अरिब फैयाज मजीद (फाइल फोटो)
नई दिल्ली:
पिछले साल अगस्त में सिविल इंजीनियरिंग की पढ़ाई पूरी करने वाले अरिब फैयाज मजीद ने इराक में मोसुल शहर में कुर्द सेना पर एक तरह से आत्मघाती हमला किया। ये उसका आत्मघाती हमले का पहला प्रयास था। इसके बाद तीन बार और उसने खुद को उड़ाने की कोशिश की पर कामयाब नहीं हुआ।
महाराष्ट्र के पनवेल का रहने वाला अरिब पहला भारतीय स्नातक है जिसने आईएसआईएस के ट्रेनिंग स्कूल से फिदायीन या आत्मघाती हमलावर होने की ट्रेनिंग पाई।
अब अरिब वापस आ चुका है और जांच अधिकारियों को उसने अपने असफल प्रयासों की जानकारी भी दी है जिसकी रिपोर्ट एनडीटीवी के पास है।
अरिब ने बताया कि अगस्त के हमले को एक दिन पहले हुए हवाई हमले ने विफल कर दिया था जिसमें विस्फोटकों से लदी गाड़ी नष्ट हो गई थी। अरिब उसी गाड़ी को सेना की पोस्ट पर ले जाकर टकराने वाला था।
कुछ दिनों बाद सितंबर 2014 में उसने ऐसा ही आत्मघाती हमला राबिया में कुर्द सेना की पोस्ट पर करने की कोशिश की। जब वो अपने निशाने की तरफ बढ़ रहा था तो कुर्द सेना के लड़ाकों ने उसकी गाड़ी पर हमला किया जिससे उसकी गाड़ी खराब हो गई और आगे नहीं बढ़ सकी। उसके बाद आरिब को भी गोली लगी लेकिन आईएसआईएस के लड़ाकों ने उसे बचा लिया।
कुछ ही दिनों बाद अरिब ने तीसरा प्रयास इराक के तलाल हुवा में किया। अरिब ने जांचकर्ताओं को बताया, 'मैं कुर्द सेना की तरफ बढ़ा, लेकिन विस्फोटकों से लदी मेरी हमर कार पर 23 केलिबर की विमान भेदी बंदूक से लगतार फायरिंग हो रही थी और गोलियां मेरी कार पर भी लगीं।'
एक बार फिर अरिब घायल हो गया और अपनी बेकार हो चुकी कार से उतरने के लिए मजबूर हो गया। अरिब ने बताया कि उसने लड़ना जारी रखने का निर्णय किया और तय किया कि जब उसका असला खत्म हो जाएगा तो वह अपने आत्मघाती जैकेट को उड़ा देगा। लेकिन उसका कमांडर जिसका नाम अबू सादिक था और वह आईएसआईएस का लड़ाका था, उसने अरिब को वापस लौटने पर मजबूर कर दिया।
अरिब ने जांचकर्ताओं को बताया, 'मैंने शहीद के रूप में जान देने की पुरजोर कोशिश की लेकिन शहादत नहीं पा सका। अरिब ने बताया कि वह सीरिया क्यों गया और कैसे वहां उसने अपनी सिविल इंजीनियरिंग की पढ़ाई का इस्तेमाल रक्का में भूमिगत बंकर बनाने में किया जो आईएसआईएस का नियंत्रण था और जहां अब भीषण हवाई हमले हो रहे हैं।
अरिब अपने 4 दोस्तों के साथ 24 मई 2014 को मुंबई से निकला। वह पिछले साल नवंबर महीने में वापस आया और तब से हिरासत में है, सुरक्षा एजेंसियों ने उससे गहन पूछताछ की है और उसपर कई आरोप लगाए गए हैं जिनमें मित्र देश सीरिया के खिलाफ लड़ाई छेड़ने का आरोप भी शामिल है।
अल कायदा से अलग, आईएसआईएस दुष्प्रचार और प्रलोभनों के जरिए दुनिया भर से युवाओं को शामिल होने के लिए आकर्षित करता है। इसमें से एक प्रलोभन यह भी होता है कि आईएसआईएस में शामिल होने के बाद उन्हें सीरिया की खूबसूरत महिलाओं से शादी करने का भी मौका मिलेगा।
