हार्दिक पटेल की फाइल फोटो
जोधपुर:
राजस्थान हाईकोर्ट ने पाटीदार नेता हार्दिक पटेल द्वारा उनके घर के बाहर उदयपुर पुलिस की 'अवांछित निगरानी' के संबंध में दायर एक याचिका पर राज्य सरकार से जवाब मांगा. न्यायमूर्ति जीके व्यास की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने राज्य सरकार को नोटिस भेजकर इस याचिका पर जवाब देने के लिए 2 सितंबर तक का वक्त दिया.
हार्दिक ने याचिका दायर करके पुलिस द्वारा 'कड़ी और अवांछित निगरानी' से राहत की मांग की थी. उनका आरोप है कि पुलिस ने 6 महीने के लिए उनके अस्थायी घर के बाहर अस्थायी शिविर स्थापित कर लिया है.
आरक्षण आंदोलन नेता ने अपनी याचिका में कहा कि वह पिछले एक महीने से उदयपुर में अस्थायी रूप से रह रहे हैं, लेकिन पुलिस ने उन्हें घर में 'गैरकानूनी रूप से' हिरासत में ले रखा है और उन्हें कहीं जाने नहीं दिया जा रहा है. उन्होंने कहा कि उदयपुर पुलिस ने उन्हें बंधक बना रखा है, जबकि गुजरात हाईकोर्ट के आदेश में यह कही नहीं लिखा है कि उन्हें नजरबंद रखा जाएगा.
(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
हार्दिक ने याचिका दायर करके पुलिस द्वारा 'कड़ी और अवांछित निगरानी' से राहत की मांग की थी. उनका आरोप है कि पुलिस ने 6 महीने के लिए उनके अस्थायी घर के बाहर अस्थायी शिविर स्थापित कर लिया है.
आरक्षण आंदोलन नेता ने अपनी याचिका में कहा कि वह पिछले एक महीने से उदयपुर में अस्थायी रूप से रह रहे हैं, लेकिन पुलिस ने उन्हें घर में 'गैरकानूनी रूप से' हिरासत में ले रखा है और उन्हें कहीं जाने नहीं दिया जा रहा है. उन्होंने कहा कि उदयपुर पुलिस ने उन्हें बंधक बना रखा है, जबकि गुजरात हाईकोर्ट के आदेश में यह कही नहीं लिखा है कि उन्हें नजरबंद रखा जाएगा.
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