं विस्फोटक मिले, जिनमें 12 ए के राइफलें शामिल थी और वह पाकिस्तान में बनी थी।’
26 सितंबर को सिंह ने संवाददाताओं से कहा था कि अभियान में मारे गए 10-12 आतंकवादियों के शव सैनिकों ने देखे। आज जब उनसे पूछा गया कि क्या अबतक कोई शव मिला है, उन्होंने कहा, ‘शव हमारे लिए महत्वपूर्ण नहीं है। महत्वपूर्ण जो है, वह यह है कि अभियान पूरी तरह सुनियोजित ढंग से संचालित किया जा रहा है।’
उन्होंने कहा कि इस अभियान का पूरा विवरण तभी साझा किया जाएगा जब सेना यह सुनिश्चित कर लेगी कि सारे घुसपैठियों का सफाया हो गया। हालांकि उन्होंने इस अभियान के पूरा होने की समय सीमा तय करने से इनकार कर दिया।
एक सवाल के जवाब में सिंह ने कहा कि इस अभियान के शुरू होने के बाद से इस इलाके में पाकिस्तानी पक्ष द्वारा बड़े संघर्षविराम उल्लंघन नहीं हुए।
कमांडर ने इन खबरों को भी खारिज कर दिया कि वायुसेना इस अभियान में सेना की मदद कर रही है। उन्होंने कहा, ‘मुझे यह तो और बेतुका लगा। कैसे आप यह कल्पना भी कर सकते हैं कि वायुसेना इसमें शामिल की जाएगी। यहां की भौगोलिक स्थिति बहुत ही विषम है।’
(इनपुट भाषा से भी)
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