अरिब से मिली जानकारी से पता चलता है कि कैसे आईएसआईएस लोगों को लुभाने के लिए सोशल मीडिया का इस्तेमाल करता है। अरिब ने बताया कि जैसे ही फिदायीन के रूप में उसकी ट्रेनिंग पूरी हुई और वह अपने पहले आत्मघाती हमले को अंजाम देने वाला था, आईएसआईएस की एक महिला रिक्रूटर जिससे वो कभी मिला तो नहीं था पर सोशल मीडिया के जरिए उससे संपर्क में था, वो फेसबुक पर यह पोस्ट करेगी कि उसने अरिब मजीद से शादी कर ली है। और तो और, अरिब से उसके फेसबुक का पासवर्ड भी देने को कहा गया जिससे वो महिला उसके अकाउंट का इस्तेमाल भारत के अन्य लोगों को लुभाने के लिए करती।
सीरियाई महिला से शादी करने के लालच उन तमाम वजहों में से एक है जिसके चलते चेन्नई का कंप्यूटर गीक इस साल के शुरू में आईएसआईएस में शामिल होने निकल पड़ा। एनडीटीवी ने पहले उसका भी इंटरव्यू किया था। यह कंप्यूटर प्रोफेशनल सीरिया से निकल भागा। वह कभी भी औपचारिक रूप से आईएस में शमिल नहीं हुआ और ना ही किसी आतंकी गतिविधि में शामिल हुआ। आजकल वह सुधार (rehabilitation programme) के दौर से गुजर रहा है।
अरिब ने यह भी बताया कि आईएस कैसे महिलाओं का यौन शोषण करता है और उनके साथ दुर्व्यवहार करता है। पकड़ी गई सभी महिलाओं को सेक्स गुलामों की तरह इस्तेमाल किया जाता है।
अरिब से पूछताछ करने वाले एक वरिष्ठ अधिकारी ने एनडीटीवी को बताया, 'महिलाओं के साथ आईएस कैसा व्यवहार करता है इसकी जानकारी इतनी भयावह है कि हमने इसे जांच रिपोर्ट से हटा देने का ही फैसला किया।'
अरिब ने बताया, 'मैंने सोचा था कि वो इस्लामिक स्टेट की स्थापना करना चाहते हैं, लेकिन मैंने देखा कि आईएसआईएस के लड़ाके महिलाओं के साथ जानवरों से भी बदतर सुलूक करते हैं।
महाराष्ट्र के पनवेल का रहने वाला अरिब पहला भारतीय स्नातक है जिसने आईएसआईएस के ट्रेनिंग स्कूल से फिदायीन या आत्मघाती हमलावर होने की ट्रेनिंग पाई।
अब अरिब वापस आ चुका है और जांच अधिकारियों को उसने अपने असफल प्रयासों की जानकारी भी दी है जिसकी रिपोर्ट एनडीटीवी के पास है।
अरिब ने बताया कि अगस्त के हमले को एक दिन पहले हुए हवाई हमले ने विफल कर दिया था जिसमें विस्फोटकों से लदी गाड़ी नष्ट हो गई थी। अरिब उसी गाड़ी को सेना की पोस्ट पर ले जाकर टकराने वाला था।
कुछ दिनों बाद सितंबर 2014 में उसने ऐसा ही आत्मघाती हमला राबिया में कुर्द सेना की पोस्ट पर करने की कोशिश की। जब वो अपने निशाने की तरफ बढ़ रहा था तो कुर्द सेना के लड़ाकों ने उसकी गाड़ी पर हमला किया जिससे उसकी गाड़ी खराब हो गई और आगे नहीं बढ़ सकी। उसके बाद आरिब को भी गोली लगी लेकिन आईएसआईएस के लड़ाकों ने उसे बचा लिया।
कुछ ही दिनों बाद अरिब ने तीसरा प्रयास इराक के तलाल हुवा में किया। अरिब ने जांचकर्ताओं को बताया, 'मैं कुर्द सेना की तरफ बढ़ा, लेकिन विस्फोटकों से लदी मेरी हमर कार पर 23 केलिबर की विमान भेदी बंदूक से लगतार फायरिंग हो रही थी और गोलियां मेरी कार पर भी लगीं।'
