Covid-19 : आधे से ज्यादा मामले केरल और महाराष्ट्र से, देश के 90 जिलों में 80% केस दर्ज - सरकार

लव अग्रवाल ने कहा कि 90 जिलों में 80 फीसदी केस रिपोर्ट हो रहे हैं. लिमिटेड एरिया में केस सिमटे हैं. देश में कोरोना के 53 फीसदी केस महाराष्ट्र और केरल से हैं. 32 फीसदी केस केरल से हैं.

Covid-19 : आधे से ज्यादा मामले केरल और महाराष्ट्र से, देश के 90 जिलों में 80% केस दर्ज - सरकार

कई राज्यों में लोगों द्वारा लापरवाही देखने को मिली है. (फाइल फोटो)

खास बातें

  • 90 जिलों में 80 फीसदी कोरोना केस
  • कई देशों में फिर बढ़े कोविड के मामले
  • लोगों से लापरवाही न बरतने की अपील
नई दिल्ली:

भारत में कोरोनावायरस (Coronavirus India Report) के मामले लगातार कम हो रहे हैं लेकिन यह कहना जल्दबाजी होगा कि खतरा टल चुका है. महामारी का खतरा अभी भी बरकरार है. विशेषज्ञ कोरोना की तीसरी लहर की चेतावनी दे रहे हैं. वहीं कई राज्य इससे निपटने के लिए तैयारी भी शुरू कर चुके हैं. केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय (Health Ministry) के संयुक्त सचिव लव अग्रवाल ने आज (शुक्रवार) कहा कि देश में 86 जिले हैं, जहां कोविड के 100 केस रोजाना सामने आ रहे हैं.

लव अग्रवाल ने कहा कि 90 जिलों में 80 फीसदी केस रिपोर्ट हो रहे हैं. लिमिटेड एरिया में केस सिमटे हैं. देश में कोरोना के 53 फीसदी केस महाराष्ट्र और केरल से हैं. 32 फीसदी केस केरल से हैं. कोताही न हो नहीं तो कोरोना के केस फिर से बढ़ने का खतरा है. स्वास्थ्य मंत्रालय ने दुनिया के कई देशों में कोरोना के केस में कमी आने के बाद फिर बढ़ने का उदाहरण देते हुए कहा कि यूके, रूस, बांग्लादेश, साउथ कोरिया और इंडोनेशिया में केस बढ़ रहे हैं.

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लव अग्रवाल ने कहा कि बांग्लादेश में तीसरी वेव में ज्यादा केस रिपोर्ट हो रहे हैं. साउथ कोरिया में भी केस बढ़ रहे हैं. मास्क से संबंधित छूट दे दी थी, अब पाबंदी लगाई जा रही है. इंडोनेशिया में भी केस बढ़ रहे हैं.

उन्होंने आगे कहा कि छूट देने का यह मतलब हरगिज नहीं है कि कोविड खत्म हुआ है. सोचने की जरूरत है कि कैसे कोविड बिहेवियर को जारी रखना है. नीति आयोग के सदस्य वीके पॉल ने कहा कि कई जगहों पर खुलेआम लापरवाही देखने को मिल रही है जैसे- शहर, बाजार, टूरिस्ट प्लेस पर. टूरिज्म होना चाहिए, जिंदगी बढ़नी चाहिए पर लापरवाही न बरती जाए, नहीं तो वायरस का प्रकोप बढ़ेगा.

पॉल ने अपील की कि इस तरह का माहौल पैदा न करें. अब तक वह माहौल नहीं आया है कि इस तरह से व्यवहार करें. जो छूट है तो वह हमसे छिन सकती है, अगर इस तरह से वायरस को मौका देंगे. गर्भवती महिलाओं में सीरियसनेस बढ़ जाती है, इसलिए वैक्सीन की जरूरत है. दो जिंदगियों पर खतरा ज्यादा हो जाता है. कुछ कॉम्प्लिकेशन बढ़ जाती है. प्रीमैच्योर डिलीवरी का चांस बढ़ता है. महिला से लेकर बच्चे को भी नुकसान होता है. प्रेगनेंट महिलाओं को वैक्सीन लेनी चाहिए. देश के 66 जिलों में पॉजिटिविटी रेट 10 फीसदी से ज्यादा है.

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