गमज़दा शिलॉन्ग आईआईएम के छात्र
शिलॉन्ग:
देश के पूर्व राष्ट्रपति अब्दुल कलाम यहां पर अपने उसी सूट में दिखाई दिए जिसका नाम ही कलाम सूट पड़ गया। उनके चेहरे पर वहीं मुस्कुराहट थी जो लोगों को सुकून देती है। अभी उन्होंने अपना भाषण शुरू ही किया था, कि वह बेहोश होकर कभी न उठने के लिए गिर गए।
तमाम छात्र उनके पीछे पीछे अस्पताल भी पहुंचे जहां पर उन्हें ले जाया गया था, लेकिन सभी को वहां यही पता चला कि लोगों के राष्ट्रपति अब्दुल कलाम जिंदा नहीं रहे।
मंगलवार की सुबह मेघालय की राजधानी का मौसम भी मानो डॉ कलाम के प्रति अपनी संवेदनाएं व्यक्त रहा था। एक अजीब से शांति शिलॉन्ग में थी। जब से डॉ कलाम आईआईएम के इस कैंपस में बेहोश होकर गिरे, तब से एक छात्र ने खाना नहीं खाया। और बताया यह भी जा रहा है कि हालात इतने गमगीन हो चुके थे कि पूरी रात एक छात्र सोया नहीं।
एक महिला छात्र ने दुख व्यक्त करते हुए कहा कि अभी डॉ कलाम ने दो ही वाक्य बोले थे कि वे गिर गए और हमें उनका पूरा लेक्चर सुनने का मौका नहीं मिल पाया।
डॉ कलाम को यहां पर क्रिएटिंग ए लिवेबल प्लैनट विषय पर अपनी बात रखनी थी। वह यहां पर आईआईएम के दूसरे वर्ष के छात्रों को संबोधित करने वाले थे।
एक अन्य छात्र ने कहा कि हमसे से कई लोगों के लिए डॉ कलाम रोल मॉडल थे और यह मौका हम सबके लिए काफी अहम था। हमारे सीनियर बताते थे कि डॉ कलाम के साथ बातचीत कितनी असरदार होती है। इसी वजह से उन लोगों ने हमें कहा था कि किसी भी हालत में हमें यह भाषण सुनना चाहिए। हम उन्होंने देखकर काफी खुश थे कि अचानक यह सब हो गया।
आईआईएम शिलॉन्ग के अलावा, डॉ कलाम, आईआईएम अहमदाबाद के भी विजिटिंग फैकल्टी थे। इसी साल 6 मार्च को डॉ कलाम शिलॉन्ग के इस संस्थान में गए थे।
तमाम छात्र उनके पीछे पीछे अस्पताल भी पहुंचे जहां पर उन्हें ले जाया गया था, लेकिन सभी को वहां यही पता चला कि लोगों के राष्ट्रपति अब्दुल कलाम जिंदा नहीं रहे।
मंगलवार की सुबह मेघालय की राजधानी का मौसम भी मानो डॉ कलाम के प्रति अपनी संवेदनाएं व्यक्त रहा था। एक अजीब से शांति शिलॉन्ग में थी। जब से डॉ कलाम आईआईएम के इस कैंपस में बेहोश होकर गिरे, तब से एक छात्र ने खाना नहीं खाया। और बताया यह भी जा रहा है कि हालात इतने गमगीन हो चुके थे कि पूरी रात एक छात्र सोया नहीं।
एक महिला छात्र ने दुख व्यक्त करते हुए कहा कि अभी डॉ कलाम ने दो ही वाक्य बोले थे कि वे गिर गए और हमें उनका पूरा लेक्चर सुनने का मौका नहीं मिल पाया।
डॉ कलाम को यहां पर क्रिएटिंग ए लिवेबल प्लैनट विषय पर अपनी बात रखनी थी। वह यहां पर आईआईएम के दूसरे वर्ष के छात्रों को संबोधित करने वाले थे।
एक अन्य छात्र ने कहा कि हमसे से कई लोगों के लिए डॉ कलाम रोल मॉडल थे और यह मौका हम सबके लिए काफी अहम था। हमारे सीनियर बताते थे कि डॉ कलाम के साथ बातचीत कितनी असरदार होती है। इसी वजह से उन लोगों ने हमें कहा था कि किसी भी हालत में हमें यह भाषण सुनना चाहिए। हम उन्होंने देखकर काफी खुश थे कि अचानक यह सब हो गया।
आईआईएम शिलॉन्ग के अलावा, डॉ कलाम, आईआईएम अहमदाबाद के भी विजिटिंग फैकल्टी थे। इसी साल 6 मार्च को डॉ कलाम शिलॉन्ग के इस संस्थान में गए थे।
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