एक बार फिर अरिब घायल हो गया और अपनी बेकार हो चुकी कार से उतरने के लिए मजबूर हो गया। अरिब ने बताया कि उसने लड़ना जारी रखने का निर्णय किया और तय किया कि जब उसका असला खत्म हो जाएगा तो वह अपने आत्मघाती जैकेट को उड़ा देगा। लेकिन उसका कमांडर जिसका नाम अबू सादिक था और वह आईएसआईएस का लड़ाका था, उसने अरिब को वापस लौटने पर मजबूर कर दिया।
अरिब ने जांचकर्ताओं को बताया, 'मैंने शहीद के रूप में जान देने की पुरजोर कोशिश की लेकिन शहादत नहीं पा सका। अरिब ने बताया कि वह सीरिया क्यों गया और कैसे वहां उसने अपनी सिविल इंजीनियरिंग की पढ़ाई का इस्तेमाल रक्का में भूमिगत बंकर बनाने में किया जो आईएसआईएस का नियंत्रण था और जहां अब भीषण हवाई हमले हो रहे हैं।
अरिब अपने 4 दोस्तों के साथ 24 मई 2014 को मुंबई से निकला। वह पिछले साल नवंबर महीने में वापस आया और तब से हिरासत में है, सुरक्षा एजेंसियों ने उससे गहन पूछताछ की है और उसपर कई आरोप लगाए गए हैं जिनमें मित्र देश सीरिया के खिलाफ लड़ाई छेड़ने का आरोप भी शामिल है।
अल कायदा से अलग, आईएसआईएस दुष्प्रचार और प्रलोभनों के जरिए दुनिया भर से युवाओं को शामिल होने के लिए आकर्षित करता है। इसमें से एक प्रलोभन यह भी होता है कि आईएसआईएस में शामिल होने के बाद उन्हें सीरिया की खूबसूरत महिलाओं से शादी करने का भी मौका मिलेगा।
अरिब से मिली जानकारी से पता चलता है कि कैसे आईएसआईएस लोगों को लुभाने के लिए सोशल मीडिया का इस्तेमाल करता है। अरिब ने बताया कि जैसे ही फिदायीन के रूप में उसकी ट्रेनिंग पूरी हुई और वह अपने पहले आत्मघाती हमले को अंजाम देने वाला था, आईएसआईएस की एक महिला रिक्रूटर जिससे वो कभी मिला तो नहीं था पर सोशल मीडिया के जरिए उससे संपर्क में था, वो फेसबुक पर यह पोस्ट करेगी कि उसने अरिब मजीद से शादी कर ली है। और तो और, अरिब से उसके फेसबुक का पासवर्ड भी देने को कहा गया जिससे वो महिला उसके अकाउंट का इस्तेमाल भारत के अन्य लोगों को लुभाने के लिए करती।
सीरियाई महिला से शादी करने के लालच उन तमाम वजहों में से एक है जिसके चलते चेन्नई का कंप्यूटर गीक इस साल के शुरू में आईएसआईएस में शामिल होने निकल पड़ा। एनडीटीवी ने पहले उसका भी इंटरव्यू किया था। यह कंप्यूटर प्रोफेशनल सीरिया से निकल भागा। वह कभी भी औपचारिक रूप से आईएस में शमिल नहीं हुआ और ना ही किसी आतंकी गतिविधि में शामिल हुआ। आजकल वह सुधार (rehabilitation programme) के दौर से गुजर रहा है।
अरिब ने यह भी बताया कि आईएस कैसे महिलाओं का यौन शोषण करता है और उनके साथ दुर्व्यवहार करता है। पकड़ी गई सभी महिलाओं को सेक्स गुलामों की तरह इस्तेमाल किया जाता है।
अरिब से पूछताछ करने वाले एक वरिष्ठ अधिकारी ने एनडीटीवी को बताया, 'महिलाओं के साथ आईएस कैसा व्यवहार करता है इसकी जानकारी इतनी भयावह है कि हमने इसे जांच रिपोर्ट से हटा देने का ही फैसला किया।'
अरिब ने बताया, 'मैंने सोचा था कि वो इस्लामिक स्टेट की स्थापना करना चाहते हैं, लेकिन मैंने देखा कि आईएसआईएस के लड़ाके महिलाओं के साथ जानवरों से भी बदतर सुलूक करते हैं।
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