दिल्ली में महिलाओं की सुरक्षा पर दायर जनहित याचिका की सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट ने केंद्र सरकार और दिल्ली पुलिस को फिर से फटकार लगाई, और पूछा कि आखिर दिल्ली को महफूज बनाने के लिए क्या-क्या कदम उठाए जा रहे हैं और सीसीटीवी कैमरे कब तक लगेंगे। इसके लिए हाईकोर्ट ने दिल्ली पुलिस को 20 मार्च तक अपनी रिपोर्ट दाखिल करने को कहा है।
दरअसल, हाइकोर्ट ने पिछली सुनवाई में भी सरकार और पुलिस को आड़े हाथ लिया था। याचिका में कहा गया था कि सरकार ने अमेरिका के राष्ट्रपति बराक ओबामा की सुरक्षा के लिए 15,000 सीसीटीवी कैमरे किराये पर लिए हैं, जिस पर हाइकोर्ट ने कहा था कि सरकार को दिल्ली के नागरिकों की कोई चिंता नहीं है। मामले की सुनवाई के दौरान एडिशनल सॉलिसिटर जनरल संजय जैन ने कोर्ट में बताया कि ये 15,000 कैमरे किराये पर लिए गए थे। दिल्ली में कैमरे लगाने की प्रक्रिया चल रही है और इसमें कुछ वक्त लगेगा। इस पर हाईकोर्ट ने एक बार फिर सरकार के रवैये पर नाराजगी जताई और कहा कि ऐसा लगता है कि सरकार को लोगों की सुरक्षा की कोई चिंता नहीं है।
हाइकोर्ट ने दिल्ली पुलिस को भी फटकार लगाते हुए कहा कि राजधानी में 4,700 पुलिस पोस्ट के लिए भी कोई कदम नहीं उठाया गया है। दिल्ली पुलिस ने राजधानी में महिलाओं के खिलाफ हो रहे अपराधों पर क्राइम मैप ज़रूर तैयार किया, लेकिन इसके बाद सुरक्षा के लिए कोई कदम नहीं उठाए। दिल्ली हाईकोर्ट ने पुलिस को कहा है कि वह 20 मार्च तक तमाम रिपोर्ट कोर्ट के सामने पेश करे।
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